कोरोनावायरस डिजीज-2019 (COVID-19) और हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) की कमी से निपटने के लिए केरल में एक बेहतरीन समाधान निकाला गया है.
सोमवार 6 अप्रैल को, केरल में COVID-19 टेस्टिंग के लिए सैंपल कलेक्ट करने का बूथ स्थापित किया गया, जहां लोगों के सैंपल जल्दी और कुशलता से कलेक्ट किया जा सकेंगे. ये कलेक्शन केबिन दक्षिण कोरिया के सेट अप के समान हैं और केरल में, इन्हें वॉक-इन सैंपल कियोस्क (WISK) कहा जा रहा है.
न्यूज मिनट की रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह के दो केबिन एर्नाकुलम के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की ओर से इंस्टॉल किए गए.
ये कैसे काम करता है?
- सबसे पहले मेडिकल स्टाफ इस केबिन के अंदर जाता है, अपने हाथ सैनिटाइजर से साफ करता है, ग्लव्स पहनता है और फिर कियोस्क यानी केबिन पर लगे दस्ताने के अंदर अपने हाथ डालता है.
- मरीज आता है, तो वो भी अपने हाथ सैनिटाइज करता है, कियोस्क के बाहर बैठता है और स्वैब कलेक्शन के लिए अपना मुंह खोलता है. इस तरह सैंपल कलेक्ट कर लिए जाते हैं.
- इसके बाद हेल्थकेयर वर्कर ग्लव्स और जिस सीट पर मरीज बैठा था, उसे सैनिटाइज करता है और फिर दूसरे मरीज के साथ ये प्रक्रिया शुरू होती है.
ये केबिन सफाई सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं और हर रोगी के बाद इसे बाहर और अंदर सैनिटाइज किया जाता है. इसमें चुंबकीय दरवाजे, पराबैंगनी रोशनी और एक एग्जहॉस्ट पंखा लगा है.
सैंपल कलेक्ट करने के लिए ऐसा ही केबिन झारखंड के एक हॉस्पिटल में भी शुरू किया गया है.
इस तरह के अरेंजमेंट से हेल्थकेयर वर्कर्स सुरक्षित भी रहेंगे और PPE की मांग भी घटेगी, जिसकी देश में कमी है.
एर्नाकुलम के DMO की तरफ से न्यूज मिनट को बताया गया कि इस तरह के केबिन को बनाने में दो दिन और 40 हजार रुपए लगे.
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