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Pregnancy Mood Swings: इन 5 तरीकों से मैनेज कर सकते हैं प्रेगनेंसी मूड स्विंग्स

Pregnancy Care Tips: प्रेगनेंसी मूड स्विंग्स को सही ढंग से मैनेज करने की जरूरत होती है.

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Pregnancy Mood Swings Care Tips: प्रेगनेंसी महिला के जीवन का वो समय होता है जब वो एक साथ एक ही समय पर कई तरह की फीलिंग्स से गुजर रही होती हैं. प्रेगनेंसी के दौरान आपके मूड में बदलाव आना सामान्य बात है. एक्सपर्ट्स के अनुसार इसके पीछे कुछ कारण हो सकते हैं जैसे कि हार्मोन, नींद की कमी और प्रेगनेंसी से जुड़ी एंजाइटी.

अच्छी बात ये है कि प्रेगनेंसी के दौरान होने वाला मूड स्विंग्स टेम्पररी होता है. बस इसे सही ढंग से मैनेज करने की जरूरत होती है.

प्रेगनेंसी के मूड स्विंग्स अगर आपकी डेली लाइफ में परेशानी का कारण बन रहे हैं, तो यहां एक्सपर्ट से समझिए मैनेज करने के आसान उपायों के बारे में.

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डॉ. अर्चना धवन बजाज फिट हिंदी से कहती हैं, "किसी भी दो महिला को प्रेगनेंसी के समान लक्षण अनुभव नहीं होते हैं. किसी को मूड स्विंग अनुभव हो सकता है, तो कोई अपने पूरे नौ महीनों में भावनात्मक रूप से स्थिर महसूस कर सकती हैं. साथ ही, एक ही महिला को अपनी अलग-अलग प्रेगनेंसी में मूड में अंतर देखने को मिल सकता है".

प्रेगनेंसी के सामान्य भावनात्मक उतार-चढ़ाव और प्रसवपूर्व डिप्रेशन के बीच अंतर करना महत्वपूर्ण है.

1. अच्छी हेल्दी डाइट लें- हेल्दी, पौष्टिक भोजन और पेट भरने वाले हेल्दी स्नैक्स आपके गुस्से को शांत करने, शरीर को एनर्जी देने और आपके दिमाग को ऐक्टिव बनाने में बेहद काम आते हैं. अपने शरीर को एनर्जेटिक बनाए रखने और अपने मन को संतुष्ट करने के लिए दिनभर में कई बार छोटे हिस्सों में खाना खाएं.

2. हल्का एक्सरसाइज करें- चलने या तैरने जैसे हल्के एक्सरसाइज आपको अपने बेबी ब्लूज को दूर करने और अपने मूड को अच्छा करने में मदद कर सकते हैं. योग और ध्यान भी सहायक हैं, इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करने का प्रयास करें.

3. पर्याप्त नींद लें– जब आप गर्भवती हों तो अच्छी नींद बहुत महत्वपूर्ण होती है. जैसे-जैसे आप प्रसव के करीब पहुंचती हैं, ऐसी गतिविधियों में शामिल हों जो आराम को बढ़ावा देती हैं. बिस्तर पर जाने से पहले सही ढंग से सांस लेने वाले एक्सरसाइज करें. आराम से सोने में मदद करने के लिए प्रेगनेंसी में इस्तेमाल किए जाने वाले तकिए का भी उपयोग किया जा सकता है.

4. अपने परिवार के सदस्यों/दोस्तों या दूसरी प्रेग्नेंट महिलाओं से बात करें- सुनिश्चित करें कि आपके करीबी परिवार और दोस्तों को यह समझ में आ रहा है कि आप किस स्थिति से गुजर रहीं हैं और वे आपकी जरूरत के समय में आपकी सहायता के लिए उपलब्ध हैं. दूसरी गर्भवती माताओं से बात करने से आप सहज महसूस कर सकती हैं.

5. एक्सपर्ट से संपर्क करें- आप अगर अपने भावनात्मक रोलरकोस्टर से उबरने में असमर्थ हैं और यह प्रेगनेंसी के दौरान आपके दैनिक दिनचर्या को प्रभावित करता है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें.

"अगर आप हर समय उदास, निराश महसूस करती हैं, तो ये जरुरी है कि आप, अपने और अपने बच्चे की भलाई के लिए अपने डॉक्टर से बात करें."
डॉ. अर्चना धवन बजाज, प्रसूति और आईवीएफ विशेषज्ञ, नर्चर क्लीनिक, दिल्ली

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