राजस्थान में स्वाइन फ्लू से अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य में अब तक करीब 1000 से अधिक लोग स्वाइन फ्लू से पीड़ित पाए गए हैं.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने राज्य विधानसभा में जानकारी दी कि अब तक कुल 5367 सैंपल लिए गए, जिनमें से 1233 सैंपल पॉजिटिव पाए गए. शर्मा के मुताबिक सरकार स्वाइन फ्लू पर काबू पाने और इससे निपटने के सभी उपाय कर रही है.
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल देश भर में स्वाइन फ्लू के 14,992 मामले सामने आए और कुल 1103 लोगों की मौत हुई.
शूकर इन्फ्लूएंजा, इसे एच1एन1 (H1N1) या स्वाइन फ्लू भी कहते हैं.
कब बनता है स्वाइन फ्लू मौत की वजह?
अपोलो अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट डॉ सुरनजीत चटर्जी के मुताबिक स्वाइन फ्लू के मामलों में मरीज की मौत तभी होती है, जब वो इलाज के लिए डॉक्टर के पास देरी से पहुंचता है.
डॉ सुरनजीत के मुताबिक अगर इस बीमारी को शुरुआत में पकड़ लिया जाए, तो इलाज में जल्दी फायदा होता है.
ऐसे में जरूरी है कि आपको इससे जुड़ी हर तरह की जानकारी हो, ताकि भूलकर भी कोई लापरवाही न हो सके. जानिए स्वाइन फ्लू के लक्षण और इससे बचाव के उपाय.
स्वाइन फ्लू के लक्षण
यहां कुछ लक्षण हैं, जिस पर आपको ध्यान देना चाहिए और बचाव के जरूरी उपाय अपनाने चाहिए.
नाक बहना, छींक, खांसी, गले में तकलीफ, बुखार, सिर दर्द और बदन दर्द ये सभी स्वाइन फ्लू के लक्षण हैं.
किन लोगों को है ज्यादा खतरा?
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के मुताबिक कुछ लोगों को स्वाइन फ्लू का खतरा ज्यादा हो सकता है.
- गर्भवती महिलाएं
- छोटे बच्चे
- बुजुर्ग लोग
- जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो
- जो लोग पहले से बीमार हैं
- जो लंबे समय से कोई दवा ले रहे हैं या जिनका कोई इलाज चल रहा है
संक्रमण रोकने के उपाय
स्वाइन फ्लू से संक्रमित शख्स को अपना मुंह ढककर रहना चाहिए, जिससे इस वायरस से दूसरों को संक्रमण न हो जाए.
इसके संक्रमण से बचने के लिए जरूरी है कि आप अपने हाथ धोते रहें और भीड़भाड़ में अपना मुंह कवर करके निकलें.
साथ ही, अगर आपको ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण का अनुभव हो रहा है, तो लापरवाही न करें, तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
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