एक नई स्टडी में यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलिफोर्निया के वैज्ञानिकों ने COVID-19 के लक्षणों में एक पैटर्न की खोज की है, जिससे डॉक्टर और मरीजों को COVID-19 और कोरोना के समान लक्षणों वाली दूसरी बीमारियों की पहचान और अंतर करने में मदद मिल सकती है.
ये स्टडी में फ्रॉन्टियर्स इन पब्लिक हेल्थ जर्नल में आई है, जिसमें COVID-19 के लक्षणों को इस क्रम में बताया गया है:
बुखार
खांसी और मांसपेशियों में दर्द
मिचली और/या उल्टी और फिर डायरिया
बुखार के बाद खांसी और फिर मिचली या उल्टी
इस पैटर्न को देखते हुए डॉक्टर मरीज को आइसोलेट होने की सलाह जल्दी देकर कंडिशन और खराब होने से बचा सकते हैं. इससे बीमारी की गलत पहचान होने की संभावना घटाने में भी मदद मिल सकती है.
COVID-19 के लक्षणों के इस क्रम का पता चलना ऐसे हालात में अहम है, जब फ्लू जैसी और दूसरी बीमारियों के लक्षण भी कोरोना संक्रमण से मिलते-जुलते हैं.स्टडी के ऑथर
स्टडी के ऑथर ने बताया कि ज्यादातर मरीजों में बाद में डायरिया भी देखा गया, जबकि कुछ लोगों ने इन्फेक्शन की शुरुआत में ये लक्षण महसूस किया.
सबसे ज्यादा रिपोर्ट किए गए लक्षण में बुखार, फिर खांसी या सांस में परेशानी और उसके बाद कुछ प्रतिशत मरीजों ने डायरिया रिपोर्ट किया.
वैज्ञानिकों ने लक्षणों का पैटर्न तय करने के लिए दो बड़े डेटा सेट का इस्तेमाल किया है. एक में 55 हजार से ज्यादा चीन के COVID-19 कन्फर्म मरीज शामिल थे, जिसे 16 फरवरी से 24 फरवरी के बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने कलेक्ट किया था.
दूसरे सेट में करीब 1,100 मरीजों का डेटा था, जिसे 11 दिसंबर, 2019 से 29 जनवरी,2020 के बीच चीन मेडिकल ट्रीटमेंट एक्सपर्ट ग्रुप ने नेशनल हेल्थ कमीशन ऑफ चीन के जरिए कलेक्ट किया था.
SARS और MERS में भी बुखार और खांसी
वैज्ञानिकों ने इसकी तुलना दूसरे कोरोना वायरस से होने वाली बीमारियों से भी की है, जिसके मुताबिक बुखार और खांसी मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) जैसी रेस्पिरेटरी बीमारियों का संकेत है.
COVID-19, SARS और MERS के पहले दो लक्षण बुखार और खांसी हैं. हालांकि COVID-19 में ऊपरी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट निचले गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट से पहले प्रभावित होता लग रहा है, जो कि SARS और MERS से अलग है.
ऊपरी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के कोरोना से प्रभावित होने का संबंध मिचली या उल्टी जैसे लक्षणों से है, जबकि निचले गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के प्रभावित होने का संबंध डायरिया की दिक्कत से है.
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