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World Blood Doner Day: देश में कितने खून की पड़ती है जरूरत, लीजिए पूरी जानकारी

world blood doner day 2022: एक बार के ब्लड डोनेशन से औसतन तीन जान को बचाया जा सकता है.

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वर्ल्ड ब्लड डोनर डे, (World Blood Doner Day) 14 जून को, इस दिन अलग-अलग स्तर पर ब्लड डोनेशन को लेकर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं. खून किसी भी शरीर के लिए काफी अहम है. बीमार पड़े लोगों को भी कई बार खून की जरूरत होती है, जहां लोग ब्लड डोनेट करके उनकी जान बचाते हैं. सरकारी डेटा के अनुसार भारत में 2760 बल्ड बैंक्स हैं. वर्ल्ड ब्लड डोनर डे के दिन हम आपको बताते हैं इससे जुड़ी रोचक और जरूरी जानकारियां.

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  • हमारे देश में हर साल लगभग 5 करोड़ यूनिट ब्लड की जरूरत होती है, जिसमें से केवल 2.5 करोड़ यूनिट ब्लड ही उपलब्ध हो पाता है.

  • हर दो सेकेंड में किसी न किसी को खून की जरूरत होती है.

  • रोजाना 38 हजार से ज्यादा ब्लड डोनेशन की जरूरत पड़ती है.

  • जिसका बल्ड ग्रुप 'O' होता है अस्पतालों को यह सबसे ज्यादा जरूरत में आता है.

  • हर साल 10 लाख से ज्यादा लोग ब्लड कैंसर से पीड़ित होते हैं और इनमें से ज्यादातर को खून की जरूरत पड़ती है. कई बार तो इन मरीजों को किमोथेरेपी के दौरान रोजाना खून की आवश्यकता होती है.

  • सड़क दुर्घटना में चोट खाने वाले व्यक्ति को अनुमानित 100 यूनिट ब्लड की आवश्यकता होती है.

  • औसतन हर व्यक्ति में 10 यूनिट ब्लड होता है और ब्लड डोनेशन के वक्त 1 यूनिट के आसपास का बल्ड डोनेट होता है.

  • एक स्वस्थ डोनर हर 56 दिनों में रेड ब्लड सेल डोनेट कर सकता है.

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ब्लड की खासियत:

  • आपके शरीर के वजन में बल्ड का 7 फीसदी का योगदान होता है.

  • बल्ड से कुल चार ऐसी चीजों को निकाला जा सकता है जो दूसरे के शरीर में आसानी से पहुंच कर फायदेमंद होता है. वो है- रेड सेल्स, प्लेटलेट्स (Platelets), प्लाज्मा (Plasma) और Cryoprecipitate.

  • जब भी प्लेटलेट्स डोनेट किए जाते हैं तो पांच दिनों के अंदर उनका इस्तेमाल हो जाना चाहिए.

डोनर:

  • एक डोनेशन से औसतन तीन जान को बचाया जा सकता है

  • अगर 18 साल की उम्र से आप हर 90 दिनों में 60 साल तक की उम्र तक बल्ड डोनेट करते हैं तो आप 500 लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं.

  • भारत में 7 फीसदी लोगों 'O' नेगेटिव ब्लड ग्रुप से आते हैं

  • 35 फीसदी लोग 'O' पॉजिटिव ब्लड ग्रुप से आते हैं

  • और, केवल 0.4 फीसदी लोग AB ब्लड ग्रुप के होते हैं

world blood doner day 2022: एक बार के ब्लड डोनेशन से औसतन तीन जान को बचाया जा सकता है.
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बल्ड डोनेशन:

  • ब्लड डोनेट करने से शरीर कमजोर नहीं पड़ता

  • खून की कमी नहीं होती

  • ब्लड डोनेट करने के 48 घंटे के अंदर ही शरीर नया खून बना देता है

  • ब्लड डोनेट करने के बाद पूरे दिन आराम करने की जरूरत नहीं पड़ती

  • अगर आप स्वस्थ हैं तो 3-4 महीनों में फिर से ब्लड डोनेट कर सकते हैं

  • ब्लड डोनेट करने में दर्द नहीं होता

  • ब्लड डोनेट करने से HIV नहीं होता

इनपुट- WHO, फ्रेड्स2सपोर्ट डॉट ओआरजी

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