ADVERTISEMENT

कोविड महामारी का मेंटल हेल्थ पर असर: 9 में से 1 वयस्क शिकार-स्टडी

Published
Fit Hindi
2 min read
कोविड महामारी का मेंटल हेल्थ पर असर:  9 में से 1 वयस्क शिकार-स्टडी

रोज का डोज

निडर, सच्ची, और असरदार खबरों के लिए

By subscribing you agree to our Privacy Policy

लंदन में हुए कोविड पर एक नई रिसर्च के मुताबिक, महामारी के पहले 6 महीनों के दौरान लगातार हर 9 वयस्कों में से 1 वयस्क बहुत खराब या खराब मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहा है.

इस बारे में रिसर्च करने वाले मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी, किंग्स कॉलेज लंदन, कैम्ब्रिज, स्वानसी और सिटी यूनिवर्सिटी से जुड़ी टीम ने कहा, "कोविड के दौरान जातीय अल्पसंख्यक समूहों के साथ सबसे अभाव से जूझ रहे लोग मानसिक स्वास्थ्य से बुरी तरह से प्रभावित हैं."

ADVERTISEMENT
रिसर्चर्स ने ये भी पाया कि कोविड संक्रमण, स्थानीय लॉकडाउन और वित्तीय कठिनाइयों के कारण सभी के मानसिक स्वास्थ्य में थोड़ी-बहुत गिरावट आई है.

मेडिकल जर्नल द लैंसेट साइकेट्री में छपी ये स्टडी कहती है कि, हालांकि दो तिहाई वयस्कों का एक ऐसा समूह भी था, जिनका मानसिक स्वास्थ्य महामारी से काफी हद तक अप्रभावित था.

टीम ने 19,763 वयस्कों पर अप्रैल और अक्टूबर 2020 के बीच मासिक सर्वे का विश्लेषण किया था, ताकि 5 अलग-अलग विशिष्ट समूहों में मानसिक स्वास्थ्य में बदलाव के विशिष्ट पैटर्न की पहचान की जा सके.

ADVERTISEMENT

अप्रभावित समूहों में ज्यादा उम्र, श्वेत और कम से कम वंचित क्षेत्रों से आने वाले लोग शामिल थे, पुरुषों में मानसिक स्वास्थ्य अच्छा बने रहने की संभावना दिखी. स्कूली बच्चों के माता-पिता और महिलाएं विशेष रूप से प्रभावित हुए, लेकिन स्कूलों के फिर से खुलने के समय के आसपास मानसिक स्वास्थ्य में अहम सुधार का अनुभव किया गया.

मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कैथरीन एनेल ने कहा, "हमें ये पता है कि सामाजिक और आर्थिक फायदों का एक अहम प्रभाव ये है कि लोग उन चुनौतियों का कितनी अच्छी तरह से सामना करने में सक्षम होते हैं, जो सब पर एक समान असर डालती है. "

स्वास्थ्य और सामाजिक असमानताएं खासकर महिलाओं और गरीबों में, तनावपूर्ण जीवन की घटनाओं और उनसे निपटने के लिए संसाधनों से संबंधित है.

जिन लोगों ने लगातार गिरावट का अनुभव किया या लगातार बहुत खराब मानसिक स्वास्थ्य का सामना किया उनमें पहले से कोई मानसिक या शारीरिक स्थिति मौजूद थी. रिसर्च के मुताबिक, उनमें एशियाई, ब्लैक या मिश्रित नस्ल के और सबसे वंचित क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी शामिल थे.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×