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इमेजिंग के जरिए फेफड़े और दिमाग पर कोरोना के गंभीर प्रभाव की स्टडी

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Health News
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रिसर्चर्स की एक टीम ने CT स्कैन का इस्तेमाल कर फेफड़ों में कोविड-19 की गंभीरता और MRI स्कैन का उपयोग करते हुए मरीज के दिमाग पर प्रभाव की गंभीरता के बीच एक दृश्य सह-संबंध (विजुअल को-रिलेशन) पाया है.

अध्ययन से पता चला कि कोविड-19 वाले मरीजों के फेफड़ों के CT स्कैन को देखकर चिकित्सक यह अनुमान लगाने में सक्षम हो सकते हैं कि वे मस्तिष्क की MRI पर दिखाई देने वाली अन्य न्यूरोलॉजिकल समस्याओं को कितनी बुरी तरह से अनुभव करेंगे.

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इससे बेहतर परिणाम पाने, रोगियों को जल्दी ठीक करने एवं लक्षणों की पहचान कर पहले इलाज शुरू करने में मदद मिलेगी.

सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी के रिसर्चर अब्देलकाडर महामदी ने कहा, "हमने कोविड-19 वाले मरीजों में ब्रेन-स्ट्रोक, ब्रेन ब्लीडिंग और ब्रेन को प्रभावित करने वाले अन्य विकारों को देखा है."

उन्होंने आगे कहा कि हम मरीजों के अनुभवों के माध्यम से पता लगा रहे हैं कि मरीजों में सांस की गंभीर बीमारी और न्यूरोलॉजिकल लक्षण के बीच क्या को-रिलेशन है. हालांकि, इस बात की बहुत कम जानकारी उपलब्ध है कि क्या कोविड-19 वाले मरीजों में मस्तिष्क और फेफड़ों में इमेजिंग असामान्यताओं के बीच कोई संभावित संबंध है, अथवा नहीं.

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MRI की तुलना में CT इमेजिंग फेफड़ों में बीमारी का बेहतर पता लगा सकती है. हालांकि, MRI मस्तिष्क में कई समस्याओं का पता लगा सकता है, विशेष रूप से कोविड-19 रोगियों में, जिसका CT इमेज पर पता नहीं लगाया जा सकता है.

अमेरिकन जर्नल ऑफ न्यूरोरेडियोलॉजी में प्रकाशित इस स्टडी के लिए रिसर्च टीम ने अस्पताल में भर्ती 135 कोविड मरीजों के इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड और इमेज की समीक्षा की.

इस स्टडी में कोविड-19 वाले उन मरीजों को शामिल किया गया था, जिनमें न्यूरोलॉजिकल विकार पाए गए और जिनके फेफड़े और मस्तिष्क की इमेज उपलब्ध थीं.

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