कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए वैक्सीन डेवलपमेंट को लेकर लगातार कई अच्छी खबरें आ रही हैं. यूके ने Pfizer-BioNTech के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. बाकी देशों में भी जरूरतमंदों तक वैक्सीन पहुंचे, इसे सुनिश्चित करने के लिए तैयारी जारी है.
लेकिन क्या गर्भवती या ब्रेस्ट फीडिंग करा रही महिलाओं को COVID-19 वैक्सीन दी जाएगी? क्या उन पर अलग से ट्रायल किया गया है? क्या उनके लिए खास सावधानियों को अपनाने की जरूरत है? इन्हीं सवालों का जवाब फिट यहां दे रहा है.
गर्भवती महिलाओं को कोरोना से गंभीर संक्रमण का खतरा है?
गर्भवती महिलाओं को COVID-19 से गंभीर रूप से बीमार पड़ने का खतरा है. अमेरिका में हुई एक स्टडी में पाया गया कि संक्रमित गर्भवती महिलाओं के ICU में भर्ती होने की संभावना 1.5 गुना अधिक थी और संक्रमित गैर-गर्भवती महिलाओं की तुलना में वेंटिलेशन की संभावना 1.7 गुना अधिक थी.
क्या COVID-19 वैक्सीन पाने वाले प्राथमिकता समूह में गर्भवती महिलाएं शामिल हैं?
नहीं, भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक प्राथमिकता वाले आबादी समूहों में 30 करोड़ लोगों को लिस्ट किया गया है, जिसमें 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स, पुलिस विभाग के 2 करोड़ कर्मचारी, सशस्त्र बल, होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा संगठन और 27 करोड़ ऐसे लोग हैं जिनकी उम्र 50 से अधिक और जिनकी उम्र 50 से कम है, लेकिन अन्य बीमारी है.
क्या वैक्सीन ट्रायल में गर्भवती महिलाओं को शामिल किया गया?
फाइजर, मॉडर्ना वैक्सीन समेत किसी भी वैक्सीन के अंतिम चरण वाले ट्रायल में गर्भवती महिलाओं को शामिल नहीं किया गया है. ऐसा सुरक्षा के मद्देनजर किया गया. जानकारी के लिए बता दें, 1940 और 1960 के दशक में विषाक्त दवाओं डेस और थैलिडोमाइड के परिणामों को नोट किया गया था, 1977 में अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन(FDA) ने गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के फेज 1 और फेज 2 की स्टडी में शामिल होने पर रोक लगा दी थी. इसका मकसद गर्भवती महिलाओं, भ्रूण और शिशुओं की सुरक्षा को बढ़ाना था.
अगर महिला हेल्थकेयर वर्कर गर्भवती हो तो क्या उसे वैक्सीन मिलेगी?
अमेरिका में हेल्थकेयर वर्कर्स को फाइजर की COVID-19 वैक्सीन मिलनी शरू हो रही है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन(CDC) की कमिटी ने सिफारिश की है कि गर्भवती वर्कर को डॉक्टरों की सलाह से वैक्सीन लेने की इजाजत मिल सकती है. हालांकि ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस(NHS) का कहना है कि फाइजर की वैक्सीन किसी भी गर्भवती को नहीं दी जाएगी जबतक इस बारे में और जानकारी न आ जाए. वहां की रेगुलेटरी बॉडी मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (MHRA) ने भी गर्भावस्था में वैक्सीन लेने की सलाह देने से पहले और नन-क्लीनिकल डेटा देखना चाहती है.
क्या गर्भावस्था के दौरान वैक्सीन लेना सुरक्षित है?
आमतौर पर, वैक्सीन जिसमें मारे गए (निष्क्रिय) वायरस होते हैं, गर्भावस्था के दौरान दिए जा सकते हैं. जिंदा वायरस वाले वैक्सीन नहीं लेने की सलाह दी जाती है. अमेरिका के CDC और अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिशियंस एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स(ACOG) एक्सपर्ट्स का कहना है कि फाइजर/बायोएनटेक वैक्सीन एक mRNA वैक्सीन है, न कि एक जिंदा वायरस वैक्सीन, इसलिए ये मानने का कोई कारण नहीं है कि ये एक गर्भवती मां या उसके अजन्मे बच्चे को जोखिम में डाल देगा, और न ही ये स्तनपान करने वाले बच्चों को कोई नुकसान पहुंचाएगा. (मॉडर्ना की वैक्सीन भी mRNA तकनीक आधारित वैक्सीन है.)
क्या स्तनपान करा रही महिलाएं वैक्सीन ले सकती हैं?
इस तरह के ग्रुप को तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक वे स्तनपान कराना बंद नहीं करतीं. NHS का कहना है कि “अगर आपने पहली डोज ब्रेस्टफीडिंग के दौरान ली तो आपको स्तनपान बंद कराने तक दूसरा डोज नहीं लेने की सलाह दी जाती है.”
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