सेक्सॉल्व समता के अधिकार के पैरोकार हरीश अय्यर का फिट पर सवाल-जवाब आधारित कॉलम है.
अगर आपको सेक्स, सेक्स के तौर-तरीके या रिलेशनशिप से जुड़ी कोई परेशानी है, कोई उलझन है, जिसे आप हल नहीं कर पा रहे हैं या आपको किसी तरह की सलाह की जरूरत है, किसी सवाल का जवाब चाहते हैं या फिर यूं ही चाहते हैं कि कोई आपकी बात सुन ले- तो हरीश अय्यर को लिखिए और वो आपके लिए ‘सेक्सॉल्व’ करने की कोशिश करेंगे. आप sexolve@thequint.com पर मेल कर सकते हैं.
पेश हैं इस हफ्ते के सवाल-जवाब:
“मैं रोमांटिक नहीं हूं”
डियर रेनबोमैन,
मैं 29 साल का नौजवान हूं जो रोमांस के मामले में सचमुच बहुत बेकार है. मैं रोमांस को एकदम नहीं समझ पाता हूं. मुझे नहीं पता कि जब कोई मुझे कुछ इशारा करे तो कैसे जवाब देना है. मुझे बताया गया है कि मैं काफी अच्छा दिखता हूं और यही वजह है पुरुष और महिलाएं दोनों मुझमें दिलचस्पी लेते हैं. मेरी भी कुछ पुरुषों और महिलाओं में दिलचस्पी है. हालांकि मुझे नहीं पता कि जब वे मेरे करीब आते हैं तो मुझे कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए. मुझे बिल्कुल नहीं पता. मुझे रोमांस करना बिल्कुल नहीं आता. कृपया मदद कीजिए. मैं खुद में सुधार करना चाहता हूं.
बेकार प्यार
डियर बेकार प्यार,
मुझे मेल लिखने के लिए शुक्रिया. मुझे पता है कि हम कई बार शर्म और बेढंगेपन की परतों के पीछे खुद को छिपा लेते हैं और अपनी समस्याओं के बारे में बात नहीं करते. आपने बात की और ये अच्छी बात है.
सबसे पहली बात, हमें ये समझने की जरूरत है कि हम सभी अलग तरह के लोग हैं. हम में से कुछ रोमांटिक हैं, हम में से कुछ नहीं हैं. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. आपका पार्टनरआपके मन को नहीं पढ़ सकता है और आपको उससे आपका मन पढ़ने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.
आप असल में क्या चाहते हैं, उसके बारे में जुबानी तौर पर बताना जरूरी है और उसके बारे में उसकी मौखिक सहमति होनी चाहिए, कल्पना के लिए कोई गुंजाइश छोड़े बिना.
अगर ये बात आपको परेशान कर रही है या आपको तकलीफ दे रही है तो कृपया किसी मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से मिलें.
मुस्कान के साथ,
रेनबोमैन
अंतिम बातः साफ बातचीत से चीजें सुधर सकती हैं.
“मैंने धोखा नहीं दिया, बस बहक गया था”
डियर रेनबोमैन,
मैंने अपनी गर्लफ्रेंड को कुछ छिपाया. मैंने उससे झूठ बोला. मैं शहर से बाहर गया था तो मैं दूसरी औरत के साथ सोया था. ये महज फौरी संबंध था. मेरी गर्लफ्रेंड और मैं कमिटेड हैं, इसलिए मैंने सोचा कि मैंने जो किया, वो मुझे नहीं करना चाहिए था. मैं सोचता हूं कि मैंने ऐसा क्यों किया. क्या मैंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मैं सेक्स का भूखा था? नहीं! मैंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मैं अपनी गर्लफ्रेंड को याद कर रहा था और उसे महसूस करना चाहता था. इसलिए मैंने ये किसी और के साथ किया. जब मैं उस महिला के साथ हमबिस्तर था, मैं अपनी गर्लफ्रेंड को याद कर रहा था. ये मेरी गर्लफ्रेंड के लिए मेरा प्यार था जो मैंने दूसरी महिला पर जताया. मुझे लगता है कि ये ठीक है, लेकिन वो इसे नहीं समझती. मुझे नहीं पता कि उसे कैसे समझाऊं कि मैंने उसे धोखा नहीं दिया. मैं बस कुछ करना चाहता था क्योंकि मैं उसे बुरी तरह याद कर रहा था. मैं अपनी गर्लफ्रेंड के बिना नहीं रह सकता. मैं सच में नहीं रह सकता. मैं धोखा नहीं दे रहा हूं. कृपया मेरी मदद कीजिए.
बेचैन बेचारा
डियर बेचैन बेचारा,
धोखे की आपकी परिभाषा क्या है? मेरे लिए ये झूठ बोलना है, धोखा देना है और उससे सच्चाई को छिपाना है जिसे आप प्यार करते हैं. अगर आपने एक खुली रिलेशनशिप के लिए कभी सहमति नहीं दी है, तो इधर-उधर मुंह मारना, धोखा देने की परिभाषा में आता है.
