भारत भले ही विकास के बड़े-बड़े दावे कर रहा हो, पर देश भुखमरी, कुपोषण, पिछड़ेपन जैसी समस्याओं से आज भी निजात नहीं पा सका है. लोगों का पेट भरने के मामले में भारत नेपाल, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देशों से भी पीछे हैं.
वाशिंगटन स्थित इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट (आईएफपीआरआई) द्वारा जारी ग्लोबल हंगर इंडेक्स-2016 के मुताबिक,
118 देशों की लिस्ट में भारत का स्थान 97वां है. भारत में 5 में से हर दूसरा बच्चा कुपोषण का शिकार है.
साल 2000 से भारत में भुखमरी और कुपोषण जैसे मामलों में 29 परसेंट की कमी तो आई है, पर आज भी 15.2 परसेंट लोगों को आधा पेट खाकर ही सोना पड़ता है, जिनमें 39 परसेंट बच्चे कुपोषित है. ग्लोबल हंगर इंडेक्स की इस लिस्ट में भारत का स्कोर 28.5 है, जो विकासशील देशों की तुलना में काफी ज्यादा है.
2016 के आंकड़े के अनुसार, एशियाई देशों में पाकिस्तान और भारत की सबसे ज्यादा बुरी हालत है.
दो हिस्सों में बंटा हुआ देश
अगर हम रिपोर्ट पर गौर करें, तो देश दो हिस्सों में बंटता हुआ दिखाई दे रहा है. एक तरफ समृद्ध भारत, दूसरी तरफ गरीब तबका. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार का मुख्य उद्देश्य रोजी-रोजगार को विकसित करना होना चाहिए. लेकिन सरकार द्वारा बनाई गई इन योजनाओं में बजट की कटौती के चलते इन पर पूरी तरह काम नहीं हो पा रहा है.
क्या है ग्लोबल हंगर इंडेक्स?
अलग-अलग देशों में लोगों के भोजन की चीजों की मात्रा और गुणवत्ता के आधार पर यह इंडेक्स बनाया जाता है. इस लिस्ट के जरिए दुनियाभर में भूख के खिलाफ चल रहे अभियान की उपलब्धियों और नाकामियों को दिखाया जाता है.
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