Kids Healthy Diet: क्या आप इस बात को लेकर चिंतित हैं कि आपका बच्चा क्या खा (या नहीं खा) रहा है, क्या पी रहा है और कैसी हवा में सांस ले रहा है? आप अकेले नहीं हैं! अपने बच्चे को दें सबसे अच्छा उपहार, एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन देने के लिए पोषण उनके लिए आसान और मजेदार बनाएं.
उन्हें स्वस्थ खाने और जीने की आदत लगाएं. बच्चों को हेल्दी फूड खुशी-खुशी खाने की आदत कैसे दिलाई जाए ये बता रहे हैं हमारे एक्सपर्ट्स.
रोल मॉडल बनें
पौष्टिक भोजन खाने से आपके बच्चे की सेहत और इम्युनिटी में कई तरीकों से मदद मिलती है. सुनिश्चित करें कि एक परिवार के रूप में आप पौष्टिक भोजन खाएं. आपको एक अच्छा उदाहरण सेट करना होगा. स्वस्थ खाने की आदतों का अभ्यास करें और नियमित व्यायाम करें. यह जरूरी है. इसके बिना और कोई भी तरीका काम नहीं करेगा.
तो पहले आप खुद साग जैसी स्वस्थ चीजें खाना शुरू करें और बच्चों को बताएं कि इनका स्वाद कितना अच्छा है. इसका प्रभाव लेक्चर देने से कहीं अधिक पड़ेगा.
"बच्चे बहुत ध्यान से देखते हैं और तेजी से अपने माता-पिता की आदतों को अपना लेते हैं. सही भोजन खाएं और अपने बच्चों को भी यह दिखाकर एक मिसाल कायम करें. दिन का कोई ऐसा समय चुनें, जब आपका पूरा परिवार कम से कम एक बार साथ बैठकर भोजन करे."डॉ. रूपश्री जयसवाल, कंसलटेंट डायटीशियन और नूट्रिशनिस्ट, मदरहूड हॉस्पिटल, इंदौर
अपने भोजन में फलों, सब्जियों, साबूत अनाजों और फलियों की मात्रा बढ़ाएं और अपने परिवार को भी ऐसा करने के लिये प्रोत्साहित करें. तले हुए और शुगर वाले भोजन के लिये जंक फूड के बजाए स्वस्थ विकल्प चुनें.
हॉट टिप: अपने बच्चे को खाने की अच्छी आदतें जल्दी ही लगाएं. जितना हो सके कम उम्र से शुरू करें, इस तरह वे उन्हें जीवन भर बनाए रखेंगे.
उनका भोजन अधिक सीमित न करें
अपने बच्चे को पौष्टिक भोजन खाने के लिए देना महत्वपूर्ण है, लेकिन यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि उनके भोजन को बहुत अधिक रोकटोक न किया जाए.
"बहुत सख्त होने से खाने, प्रतिरोध (resistance) और यहां तक कि खाने की बात के साथ नेगेटिव जुड़ाव हो सकता है. इसके बजाय, भोजन और स्नैक्स के दौरान विभिन्न प्रकार के स्वस्थ विकल्प सामने रखें."डॉ. सुमित चक्रवर्ती, सीनियर कंसल्टेंट - पीडियाट्रिक्स एंड नियोनेटोलॉजी एंड हेड - एनआईसीयू, एशियन हॉस्पिटल, फरीदाबाद
अपने बच्चे को हेल्दी विकल्पों में से चुनाव करने दें, उन्हें नए खाद्य पदार्थों को आजमाने और विभिन्न स्वादों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करें. यह दृष्टिकोण भोजन के साथ एक पॉजिटिव संबंध को बढ़ावा देता है और उन्हें संतुलित आहार के भीतर अपनी प्राथमिकताएं विकसित करने का अधिकार देता है.
खुद से यह तय न करें कि उन्हें ऑलिव पसंद नहीं आएंगे या वे लहसुन से दूर भागेंगे. यहां तक कि एक साल से कम उम्र के बच्चे भी अलग-अलग स्वादों का आनंद ले सकते हैं.
इसलिए अगर आप उनकी थाली में सिर्फ खिचड़ी डालते रहेंगे, तो वे कभी नए स्वाद नहीं जानेंगे. अधिक मसालेदार भोजन और ब्लू चीज (blue cheese) जैसी फंकी चीजें बच्चों को न दें लेकिन इसके अलावा उन्हें वही खाना परोसें जो परिवार के बाकी सदस्य खा रहे हैं.
