Nipah Virus Updates: निपाह वायरस इन्फेक्शन का प्रकोप देखते हुए केरल के कोझिकोड में सभी एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन अगले रविवार, 24 सितंबर तक बंद रहेंगे. अभी तक निपाह इन्फेक्शन से संक्रमित व्यक्तियों के कांटेक्ट लिस्ट में 1,080 लोग शामिल हैं, जिसमें 15 सितंबर को 130 नए व्यक्ति जोड़े गए हैं, इनमें 327 हेल्थ वर्कर्स हैं.
आइए जानते हैं निपाह वायरस से जुड़ी तमाम जरुरी जानकारियां.
निपाह वायरस एंटीबॉडी का इस्तेमाल कंपैशनेट ग्राउंड्स के आधार
केरल निपाह वायरस के चौथे प्रकोप से जूझ रहा है, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने 15 सितंबर को एक प्रेस मीटिंग में कहा कि आईसीएमआर ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी उपचार की सीमित खुराक खरीदेगी.
2018 में कंपैशनेट ग्राउंड्स के आधार पर संक्रमित रोगियों के इलाज के लिए भारत ने 20 खुराकें हासिल की थीं (10 रोगियों के लिए पर्याप्त), हालांकि, जब तक आईसीएमआर ने उन्हें प्राप्त किया, तब तक संक्रमण पर काबू पा लिया गया था और उनका कभी उपयोग नहीं किया गया.
भारत में पहले से ही उपलब्ध खुराक को केरल सरकार तक पहुंचा दिया गया है.
डॉ. बहल ने कहा, "वायरल संक्रमण के मामले में, मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज एकमात्र 'एंटी-वायरल उपचार' है, जो प्रभावी पाया गया है."
डॉ. राजीव बहल ने प्रेस कांफ्रेंस में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी इलाज पर कहा कि यह निपाह वायरस के लिए अप्रूव्ड उपचार नहीं है. केरल में कंपैशनेट ग्राउंड्स पर एंटीबॉडी उपचार का उपयोग करने की इजाजत दी गई है.
"इसका मतलब है कि आप इसका उपयोग उस स्थिति के लिए कर सकते हैं, जहां मरीज की मौत की आशंका दो में से एक है और डॉक्टर, मरीज या मरीज के परिवार के सदस्य इसका उपयोग करना चुनते हैं."डॉ. राजीव बहल, डीजी- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR)
हालांकि, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उपचार को आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (ईयूए) प्राप्त नहीं हुआ है, और इसे निपाह के लिए एक्सपेरिमेंटल इलाज का तरीका भी नहीं माना जा सकता है.
दुनिया भर में अब तक निपाह के 14 रोगियों में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी उपचार का उपयोग किया गया है और उनमें से सभी बच गए हैं. यह अभी तक भारत में किसी को नहीं दिया गया है.
इन रोगियों में इस्तेमाल के आधार पर, उपचार के उपयोग के लिए कुछ एसओपी (SOPs) भी तय किए गए थे:
एक मरीज को आम तौर पर दो खुराक की आवश्यकता होती है.
इसके प्रभावी होने के लिए इसे बीमारी की शुरुआत में दिया जाना चाहिए.
"अगर मरीज को पहले से ही इन्सेफेलाइटिस है, तो इसे देने में बहुत देर हो चुकी है."डॉ. राजीव बहल, डीजी- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR)
क्या इसका इस्तेमाल केरल में किया जाएगा?
डॉ. बहल ने कहा कि आईसीएमआर (ICMR) के पास अभी भी 20 खुराकें हैं, जो 2018 में हासिल की गई थीं, लेकिन चूंकि वे 5 साल से अधिक पुरानी हैं, इसलिए इस पर कोई डेटा नहीं है कि वे अभी भी कारगर हैं या नहीं.
"केरल स्वास्थ्य विभाग ने हमसे और अधिक एंटीबॉडी मुहैया कराने की बात कही है. इसलिए, हमने क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी से 20 और खुराक का अनुरोध किया है और वे इसे देने के लिए तैयार हो गए हैं और हम इसे प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं. हम इसका उपयोग करेंगे या नहीं यह आईसीएमआर का निर्णय नहीं है."डॉ. राजीव बहल, डीजी- भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR)
डॉ. बहल ने कहा, "हमारा काम यह सुनिश्चित करना है कि अगर इसे उपलब्ध कराया जा सकता है, तो हम इसे भारत लाएंगे. अगर जरूरत है और लोगों को लगता है कि यह उपयोगी हो सकता है, तो हम इसे उपलब्ध कराएंगे."
उन्होंने कहा, "उपयोग करने का निर्णय आईसीएमआर का नहीं है. उपयोग करने का निर्णय केरल सरकार का है, जो लोग मरीज का इलाज कर रहे हैं, और सबसे महत्वपूर्ण, मरीजों और उनके परिवारों का है."
जहां तक संक्रमण से सुरक्षा की बात है, डॉ. बहल कहते हैं कि एहतियाती उपाय कोविड के समान हैं.
हाथ की अच्छी स्वच्छता बनाए रखें.
आपमें या आपके आस-पास किसी में फ्लू जैसे लक्षण हैं, तो मास्क पहनें.
उन क्षेत्रों में जाने से बचें जहां संक्रमित फल चमगादड़ और सूअर मौजूद हैं. इन क्षेत्रों में कच्चे फल, पेड़ों से तोड़े गए फल खाने से बचें.
निपाह वायरस से जुड़ी जरुरी बातें
निपाह वायरस संक्रमण के कारण केरल के कोझिकोड में सभी एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन अगले रविवार, 24 सितंबर तक बंद रहेंगे. इस बंद में स्कूल, प्रोफेशनल कॉलेज और ट्यूशन सेंटर शामिल हैं. जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि पूरे सप्ताह ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी.
केरल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा कि अगर जरुरी हो, तो आउटब्रेक के मद्देनजर सबरीमाला की तीर्थयात्रा के लिए गाइडलाइन्स जारी करें. पहाड़ी की चोटी पर स्थित यह मंदिर हर मलयालम महीने में पांच दिनों के लिए खुलता है. इस महीने यह रविवार को खुलेगा.
केरल स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने स्थिति पर एक अपडेट प्रदान किया है, जिसमें बताया गया है कि संक्रमित व्यक्तियों के कांटेक्ट लिस्ट में अभी 1,080 लोग शामिल हैं, जिसमें 15 सितंबर को 130 नए लोग जोड़े गए हैं, इनमें 327 हेल्थ वर्कर्स हैं.
अभी राज्य में निपाह वायरस के छह मामलों की पुष्टि हो चुकी है. इसके अलावा, 30 अगस्त को निपाह वायरस से संक्रमित हो मरने वाले व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले 17 व्यक्तियों को अलग-थलग कर दिया गया है और चार सक्रिय मामलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है.
कर्नाटक सरकार ने 14 सितंबर को एक सर्कुलर जारी कर आम जनता को केरल में निपाह प्रभावित क्षेत्रों की बेवजह यात्रा से बचने की सलाह दी. उन्होंने कोडागु, दक्षिण कन्नड़, चामराजनगर और मैसूर सहित कर्नाटक के बॉर्डर जिलों के साथ-साथ राज्य के चेक पॉइंट्स पर निगरानी बढ़ाने की सिफारिश की.
निपाह वायरस के संक्रमण की पुष्टि केवल आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट से ही की जा सकती है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, निपाह से मृत्यु दर 40 से 75% के बीच है. इसका मतलब यह है कि लगभग आधे मामलों में मृत्यु होने की आशंका है.
(इन्पुट्स- एएनआई)
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