क्या आप सोचते हैं कि महिलाएं अपने प्रजनन काल में किसी खास किस्म के पुरुषों के प्रति आकर्षित होती हैं? अगर आप ऐसा सोचते हैं तो यह धारणा सच्चाई से काफी दूर है. दरअसल, एक नए रिसर्च में पता चला है कि महिलाओं का पुरुषों के प्रति आकर्षित होना उनके हार्मोन स्तर पर निर्भर नहीं करता.
साइकोलॉजिकल साइंस जर्नल में प्रकाशित ये नतीजे उस परंपरागत आम धारणा के बिलकुल उलट है कि लैंगिक चयन के दबावों में महिलाएं शारीरिक रूप से ज्यादा मजबूत पुरुषों को अपना जीवनसाथी बनाना पसंद करती है, और जो आनुवंशिक तौर पर काफी फिट है, खासकर उस समय जब वे प्रजनन काल में होती हैं या फिर गर्भ धारण करने की अवस्था में होती हैं.
ऐसे की गई स्टडी
स्कॉटलैंड की ग्लासगो यूनिवर्सिटी के प्रमुख रिसर्चर बेनेडिक्ट जोंस का कहना है कि उन्हें अपने रिसर्च में ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं कि महिलाओं के हार्मोन में बदलाव से पुरुषों के प्रति उनके आकर्षण में कोई बदलाव आता है. उन्होंने अपने रिसर्च में महिलाओं को पुरुषों के फोटो दिखाए और उनसे उनके बारे में पूछा. प्रत्येक महिला को दस पुरुषों के फोटो दिखाए गए और उन्होंने अपनी वरीयता के हिसाब से इन्हें रेटिंग दी कि इनमें से कौन ज्यादा आकर्षित है.
इस रिसर्च में एक ही पुरुष के एक फोटो को डिजिटल तौर पर महिलाओं जैसा बनाया गया और एक फोटो में महिलाओं जैसे फीचर डाल दिए गए. जैसा कि पहले ही उम्मीद थी महिलाओं ने ज्यादा मर्दाने किस्म के फोटो को ज्यादा तवज्जो दी और महिलाओं जैसे नैन-नक्श वाले पुरुषों को कम आकर्षक माना.
हालांकि, 600 महिलाओं के ऊपर किये गए इस रिसर्च में इस बात के कोई संकेत नहीं मिले कि महिलाओं की पसंद और प्रजनन से संबधित हार्मोन में कोई खास संबंध पाया गया है. महिलाओं के शरीर में ये हार्मोन एस्ट्राडियोल और प्रोजेस्ट्रोन के नाम से जाने जाते हैं.
(इनपुट: IANS)
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