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G20 summit: कैसे कर रहे दिल्ली के सरकारी अस्पताल G20 की तैयारियां?

AIIMS के एक डॉक्टर ने फिट को बताया, ''हम किसी भी बड़ी आपात स्थिति के लिए तैयार रहना चाहते हैं.''

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स्ट्रेटेजिक स्थानों पर 50 से अधिक एम्बुलेंस तैनात हैं, इमरजेंसी सेवाओं को सुव्यवस्थित किया गया है, डेजिगनेटेड वीआईपी बिस्तर तैयार किए गए हैं, सभी लोग डेक पर हैं. इस तरह दिल्ली के टॉप सरकारी हॉस्पिटल इस सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी में होने वाले G20 समिट की तैयारी कर रहे हैं.

हॉस्पिटल के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली के दो सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और सफदरजंग हॉस्पिटल G20 समिट के लिए हाई अलर्ट पर हैं.

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AIIMS के एक डॉक्टर ने फिट को बताया, "हम किसी भी बड़ी इमरजेंसी के लिए तैयार रहना चाहते हैं. सभी की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं."

'हाई अलर्ट पर': नई एसओपी क्या हैं?

  • इमरजेंसी सर्विसेज स्ट्रीमलाइनड (streamlined) की गई

फिट को मिले एक सर्कुलर के मुताबिक, मरीजों के इंफ्लो और आउटफ्लो के बीच के अंतर को कम करने और आपातकालीन बिस्तरों को खाली रखने के लिए, सभी विभागों को प्रवेश और छुट्टी प्रक्रिया में तेजी लाकर इमरजेंसी मरीजों का क्विक टर्नओवर सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.

नोटिस में यह भी कहा गया है कि आपातकालीन सेवाएं उन मरीजों के लिए दूसरे हॉस्पिटल्स में रेफरल नेटवर्क विकसित करें, जिन मरीजों की स्थिति स्थिर होने के बाद आपात स्थिति से बाहर रेफर करने की आवश्यकता है. इसके अलावा जिन होटलों में प्रतिनिधियों को रुकना है वहां डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की 80 टीमें तैनात की गई हैं.

AIIMS के एक डॉक्टर ने फिट को बताया, ''हम किसी भी बड़ी आपात स्थिति के लिए तैयार रहना चाहते हैं.''

AIIMS दिल्ली का नोटिस, दिनांक 5 सितंबर, 2023

(फोटो: क्विंट फिट द्वारा प्राप्त)

एक इमरजेंसी रिस्पांस टीम भी तैयार है और जिसे जरूरत पड़ने पर ऐक्टिव किया जाएगा.

  • बेड रिजर्व्ड (Bed reserved)

अगस्त में जारी एक दूसरे सर्कुलर के अनुसार, AIIMS में G20 रोगियों के लिए एक निश्चित संख्या में बिस्तर और वार्ड निर्धारित किए जाने हैं.

इसमें शामिल है:

  • सीसीयू (CCU) में 2 बेड आरक्षित

  • न्यूरो आईसीयू (Neuro ICU) में 2 बेड आरक्षित

  • इमरजेंसी वार्ड 2 में 5 बेड निर्धारित

  • 12 निजी कमरे डेजिग्नेट किए जाएंगे

  • प्राइवेट वार्ड के 10 बेड आरक्षित

इनके अलावा, बड़े पैमाने पर इमरजेंसी के मामले में, सभी वैकल्पिक (elective) प्रवेश बंद कर दिए जाएंगे और खाली बेड आवश्यकता के अनुसार जी20 रोगियों को आवंटित किए जाएंगे.

  • आपदा वार्ड (Disaster ward)

सफदरजंग अस्पताल के एक डॉक्टर ने फिट को बताया, "हमारे पास पहले से ही एक समर्पित आपदा वार्ड (dedicated disaster ward) है, जिसे किसी भी सामूहिक आपदा के लिए हमेशा तैयार रखा जाता है. इसका उपयोग कोविड ​​​​के दौरान किया जा रहा था. इसे इमरजेंसी हालातों के लिए तैयार किया जा रहा है."

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  • हेल्पलाइन डेस्क स्थापित

सूत्रों के मुताबिक, प्रक्रिया को और आसान बनाने के लिए सफदरजंग अस्पताल के नए इमरजेंसी भवन में एक समर्पित हेल्पलाइन डेस्क बनाया गया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, लोक नायक अस्पताल में भी ऐसा ही एक हेल्थ डेस्क बनाया गया है.

  • छुट्टियां रद्द

AIIMS और सफदरजंग अस्पताल दोनों के अधिकारियों ने पुष्टि की कि 8 से 11 सितंबर के बीच सभी स्टाफ सदस्यों की कैजुअल, स्पेशल और अर्नेड लीव कैंसिल कर दी गई हैं.

  • पार्किंग को पुनर्व्यवस्थित किया गया

सफदरजंग अस्पताल में, जरूरत पड़ने पर एम्बुलेंस की सुचारू आवाजाही की सुविधा के लिए पार्किंग क्षेत्रों को फिर से आवंटित (reassigned) किया जा रहा है.

क्या नियमित मरीजों पर पड़ेगा असर?

AIIMS के एक डॉक्टर का कहना है, ''नहीं, पुरानी सेवाएं जारी हैं.''

सफदरजंग हॉस्पिटल के एक रेसिडेंट डॉक्टर का कहना है, ''हमारे पास आपातकालीन विभाग में पहले से ही ट्राइएजिंग की एक प्रणाली है, इसलिए नियमित रोगियों के लिए कुछ भी नहीं बदलेगा.''

जहां तक ​​वीआईपी वार्डों और आरक्षित बिस्तरों का सवाल है, वे कहते हैं, ये भी उन वार्डों और आईसीयू से अलग हैं, जहां नियमित रोगियों का इलाज किया जाता है.

अधिकारियों का कहना है कि मुख्य उद्देश्य किसी भी प्रकार की आपात स्थिति के लिए तैयार रहना और एफिशिएंसी (efficiency) में सुधार करके प्रक्रिया को आसान बनाना है.

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