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Electoral Bonds Bought By Pharma And Healthcare Companies: चुनाव आयोग ने वेबसाइट पर इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली टॉप कंपनियों की डिटेल्स के साथ उन्होंने किस राजनीतिक पार्टी को कितना चुनावी चंदा दिया, इसके आंकड़े जारी किए हैं.
इलेक्टोरल बॉन्ड के Alphanumeric Code की मदद से पता चला है कि किस हेल्थकेयर और फार्मा कंपनी ने कौन-कौन सी राजनीतिक पार्टियों को कितना चुनावी चंदा दिया है. इनमें से कई कंपनियां दवाओं के सब-स्टैण्डर्ड क्वालिटी या इनकम टैक्स के कारण जांच के दायरे में थीं.
आइए यहां जानते हैं पॉलिटिकल पार्टियों के नाम और उन्हें दिए गए डोनेशन अमाउंट के बारे में.
पॉलिटिकल पार्टियों के नाम और उन्हें दिया गया डोनेशन अमाउंट
आंकड़ों पर नजर डालने से पता चलता है कि इस सेक्टर की कंपनियों द्वारा खरीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड की कुल कीमत 900 करोड़ रुपये से अधिक है.
यशोदा सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल ने 162 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे और इन राजनीतिक पार्टियों को दिया चुनावी चंदा-
बीआरएस - 94 करोड़ रुपये
कांग्रेस- 64 करोड़ रुपये
बीजेपी- 2 करोड़ रुपये
आम आदमी पार्टी- 1 करोड़ रुपये
वाईएसआर कांग्रेस- 1 करोड़ रुपये
हेल्थकेयर कंपनियों में यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल टॉप के खरीदारों में से एक है क्योंकि इसने 162 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं. दिसंबर 2020 में आयकर (आईटी) अधिकारियों द्वारा इस कॉर्पोरेट हॉस्पिटल चेन पर छापा मारा गया था.
हैदराबाद के डॉ रेड्डीज लेबोरेटरी ने 84 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे और इन राजनीतिक पार्टियों को दिया चुनावी चंदा-
बीआरएस - 32 करोड़ रुपये
बीजेपी- 25 करोड़ रुपये
कांग्रेस- 14 करोड़ रुपये
टीडीपी- 13 करोड़ रुपये
टोरेंट फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड ने कुल 77.5 करोड़ रु के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे और इन राजनीतिक पार्टियों को दिया चुनावी चंदा-
बीजेपी- 61 करोड़ रुपये
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा - 7 करोड़ रुपये
कांग्रेस- 5 करोड़ रुपये
समाजवादी पार्टी- 3 करोड़ रुपये
आम आदमी पार्टी- 1 करोड़ रुपये
सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट - 50 लाख रुपये
नाटको फार्मा लिमिटेड ने कुल 69.25 करोड़ रु के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे और इन राजनीतिक पार्टियों को दिया चुनावी चंदा-
बीआरएस - 20 करोड़ रुपये
बीजेपी- 15 करोड़ रुपये
टीडीपी- 14 करोड़ रुपये
कांग्रेस- 12.25 करोड़ रुपये
जन सेना - 5 करोड़ रुपये
वाईएसआर कांग्रेस- 3 करोड़ रुपये
हेटेरो ड्रग्स लिमिटेड, हेटेरो लैब्स लिमिटेड, हेटेरो बायोफार्मा लिमिटेड ने कुल 60 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे और इन राजनीतिक पार्टियों को दिया चुनावी चंदा-
बीआरएस - 50 करोड़ रुपये
बीजेपी- 10 करोड़ रुपये
डिविज (Divi's) लैबोरेटरीज लिमिटेड ने कुल 55 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे और इन राजनीतिक पार्टियों को दिया चुनावी चंदा-
बीजेपी- 30 करोड़ रुपये
बीआरएस - 20 करोड़ रुपये
कांग्रेस- 5 करोड़ रुपये
अरबिंदो फार्मा लिमिटेड, अरबिंदो फार्मा लिमिटेड ने कुल 52 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे और इन राजनीतिक पार्टियों को दिया चुनावी चंदा-
बीजेपी- 34.5 करोड़ रुपये
बीआरएस - 15 करोड़ रुपये
टीडीपी- 2.5 करोड़ रुपये
सिपला लिमिटेड, सिपला लिमिटेड ने कुल 39.2 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे और इन राजनीतिक पार्टियों को दिया चुनावी चंदा-
बीजेपी- 37 करोड़ रुपये
कांग्रेस- 2.2 करोड़ रुपये
एमएसएन फार्माकेम प्राइवेट लिमिटेड, एमएसएन लैबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड, एमएसएन ऑर्गेनिक्स प्राइवेट लिमिटेड ने कुल 38 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे और इन राजनीतिक पार्टियों को दिया चुनावी चंदा-
बीआरएस - 20 करोड़ रुपये
बीजेपी- 18 करोड़ रुपये
सन फार्मा लेबोरेटरीज लिमिटेड, सन फार्मा लेबोरेटरीज लिमिटेड ने कुल 31.5 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे और इन राजनीतिक पार्टियों को दिया चुनावी चंदा-
बीजेपी- 31.5 करोड़ रुपये
ज़ाइडस हेल्थकेयर लिमिटेड कुल 29 करोड़ के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे और इन राजनीतिक पार्टियों को दिया चुनावी चंदा-
बीजेपी- 18 करोड़ रुपये
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा - 8 करोड़ रुपये
कांग्रेस- 3 करोड़ रुपये
इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों को जांच एजेंसियों के छापे और जांच का सामना करना पड़ा था
डॉ रेड्डीज लेबोरेटरी हेल्थकेयर और फार्मा कंपनियों में काफी बड़ा नाम है. ये जेनेरिक, ब्रांडेड जेनेरिक और बायोलॉजिक्स की वाइड रेंज को मार्केट करती है. नवंबर 2023 में, आईटी अधिकारियों ने कर चोरी के आरोप में डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज के डॉ. के नागेंद्र रेड्डी पर छापेमारी की. यह तेलंगाना की शिक्षा मंत्री सबिता इंद्रा रेड्डी के परिसरों की तलाशी से जुड़े एक बड़े ऑपरेशन का हिस्सा था.
ED ने नवंबर 2022 में कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में अरबिंदो फार्मा के निदेशक सरथ रेड्डी को गिरफ्तार किया था.
हैदराबाद स्थित डिविज लैबोरेटरी को फरवरी 2019 में आईटी कार्रवाई का सामना करना पड़ा.
मैनकाइंड फार्मा ने कुल 24.6 करोड़ रु के इलेक्टोरल बॉन्ड. आयकर विभाग ने 11 मई को कर चोरी के आरोप में मैनकाइंड फार्मा के परिसरों पर छापेमारी की.
हेटेरो फार्मा पर आईटी छापे में कथित तौर पर फर्म से जुड़ी 550 करोड़ रुपये की बेहिसाब आय का पता चला.
हैदराबाद स्थित डिविज लैबोरेटरी को फरवरी 2019 में आईटी कार्रवाई का सामना करना पड़ा.
आयकर विभाग ने 2021 में एमएसएन फार्मा और उसके कार्यालयों के परिसरों पर छापेमारी की.
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