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Skincare|अपनी स्किन केयर एक्सपर्ट बनना चाहती हैं? इससे पहले आपको यह पढ़ना चाहिए

डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लेना महंगा है. लेकिन मुफ्त ऑनलाइन स्किन केयर की सलाहें और भी महंगी पड़ सकती है.

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हयालूरोनिक एसिड (Hyaluronic acid), नियासिनमाइड (Niacinamide), रेटिनॉल (Retinol). कुछ साल पहले तक मुझे पता भी नहीं था कि इन शब्दों का क्या मतलब है. मगर इन चमत्कारी प्रोडक्ट्स की छोटी बोतलें मेरी बाथरूम की रैक पर सजी हुई हैं.

मुमकिन है कि आप अपनी ड्रेसिंग टेबल को खंगालें, तो आपको इनमें से कुछ चीजें वहां भी मिल जाएं, भले ही आप ‘स्किन केयर' (skincare) की दीवानी’ हों या न हों.

हमें इनकी जरूरत क्यों हैं?

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खूबसूरत जवानी का वादा लुभावना है. इससे पहले कभी भी इतनी चिकनी, मुलायम, साफ स्किन पाना मुमकिन नहीं था, है ना?

इंटरनेट खंगाल ने वाले यह जानते हैं. और वे इस भगदड़ में शामिल हैं.

बीते कुछ सालों में मेकअप की जगह ऑनलाइन उपलब्ध स्किन केयर के नुस्खे ब्यूटी कंटेंट का जरूरी हिस्सा बन गए हैं.

‘स्किन केयर’ (skincare) का चलन इतना आम हो गया है कि अब बाकायदा कई स्किन केयर रुटींस बनाए जा रहे हैं. एक सुबह के लिए और एक रात के लिए.

तेजी से बढ़ती ब्यूटी एंड स्किन केयर इंडस्ट्री को कोई शिकायत नहीं है. असल में स्किन केयर (skincare) मार्केट का 2021 में 10 करोड़ डॉलर से बढ़कर 2028 तक 14.5 करोड़ डॉलर हो जाने का अंदाजा है.

लेकिन, क्या इसका मतलब यह है कि ढेर सारे स्किन केयर रुटीन अपनाने वाली हर लड़की अब बेदाग त्वचा के साथ घूम रही है? बिल्कुल नहीं, ना.

खुद करने की क्या जरूरत है?

डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लेना महंगा है. लेकिन मुफ्त ऑनलाइन स्किन केयर की सलाहें और भी महंगी पड़ सकती है.

डर्मेटोलॉजिस्ट महंगे हो सकते हैं और स्किन में ग्लो के लिए उनके पास जाना, ज्यादा  लगता है  

(फोटो:iStock)

हर कोई डर्मेटोलॉजिस्ट के पास नहीं जा सकता, या वह इसका खर्च नहीं उठा सकता.

डर्मेटोलॉजिस्ट न सिर्फ महंगे हो सकते हैं बल्कि थोड़ी ज्यादा ‘ग्लो’ या चिकनी स्किन के लिए डॉक्टर के पास जाना थोड़ा ज्यादा लगता है, है ना?

लेकिन इंटरनेट ने, जैसा कि दूसरी चीजों के साथ होता है, विशिष्टता के दर्जे को खत्म करने में मदद की है. लोग अब एक-दूसरे से सीधे बात कर सकते हैं और प्रोफेशनल कंसल्टेशन (consultation) पर खर्च होने वाले हजारों और लाखों रुपये बचा सकते हैं.

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सुंदरता के बाजार में गेटकीपर्स (gatekeepers) को दरकिनार करना

स्किन केयर भ्रमित करने वाला शब्द है, और इंडस्ट्री इसे इसी तरह चलाने की कोशिश भी करती है.

कॉस्मेटिक कंपनियों के लिए करीने से किए झूठे वादों के साथ आपको लुभाना आसान है. आमतौर पर उन पर काबू रखने के लिए नियमों की कमी है, लेकिन उपभोक्ताओं को बेहतर जानकारी नहीं होना भी कंपनियों के लिए मददगार होता है.

किसी भी सुपरमार्केट में शैंपू की रैक पर नजर डालें, तो आप पाएंगे कि उनमें से कई में केराटिन (keratin) बताया गया है— मगर ये सभी आपके बालों को उस तरह से मजबूती देने में मदद नहीं करेंगे जैसा वे वादा करते हैं, क्योंकि केराटिन उस तरह काम ही नहीं करता है.

सोशल मीडिया ने लोगों के लिए खुद को शिक्षित करने और सूचनाओं से लैस बेहतर व जागरूक उपभोक्ता बनना मुमकिन बना दिया है.

यह चलन में है

सारे असरदार लोग यह कर रहे हैं, जिसका मतलब है कि हम भी यह कर रहे हैं!