उनके सवालों का जवाब दें
यदि आपका बच्चा हर चीज के बारे में 'क्यों' पूछने के दौर से गुजर रहा है, तो इसका फायदा उठाएं. वे जानना चाहते हैं कि 'ब्रोकली खाना’ उनके लिए अच्छा क्यों है लेकिन ‘बर्गर खाना’ क्यों बुरा है?
बहुत अच्छी बात है! सुनिश्चित करें कि आप उत्तर जानते हैं और उन्हें समझते हैं. "क्योंकि मैंने ऐसा कहा” या “ऐसा ही होता है” कभी न कहें. यह बच्चों के लिए एक वैध कारण नहीं है और यह बिल्कुल भी काम नहीं करेगा.
उन्हें फ्रूट/वेजी बेबी बनाएं
"फलों और सब्जियों को देखने में आकर्षक और रोमांचक तरीके से पेश करें. फलों के रंगीन सलाद बनाएं, कटी हुई सब्जियों से मजेदार चेहरे या आकार बनाएं या फलों और सब्जियों के कबाब परोसें. खाना देखने में जितना आकर्षक होगा, बच्चे उसे खाने में उतनी ही ज्यादा रुचि दिखाएंगे."डॉ. रूपश्री जयसवाल, कंसलटेंट डायटीशियन और नूट्रिशनिस्ट, मदरहूड हॉस्पिटल, इंदौर
हमेशा हर भोजन के साथ या स्नैक्स के रूप में कम से कम एक फल और सब्जी दें, ताकि जैसे-जैसे वे बड़े हों, उन्हें दिन में फल और सब्जियां खाने की आदत पड़ जाए.
इस ट्रिक को आजमाएं. टेबल पर सबसे पहले सब्जी रखें, जिस समय आपका बच्चा सबसे ज्यादा भूखा हो. जब तक बाकी का खाना आएगा, तब तक वे उन सब्जियों को खा चुके होंगे.
यदि शुरुआत में, वे परोसी हुई सब्जियों से दूर भागते हैं, तो उन्हें मुख्य व्यंजन में शामिल करने का प्रयास करें. वेजी बेस्ड पास्ता सॉस बनाएं, उन्हें नूडल्स में डालें और चावल के साथ लेयर करें.
"माता-पिता, याद रखें, भूख सबसे महत्वपूर्ण चीज है. अपने बच्चे को कभी भी जबरदस्ती खिलाए-पिलाएं नहीं. भोजन का समय आनंदमय होना चाहिए. दो भोजन के बीच 4-5 घंटे का अंतर रखें. बच्चे को भोजन मांगने दें और भोजन के समय पूरा परिवार एक साथ बैठे."डॉ. सुमित चक्रवर्ती, सीनियर कंसल्टेंट - पीडियाट्रिक्स एंड नियोनेटोलॉजी एंड हेड - एनआईसीयू, एशियन हॉस्पिटल फरीदाबाद
उन्हें शॉपिंग के लिए साथ ले जाएं
किराना स्टोर आपके बच्चों को अच्छे पोषण के बारे में सिखाने के लिए अच्छी जगह है. बच्चे सबसे अच्छा तब सीखते हैं, जब वे प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं और अपने लिए खुद चुन सकते हैं.
"किराने की खरीदारी में अपने बच्चे को शामिल करना एक मजेदार और शैक्षिक अनुभव हो सकता है. उन्हें सुपरमार्केट या स्थानीय बाजार में ले जाएं और उन्हें गलियारे का पता लगाने दें. उन्हें विभिन्न फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और उपलब्ध अन्य स्वस्थ विकल्पों के बारे में सिखाएं."डॉ. सुमित चक्रवर्ती, सीनियर कंसल्टेंट - पीडियाट्रिक्स एंड नियोनेटोलॉजी एंड हेड - एनआईसीयू, एशियन हॉस्पिटल फरीदाबाद
डॉ. सुमित चक्रवर्ती आगे कहते हैं, "उन्हें अपने पसंदीदा फल और सब्जियां चुनने के लिए प्रोत्साहित करें, और उन्हें कौन सी चीजें खरीदनी हैं, इस पर उनकी राय पूछकर निर्णय लेने में शामिल करें. यह भागीदारी उन्हें यह समझने में मदद करती है कि उनका भोजन कहां से आता है."
