दूध पीने से पहले दो बार सोचिए कि कहीं आप जो दूध पी रहे हैं, उसमें मिलावट तो नहीं है. मिलावट में पेंट, डिटर्जेंट और दूसरे खतरनाक रसायन भी हो सकते हैं.
मध्य प्रदेश पुलिस ने सिंथेटिक दूध और इससे बने उत्पादों के निर्माण और पड़ोसी राज्यों में इसकी बिक्री करने वाले एक गिरोह का खुलासा करते हुए इसके 62 सदस्यों को शनिवार 20 जुलाई को गिरफ्तार किया.
मध्य प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्ट फोर्स के अधीक्षक राजेश भदौरिया ने भाषा को बताया कि छापेमारी में लगभग 10,000 लीटर सिंथेटिक दूध, बड़ी मात्रा में रसायन, 500 किलो सिंथेटिक मावा और 200 किलोग्राम सिंथेटिक पनीर बरामद किया गया.
इससे पहले जून में उत्तर प्रदेश के डेयरी प्लांटों में छापेमारी के दौरान पाया गया था कि दूध में डिटर्जेंट और यूरिया जैसे रासायनिक पदार्थ खुलेआम मिलाए जा रहे हैं.
यूपी के फूड डिपार्टमेंट ने वाराणसी में एक बड़े डेयरी प्लांट से 10 हजार लीटर से ज्यादा नकली दूध बरामद किया था, जिसमें डिटर्जेट मिलाया गया था.
यह प्लांट प्योर डेयरी सॉल्यूशंस का था, जो काशी संयोग ब्रांड के नाम से दूध बेचता है. पिछले कुछ दिनों से उपभोक्ता दूध की गुणवत्ता में खराबी की शिकायत कर रहे थे, जिसके बाद छापेमारी की गई.
विभाग के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि छापेमारी के दौरान नकली दूध आपूर्ति करने वालों पर शिकंजा कसा गया और प्रदेश के दूसरे हिस्सों से भी नकली दूध बरामद किया गया.
पिछले कुछ महीने के दौरान की गई छापेमारी में पता चला कि डिटर्जेंट, यूरिया और स्टार्च का इस्तेमाल करके दूध बनाकर बाजार में बेचा जा रहा है.
कैसे करें दूध में डिटर्जेंट की पहचान?
- 5 से 10 ml दूध और उतनी ही मात्रा में पानी लें
- उसे अच्छी तरह से मिलाएं
- अगर दूध में डिटर्जेंट मिलाया गया होगा, तो उसमें घना झाग दिखेगा
- अगर दूध में डिटर्जेंट की मिलावट नहीं होगी, तो झाग की एक पतली सी परत दिखेगी
कैसे करें दूध में स्टार्च की पहचान?
- 2-3 ml दूध के सैंपल में 2-3 ड्रॉप टिंक्चर आयोडिन की डालें
- अगर दूध नीले रंग का दिखता है, तो उसमें स्टार्च मौजूद है
पिछले साल पटियाला में एक बड़े डेयरी प्लांट में की गई छापेमारी में 7000 लीटर मिलावटी दूध पकड़ा गया, जिसमें डिटर्जेंट का इस्तेमाल किया गया था.
दिल्ली फूड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट की जांच में देश की राजधानी से लिए गए दूध के कई नमूने पीने लायक नहीं पाए गए.
विभाग की रिपोर्ट में कहा गया, "जनवरी 2018 से अप्रैल 2019 तक 477 नमूनों की जांच सरकारी लैब में की गई, जिसमें दूध की गुणवत्ता निम्न स्तर की पाई गई."
दूध की मांग बढ़ने पर की जाती है मिलावट
उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में अधिकतर लोकल डेयरी प्लांट दूध की मांग बढ़ने पर मिलावटी दूध की आपूर्ति करते हैं.
पशु कल्याण बोर्ड के सदस्य मोहन सिंह अहलूवालिया ने पहले कहा था कि देश में बेचे जा रहे 68.7 फीसदी दूध FSSAI के मानक से निम्न स्तर के बेचे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मिलावटी दूध में आमतौर पर डिटर्जेंट, कास्टिक सोड, ग्लूकोज, सफेद पेंट और रिफाइंड तेल मिलाए जाते हैं.
(इनपुट: भाषा आईएएनएस, FSSAI)
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