स्किन केयर उद्योग के उपभोक्ताओं की गिनती बढ़ रही है क्योंकि ज्यादा से ज्यादा नौजवान लड़के-लड़कियां इसे अपना रहे हैं.

खुद के बनाए सौंदर्य सिस्टम का बुरा पहलू

स्किन केयर प्रोडक्ट्स (skincare products) मेडिसिन और कॉस्मेटिक्स (cosmetics) के बीच की चीज हैं. हालांकि इनको नियमित मेडिकल ट्रीटमेंट की तरह तमाम जांच और कानूनों से नहीं गुजरना होता है.

इसके अलावा इनमें से ज्यादातर को बिना प्रेस्क्रिप्शन (prescription) के दुकान से खरीदा जा सकता है.

जब आप अपनी स्किन पर कुछ लगाती हैं और इसे कुछ देर तक लगाए रखती हैं, तो इन दोनों में बहुत फर्क हो सकता है.

दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. डी एम महाजन के मुताबिक विटामिन सी को चेहरे पर मलने से बहुत कम फायदा होता है, क्योंकि इसका असल फायदा पाने के लिए इसे कंज्यूम करने की जरूरत होती है.

विटामिन सी धूप में डिएक्टिवेट (deactivate) हो जाता है. तो ऐसे में सलाह दी जाती है कि आप इसे रात में इस्तेमाल करें, या अगर आप दिन में इसका इस्तेमाल करती हैं, तो सूरज के संपर्क में कम रहें.

हयालूरोनिक एसिड (Hyaluronic acid), एक और स्किनकेयर इनग्रेडिएंट (skincare ingredient) है ,जो बहुत चलन में है. वह कहते हैं, “इसे कारगर होने के लिए स्किन में इंजेक्ट करना होगा.”

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“हयालूरोनिक एसिड (Hyaluronic acid) को अपने चेहरे पर लगाने से आपको ऐसा महसूस होता है कि आपका चेहरा थोड़ी देर के लिए हाइड्रेटेड हो गया है. इसका असर लंबे समय तक नहीं रहता है.”
डॉ. डीएम महाजन, डर्मेटोलॉजिस्ट, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, दिल्ली

इन स्किनकेयर प्रोडक्ट्स (skincare products) में से कुछ का गलत इस्तेमाल उनके दावा किए फायदों के बजाय नुकसायनदायक नतीजे दे सकता है.

फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के सीनियर कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. सचिन धवन कहते हैं, “अच्छी-खासी स्किन वाली कई लड़के-लड़कियां अपनी स्किन के साथ तजुर्बे कर स्किन को बर्बाद करने के बाद मेरे पास आते हैं.”

इसमें इनग्रेडिएंट्स (ingredients) का दोष नहीं है. सही हाथों में वे जादू कर सकते हैं, लेकिन जब उनका गलत इस्तेमाल किया जाता है तो उलटे नतीजे वाले साबित हो सकते हैं.

डॉ. डी एम महाजन फिट से बात करते हुए बताते हैं कि मरीजों का ब्यूटी प्रोडक्ट्स (products) के रिएक्शन की शिकायत लेकर उनके क्लिनिक में आना बहुत आम है.

“हमारे सामने आमतौर पर हाइपर सेंसटिव स्किन, सूखकर पपड़ी छोड़ती स्किन, मुंहासे फूटने की समस्या लिए लोग आते हैं, जिनकी ऐसी हालत प्रोडक्ट या इनग्रेडिएंट्स (ingredient) के रिएक्शन से होती है.”
डॉ. डीएम महाजन, डर्मेटोलॉजिस्ट, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल, दिल्ली
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वह इसे ‘ब्यूटी पार्लर डर्मेटाइटिस’ (beauty parlour dermatitis) कहते हैं.

डॉ. सचिन धवन फिट को बताते हैं कि कुछ प्रोडक्ट आपकी स्किन को फोटोसेंसेटिव बना सकते हैं और स्किन में जलन और ऐसी समस्याओं की वजह बन सकते हैं. उनका कहना है कि रेटिनॉल (Retinol) और एक्सफोलिएटर्स (exfoliators) इसके लिए बदनाम हैं.

डॉ. धवन कहते हैं, इन प्रोडक्ट्स के ऊपर सनस्क्रीन की लेयर लगाना जरूरी है.

डर्मेटोलॉजिस्ट द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एंटी-एजिंग एजेंट (anti ageing agent) रेटिनॉल को एंटी-एजिंग ट्रीटमेंट में रामबाण माना जाता है. लेकिन डॉ. महाजन और डॉ. धवन दोनों का कहना है कि बहुत ही खास हालात में रेटिनॉल का इस्तेमाल बेहद सावधानी से किया जाना चाहिए.

डॉ. महाजन कहते हैं, “बहुत से लोग असल में जाने बिना कि इसका इस्तेमाल कैसे किया जाता है, रेटिनॉल को फेस ऑयल की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं.”