इस ट्रिक को आजमाएं. उन्हें अगली डिनर के लिए सब्जी चुनने का विकल्प दें और देखें कि जब यह उनकी थाली में पहुंचता है तो वे कैसे उसे तुरंत खा लेते हैं.
बच्चों को कुकिंग में शामिल करें
'मुझे इस खाने से नफरत है', 'इसका स्वाद अजीब है'. क्या आपको भी यह सब सुनने मिलता है?
अधिकांश माता-पिता इन शब्दों को भोजन के समय सुनते हैं. एक अच्छा उपाय यह है कि उन्हें जो भोजन पसंद नहीं आता उसे कुक करते समय बच्चों को भी शामिल करें. जिन चीजों को पकाने में उन्होंने मदद किया है उन्हें खाने की अधिक संभावना रहती है.
सिंपल चीजों से शुरुआत करें. आपको बच्चों के बड़े होने, जब वह खुद पूरा भजन बना सकेंगे, तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है. छोटे बच्चे भी धोने, मिलाने, फैलाने आदि जैसे आसान स्टेप में मदद कर सकते हैं.
एक रात निर्धारित करें. भोजन तैयार करने में मदद करने के लिए परिवार के प्रत्येक सदस्य को सप्ताह की एक रात चुनने दें.
"ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों को किचन में घुसने भी नहीं देते हैं और वहां के छोटे-छोटे कामों में भी मदद नहीं लेते हैं."डॉ. रूपश्री जयसवाल, कंसलटेंट डायटीशियन और नूट्रिशनिस्ट, मदरहूड हॉस्पिटल, इंदौर
डॉ. रूपश्री जयसवाल फिट हिंदी से कहती हैं, "यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि बच्चे किसी धारदार चीज के पास न पहुंचें और गैस स्टोव से दूर रहें, लेकिन उन्हें आसान कामों में आपकी मदद के लिये अनुमति तो दी जा सकती है, जैसे कि फल और सब्जियां धोना, यह देखना कि फल या सब्जी इस्तेमाल के लिये ठीक है या नहीं. जब बच्चे इन कामों में आपकी मदद कर रहे हों, तब खाने की योजना में उन्हें शामिल करें और उनसे विभिन्न रंगों के फलों और सब्जियों को खाने और पोषण संबंधी फायदों पर बात करें. जब बच्चे इस प्रक्रिया में समय लगाते हैं, तब खाने में भी उनकी रुचि बढ़ती है, बजाए इसके कि वे खाने की तरफ देखे बिना प्लेट को दूर कर दें".
उनके साथ इन मजेदार, स्वस्थ और आसान व्यंजनों का आजमाएं
"आप अपने बच्चों के साथ गैस के बिना कुकिंग करते हुए स्वादिष्ट स्नैक्स या ताजगी देने वाले फ्रूट ज्यूस बनाने के लिये तरह-तरह की सामग्रियों पर प्रयोग कर सकते हैं और उनके लिए मजेदार और सेहतमंद व्यंजन बना सकते हैं."डॉ. रूपश्री जयसवाल, कंसलटेंट डायटीशियन और नूट्रिशनिस्ट, मदरहूड हॉस्पिटल, इंदौर
सलाद, सैण्डविच या नो-बेक डेजर्ट्स बनाने में उनकी मदद करना बड़ी मजेदार गतिविधि हो सकती है. अपने बच्चे को अलग-अलग व्यंजन आजमाने और बच्चों की कुक बुक्स देखने के लिये प्रोत्साहित करें, क्योंकि इससे वे खाना बनाने और उसे खाने की प्रक्रिया का भी मजा लेंगे.
स्वस्थ गाजर फ्राई- अपने ओवन को 220 डिग्री सेल्सियस पर पहले से गर्म करें और फॉइल के साथ शैलो पैन को लाइन करें. कुछ गाजर छीलें, टिप काट लें और उन्हें आधे इंच लंबे स्ट्रिप्स में काट लें.
इसके बाद, गाजर को थोड़ा सा ऑलिव ऑयल, नमक, काली मिर्च और रोजमेरी के साथ मिलाएं और फिर गाजर को तवे पर फैला दें. गाजर को लगभग 20 मिनट तक या गाजर के नरम होने तक बेक करें.
सैंडविच ऑन अ स्टिक- हैम, ब्रेड, चीज, सेब, लेट्यूस के क्यूब्स काट लें और ऑलिव को आधा काटइन सबको स्क्यूअर पर स्लाइड करें. साथ में मेयो या सरसों या टमाटर केचप की डिप दें. बच्चों को यह पसंद आएगा.
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