चीन की 70 साल की कोशिश के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 30 जून 2021 को ये प्रमाणित किया कि चीन अब मलेरिया मुक्त है.
ये चीन के लिए एक उल्लेखनीय उपलब्धि है. 1940 के दशक में चीन ने सालाना मलेरिया के 3 करोड़ मामले दर्ज किए थे.
आधिकारिक बयान में विश्व स्वास्थ्य के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस ने कहा, "आज हम चीन के लोगों को मलेरिया से छुटकारा पाने के लिए बधाई देते हैं."
उन्होंने कहा, "चीन की सफलता कड़ी मेहनत से अर्जित की गई और दशकों के लक्षित और निरंतर कार्रवाई के बाद ही आई. इस घोषणा के साथ, चीन उन देशों की बढ़ती संख्या में शामिल हो गया है जो दुनिया को दिखा रहे हैं कि मलेरिया मुक्त भविष्य संभव है."
विश्व स्वास्थ्य संगठन के पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में चीन पहला देश है, जिसे तीन दशकों से ज्यादा समय में मलेरिया मुक्त सर्टिफिकेशन से सम्मानित किया गया है.
इस स्थिति को हासिल करने वाले क्षेत्र के अन्य देशों में ऑस्ट्रेलिया (1981), सिंगापुर (1982) और ब्रुनेई दारुशेलम (1987) शामिल हैं.
संगठन के बयान में कहा गया है कि 1950 के दशक की शुरुआत में, चीन में स्वास्थ्य अधिकारियों ने मलेरिया के प्रसार को रोकने के लिए बीमारी के जोखिम वाले लोगों को एंटी-मलेरिया दवा उपलब्ध कराने के साथ-साथ बीमार लोगों के इलाज का काम किया.
1967 में, चीनी सरकार ने '523 प्रोजेक्ट' शुरू किया, जो एक राष्ट्रव्यापी शोध कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य मलेरिया के लिए नए उपचार खोजना था.
इस प्रयास में, 60 संस्थानों के 500 से ज्यादा वैज्ञानिकों को शामिल करते हुए, 1970 के दशक में आर्टीमिसिनिन (artemisinin) की खोज की गई, जो आर्टीमिसिनिन-आधारित संयोजन चिकित्सा (एसीटी) का मुख्य यौगिक है, जो आज उपलब्ध सबसे प्रभावी मलेरिया-रोधी दवाएं हैं.
1990 के अंत तक, चीन में मलेरिया के मामलों की संख्या 1,17,000 तक गिर गई थी और मौतों में 95 प्रतिशत की कमी आई थी.
2003 के बाद से 10 वर्षों के भीतर, मलेरिया के मामलों की संख्या सालाना लगभग 5,000 तक गिर गई.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र ऑफिस के क्षेत्रीय निदेशक ताकेशी कसाई ने कहा, "इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर को हासिल करने के लिए चीन के अथक प्रयास से पता चलता है कि कैसे मजबूत राजनीतिक प्रतिबद्धता और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने से एक ऐसी बीमारी को खत्म किया जा सकता है, जो कभी एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या थी."
"चीन की उपलब्धि हमें मलेरिया मुक्त पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के लक्ष्य की ओर एक कदम और करीब ले जाती है."
दुनिया भर में 40 देशों और क्षेत्रों को डब्ल्यूएचओ से मलेरिया-मुक्त प्रमाणन प्रदान किया गया है, जिसमें हाल ही में, अल सल्वाडोर (2021), अल्जीरिया (2019), अर्जेंटीना (2019), पराग्वे (2018) और उज्बेकिस्तान (2018) शामिल हैं.
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