अगर गलत तरीके से इस्तेमाल किया जाता है तो रेटिनॉल स्किन में जलन, लालिमा, पपड़ी बनना, हाइपर सेंसटिविटी (hyper sensitive) और मुंहासे फूटने की वजह बन सकता है.

एक्सपर्ट के अनुसार, जब रेटिनॉल की बात आती है तो कुछ और भी ध्यान देने वाली बातें हैं,

गीले या नम चेहरे पर इसका इस्तेमाल न करें. इसे लगाने से पहले चेहरे को पूरी तरह से सुखा लें.

रेटिनॉल का इस्तेमाल सिर्फ रात में करें और जब आप दिन में रेटिनॉल का इस्तेमाल करें तो सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें.

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“कम से शुरुआत करें,” डॉ. महाजन बताते हैं कि रेटिनॉल को अपने स्किन केयर रुटीन (skincare routine) में धीरे-धीरे शामिल करना चाहिए. वह कहते हैं, “हफ्ते में एक या दो बार से शुरुआत करें और फिर धीरे-धीरे इसे बढ़ाएं.” “आपको हमेशा पहले अपनी स्किन पर इसका टेस्ट करना चाहिए (यह देखने के लिए कि क्या आप पर कोई रिएक्शन होता है, इसे जांचने के लिए कुछ दिन का समय दें) और फिर धीरे-धीरे इसे ज्यादा बार इस्तेमाल करें. एकदम शुरू में आपको इसे पूरी रात अपने चेहरे पर लगाए नहीं रखना चाहिए. शुरुआत में कई बार, इसे एक घंटे के लिए रखें, फिर इसे एक-दो घंटे और रात भर तक बढ़ाने से पहले कुछ घंटे.” डॉ. डी एम महाजन

डॉ. धवन बताते हैं कि दो और मशहूर एसिडिक फार्मूलों AHA और BHA का इस्तेमाल डर्मेटोलॉजिस्ट की निगरानी में किया जाना चाहिए, और खासतौर से तेज कंसनट्रेशन से बचना चाहिए.

“मेरे मरीजों में 17 साल के बच्चे-बच्चियां हैं, जिनकी स्किन पूरी तरह से अच्छी थी, मगर वो डैमेज स्किन के साथ आए थे. आजकल कम उम्र के बच्चों को ऐसे स्किन ट्रीटमेंट और प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते देख रहे हैं, जिनकी उन्हें जरूरत नहीं है.”
डॉ सचिन धवन, सीनियर कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट
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डॉ. धवन कहते हैं, “खासतौर से AHA, BHA और रेटिनॉल को बहुत कम उम्र में शुरू नहीं करना चाहिए. आदर्श स्थिति में किसी को 23 से 27 साल के आसपास इनका इस्तेमाल शुरू करना चाहिए.”

डॉ. महाजन और डॉ. सचिन धवन दोनों ही स्किन को गोरा ( skin whitening) और साफ (brightening products) बनाने वाले प्रोडक्ट्स खासतौर से स्टेरॉयड बेस्‍ड प्रोडक्स्ट के बारे में सावधान करते हैं.

डॉ. धवन कहते हैं, “स्टेरॉयड बेस्ड स्किन को गोरा करने वाली क्रीम से आपके चेहरे की कोशिकाओं में सूजन आ सकती है.”

डॉ. महाजन बताते हैं, ‘'हमारे पास ऐसे नौजवान लोग आते हैं, जिन्होंने स्किन को गोरा करने वाली क्रीमों का इस्तेमाल किया, और उन्हें सफेद दाग (leucoderma) हो गया. स्टेरॉयड बेस्ड क्रीम हाइपर सेंसटिविटी, लालिमा और मुंहासे फूटने का भी कारण बन सकती है.”

“जब आप इसका इस्तेमाल करते हैं, तो ये आपकी स्किन को गोरा या साफ बना सकते हैं, लेकिन बाद में इनसे हाइपरपिग्मेंटेशन (hyperpigmentation) और बदरंग (discolouration) हो सकता है.”
डॉ. सचिन धवन, सीनियर कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट

हमने जिन एक्सपर्ट से बात की वे इस बात पर एक राय थे कि सामान्य स्किन वाले युवा लड़के या लड़की के लिए क्लींजर, मॉइस्चराइजर और सनस्क्रीन का आम रुटीन काफी है, जब तक कि आपको स्किन की कोई खास समस्या न हो.

डर्मेटोलॉजिस्ट की सलाह लेना, और रिएक्शन के लिए प्रोडक्ट्स की टेस्टिंग करना बहुत जरूरी है, खासतौर से अगर आपकी सेंसटिव स्किन है.

तो अगली बार आप अपनी फेवरेट ब्यूटी ब्लॉगर की सलाह पर अपनी ड्रेसिंग टेबल को स्किनकेयर ट्रीटमेंट्स के प्रोडक्स्ट से भरना चाहें, तो हो सकता है कि आप उससे पहले ठहर कर किसी डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लेना चाहें!

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