देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मौजूदा स्थिति की जानकारी दी. प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीति आयोग के सदस्य और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के डायरेक्टर शामिल थे.
के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि हमें कोरोना वायरस के पीक पर आने का इंतजार नहीं करना चाहिए. अपने स्तर पर सावधानी बरतनी चाहिए, जिससे कि मामले न बढ़ें.
जानकारी दी गई कि देश में 2 कोरोना वैक्सीन के फेज-1, फेज-2 ट्रायल में आ चुके हैं. उन्होंने कहा, इस बात पर चर्चा पहले ही शुरू हो गई है कि वैक्सीन उन सभी को कैसे उपलब्ध कराए जाएंगे जिन्हें इसकी जरूरत है.
दिल्ली में मौजूदा स्थिति क्या है, इसकी जानकारी भी केंद्र सरकार की ओर से दी गई. सीरो सर्वे के मुताबिक 6 महीने में 22.86% आबादी इस वायरस की चपेट में आ चुकी है, इनमें एंटीबॉडी तैयार हो चुका है. दिल्ली के 11 में से 8 जिलों में 20% से ज्यादा जनसंख्या में इस वायरस का प्रसार हो चुका है. शाहदरा, सेंट्रल, उत्तर और पूर्वोत्तर में ये दर 27% रही. 77% आबादी संक्रमण से बची हुई है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम लापरवाह हो जाएं. खतरा अभी भी बना हुआ है.
नीति आयोग के मुताबिक सीरो सर्वे 27 जून से लेकर 10 जुलाई के बीच के भीतर था. सर्वे में जून के तीसरे हफ्ते के आंकड़े लिए गए थे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस की प्रमुख बातें-
- देश में प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 180 टेस्ट किए जा रहे हैं.
- देश में प्रति दस लाख जनसंख्या पर 837 केस हैं.
- केस फैटेलिटी रेट 2.43% तक सीमित किया जा चुका है.
- देश में पॉजिटिविटी रेट 8.07% है.
- 10 लाख की आबादी पर मृत्यु का आंकड़ा 20.4 है.
N95 मास्क का इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया
रेस्पिरेटर या वॉल्व वाले N95 मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह नहीं दी गई है. इसकी वजह बताई गई कि इसे पहनने वाला शख्स सुरक्षित रहता है लेकिन अगर इसे पहनने वाला शख्स एसिम्प्टोमेटिक हुआ तो सामने वाले व्यक्ति में संक्रमण का खतरा है. इसलिए इसका इस्तेमाल नहीं करें.
कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं
स्वास्थ्य मंत्रालय के ओएसडी राजेश भूषण ने कहा ने कहा WHO ने कम्युनिटी ट्रांसमिशन की परिभाषा तय नहीं की है. सदस्य देश अपने स्थानीय परिस्थिति के आधार पर इसे तय कर सकते हैं कि बीमारी फैलने की क्या स्थिति है. साइंस कम्युनिटी के मुुताबिक अगर ट्रांसमिशन चेन को ट्रेस नहीं किया जा सके तो कम्युनिटी ट्रांसमिशन का फेज माना जा सकता है. यानी कोरोना वायरस किससे किसको फैल रहा है अगर ये नहीं पता चलता तो कह सकते हैं कि कम्युनिटी ट्रांसमिशन है.
उदाहरण के लिए दिल्ली में क्लस्टर केस हैं और लोकलाइज्ड ट्रांसमिशन है. कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं है.
ये भी कहा गया कि आने वाले दिनों में भारत की टेस्टिंग क्षमता 5 से साढ़े 5 लाख तक करना लक्ष्य है.
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