[दुनिया भर में 1-7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week) मनाया जाता है. इस मौके पर ये स्टोरी दोबारा पब्लिश की जा रही है.]
कोरोना काल में इस बारे में चिंता जताई जा रही है कि बच्चे को स्तनपान कराने वाली मां को अगर COVID-19 हो जाए, तो क्या उसका दूध पीने से बच्चा भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकता है. कोरोना पॉजिटिव मां को स्तनपान कराना चाहिए या नहीं? किन बातों का ख्याल रखना चाहिए? फिट यहां इन्हीं सवालों का जवाब दे रहा है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक मां-शिशु के संपर्क और स्तनपान पर सिफारिशें न केवल शिशु के COVID-19 संक्रमण के संभावित जोखिम के आधार पर होनी चाहिए, बल्कि स्तनपान न कराने से जुड़ी बीमारियों की आशंका, फॉर्मूला फूड के अनुचित इस्तेमाल से होने होने वाली हानि के आधार पर भी होनी चाहिए.
ये भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि मां का दूध पीने से नवजात को जो फायदे होते हैं, वो कोरोना संक्रमण के जोखिम से कहीं ज्यादा हैं.
क्या कोरोना संक्रमित मां अपने बच्चे को ब्रेस्टफीड करा सकती है?
हां, एक्सपर्ट्स कहते हैं कि कोरोना संक्रमित मां नवजात को अपना दूध दे सकती है. WHO की ओर से कहा गया है, "यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि मां के दूध से वायरस का संक्रमण हो सकता है या नहीं."
मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुदेशना रे के मुताबिक ब्रेस्टमिल्क में वायरस नहीं होता है और इसे शिशु को सुरक्षित तरीके से दिया जा सकता है.
संक्रमण की आशंका मां के दूध की बजाए बच्चे को संभालने के दौरान और फीड कराते वक्त ड्रॉपलेट के डायरेक्ट फैलने से अधिक होती है.डॉ सुदेशना रे, प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ, जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, मुंबई
दिल्ली के अपोलो क्रैडल एंड चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल में स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ पूजा चौधरी बताती हैं कि अब तक कोरोना संक्रमित या संक्रमण की संदिग्ध मां के दूध में एक्टिव नोवल कोरोना वायरस की पुष्टि नहीं हुई है और न ही ब्रेस्टफीडिंग से कोरोना वायरस ट्रांसमिशन की बात साबित हो सकी है.
इसलिए मांओं को सलाह दी जा रही है कि वो नवजात को अपना दूध दे सकती हैं. हालांकि संक्रमित मां से बच्चे को संक्रमण का खतरा उन सूक्ष्म बूंदों से हो सकता है, जो बोलने, छींकने या खांसने के दौरान निकलती हैं.डॉ पूजा चौधरी, अपोलो क्रैडल एंड चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल, नेहरू प्लेस, दिल्ली
कोरोना संक्रमित मां बच्चे को अपना दूध पिलाने के दौरान इन बातों का रखें ख्याल
जसलोक हॉस्पिटल में लैक्टेशन कंसल्टेंट मानसी शाह कुछ टिप्स देती हैं:
- नवजात को दूध पिलाने या लेने के पहले कम से कम 20 सेकेंड तक हाथ धोना जरूरी है. (हैप्पी बर्थडे गाते हुए हाथ धुलें.)
- खांसते या छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करें और उसे तुरंत डिस्पोज करें. उसके बाद अपने हाथ सैनिटाइज या साफ करना न भूलें.
- मां के संपर्क में आने वाली चीजें और सतहों को साफ व डिसइन्फेक्ट करते रहें.
- बच्चे को ब्रेस्ट फीड कराने या उसके लेने के दौरान मास्क पहनें (अगर मास्क न हो, तो भी विश्व स्वास्थ्य संगठन नवजात को मां का दूध पिलाने की सलाह देता है क्योंकि इसके फायदे संक्रमण के रिस्क से ज्यादा हैं.)
- हर बार ब्रेस्ट फीड कराने से पहले ब्रेस्ट को धोने की जरूरत नहीं है. अगर छींकने या खांसने के दौरान निकले ड्रॉपलेट सीने या ब्रेस्ट पर पड़ने की आशंका हो, तो फीड कराने से पहले साबुन और पानी से ब्रेस्ट साफ करें.
संक्रमण का खतरा कम करने के लिए साफ-सफाई के नियमों का पालन करना जरूरी है. इसमें मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना और आमने-सामने के सीधे संपर्क को सीमित रखना शामिल है.डॉ पूजा चौधरी, अपोलो क्रैडल एंड चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल, नेहरू प्लेस, दिल्ली
ब्रेस्टफीड नहीं कराना है, तो दूध निकाल कर पिलाएं
डॉ चौधरी कहती हैं कि संक्रमित हुई मां को ब्रेस्टफीडिंग जारी रखना है या नहीं, इसके लिए वो अपने डॉक्टर की सलाह ले सकती हैं.
नवजात को मां का दूध अलग से निकाल कर (ब्रेस्ट पंप के जरिए) भी दिया जा सकता है.
मां का दूध नवजात के लिए पोषण का सबसे बेस्ट सोर्स है, जो उसे कई बीमारियों से बचाता है. अगर मां बीमार है, तो खुद से स्तनपान कराने की बजाए अपना दूध निकाल कर शिशु के लिए दे सकती है.डॉ पूजा चौधरी, अपोलो क्रैडल एंड चिल्ड्रेन्स हॉस्पिटल, नेहरू प्लेस, दिल्ली
इसके लिए डॉ चौधरी दो बातों का ख्याल रखने की बात कहती हैं:
हर बार इस्तेमाल के बाद बोतल के सभी हिस्से या ब्रेस्ट पंप साफ करें.
बच्चे को ब्रेस्ट से पंप किया अपना हुआ दूध ऐसे शख्स से पिलवाएं, जिसे संक्रमण नहीं हुआ हो.
डॉ सुदेशना रे कहती हैं कि कोरोना पॉजिटिव मांओं को स्तनपान कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए.
डॉ रे इस संभावना का जिक्र भी करती हैं कि अगर कोरोना पॉजिटिव मां में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी (इम्यूनिटी) डेवलप हो चुकी हो, तो नवजात को भी मां के दूध से वो प्रोटेक्शन मिल सकती है.
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