जब आप धोखा दे रहे हैं, तो आप प्यार नहीं जता रहे हैं. मैं इसे लुभावने शब्दों में कह सकता हूं, लेकिन कभी-कभी हमें सच को वैसे ही बोलने की जरूरत होती है जैसा वो है– किसी को धोखा नहीं देना चाहिए और फिर इसे माफी मांगने के बजाय एहसान या किसी की याद में किया काम नहीं साबित करना चाहिए.
मेरा सुझाव है कि आप अपनी गर्लफ्रेंड के साथ बैठें और उसे बताएं कि आपने क्या किया है. हर बात के अंत में ये न कहें कि “लेकिन मैंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मैं तुमसे प्यार करता हूं.” आप इस सच से भटक गए हैं कि आपके अपनी गर्लफ्रेंड के साथ वचनबद्धता के संबंध थे.
अपनी गलती स्वीकार करना और ईमानदार स्वीकारोक्ति, हमारे द्वारा पहुंचाई चोट से उबरने की दिशा में पहला कदम है
आपकी गर्लफ्रेंड आपके कबूलनामे को स्वीकार करती है या नहीं, ये उसका विशेषाधिकार है. लेकिन अपने खुद के दिल में झांक कर देखें, आपकी माफी में अहंकार की झलक नहीं आनी चाहिए.
जब माफी में “लेकिन” या “चूंकि” होता है, तो ये अपनी बात को ही सही ठहराने की कोशिश होती है.
अगर आप मानते हैं कि आपने गलत किया है तो बिना “लेकिन” या “चूंकि” के उसे बताएं और जो आपने कबूल किया है, उसे समझने के लिए समय दें.
खुद में सुधार लाने के इरादे के बिना अपराधबोध बेकार की भावना है.
इस अपराधबोध को आप अपने वास्ते हालात बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल करें. इस अपराधबोध के साथ न जियें और न इसका अकेले सामना करें. किसी मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल से मिलें जो आपको इस मामले में उबरने में मदद कर सकता है. चीजें सुधर सकती हैं, बशर्ते कि हम उनसे सबक लेते हैं.
मुस्कान के साथ
रेनबोमैन
अंतिम बातः उससे कहें.
“मेरे ब्रेस्ट बहुत छोटे हैं”
डियर रेनबो मैन,
मेरे ब्रेस्ट बहुत छोटे हैं जिससे मैं लड़कों जैसी दिखती हूं. मैंने अपनी क्लास के कुछ लड़कों को एक दूसरे से कहते सुना कि मेरे साथ सेक्स करना ऐसा होगा जैसे किसी लड़के से. मैं जानना चाहती हूं कि मेरे ब्रेस्ट बड़े कैसे हो सकते हैं? मुझे क्या करना चाहिए? मैं उनका प्यार पाना चाहती हूं.
फिक्रमंद लड़की
डियर फिक्रमंद लड़की
मुझे मेल लिखने के लिए शुक्रिया.
आपने जिन लड़कों को सुना वो आपको परिभाषित नहीं कर सकते हैं. औरत के बारे में उनकी सोच के मुताबिक बनने के लिए आपको अपने शरीर को बदलने की जरूरत नहीं है.
आप खुद को कितनी बार बदलेंगी? उनकी सोच के मुताबिक उनकी पसंद का बनने के लिए आप खुद को कितना बदलेंगी?
हमें ऐसे लोगों की जरूरत है कि हमें वैसे ही प्यार करें, जैसे हम हैं. अगर हम अपने प्यार को पाने के लिए खुद को बदलते हैं, तो वे असल में बदले हुए शख्स के प्यार में पड़ रहे हैं, हमारे नहीं.
अगर आप बड़े ब्रेस्ट चाहती हैं- तो ये आपका शरीर है, आप किसी प्लास्टिक सर्जन के पास जा सकती हैं और उससे खर्च और प्रक्रियाओं के बारे में पता कर सकती हैं, लेकिन ये फैसला सिर्फ इसलिए लिया जाना चाहिए क्योंकि आप ऐसा चाहती हैं और इसलिए नहीं कि कोई और सोचता है कि ब्रेस्ट कैसे होने चाहिए.
कृपया काउंसलिंग लें. किसी थेरेपिस्ट से बात करें और उसके सामने अपना दिल खोल कर रख दें. इससे मदद मिलती है.
प्यार की झप्पी के साथ
रेनबोमैन
अंतिम बातः खुद से प्यार करो.
(हरीश अय्यर एलजीबीटी कम्युनिटी, महिलाओं, बच्चों और पशुओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले एक समान अधिकार एक्टिविस्ट हैं)
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