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Thyroid Awareness Day 2023: थायरॉइड स्टॉर्म क्यों है एक मेडिकल इमरजेंसी?

World Thyroid Awareness Day 2023: भारत में हर 10 में से 1 व्यक्ति थायरॉइड की समस्या से जूझ रहा है.

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Thyroid Awareness Day 2023: हर साल 25 मई को विश्व थायरॉइड दिवस मनाया जाता है. यह ग्रंथि दिल, दिमाग और शरीर के दूसरे अंगों को सही तरीके से चलाने वाले हॉर्मोन पैदा करता है. थायरॉइड की बीमारी में बड़ी समस्या ये है कि करीब एक तिहाई लोगों को पता ही नहीं चलता है कि वो थायरॉइड की समस्या से ग्रसित हैं.

क्या है थायरॉयड स्टॉर्म? थायरॉयड स्टॉर्म के लक्षण या संकेत क्या हैं? किसे हो सकता है थायरॉइड स्टॉर्म? थायरॉइड स्टॉर्म मेडिकल इमरजेंसी क्यों है? इन जरूरी सवालों के जवाब जानते हैं एक्सपर्ट से.

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क्या है थायराइड स्टॉर्म?

शरीर में थॉयरायड बहुत ज्यादा बढ़ जाने पर बॉडी में मेटाबॉलिक और बायोकेमिकल डिकंपेन्सेशन होता है और दिल की गतिविधि बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे में बहुत अधिक तापमान, मेंटल डिसऑर्डर और सिस्टेमिक विकार पैदा होने लगते हैं. इस स्थिति को थायरॉयड स्टॉर्म कहते हैं.

क्यों होता है थायराइड स्टॉर्म?

हाईपरथायरॉइड के साथ थायरॉइड कंट्रोल में न रहने के कारण थायरॉइड स्टॉर्म हो सकता है. एंटीथायरॉइड इलाज का पालन न करने, पर्याप्त खुराक न लेने और कभी-कभी किसी दवाई के कारण यह बढ़ सकता है.

थायराइड स्टॉर्म के लक्षण या संकेत क्या हैं?

डॉ. सुनील कुमार मिश्रा ने फिट हिंदी को इन लक्षणों पर ध्यान देने को कहा,

  • हार्ट की अधिक गतिविधि- घबराहट होना, सांस फूलना, नींद न आना, दिल का दौरा

  • अधिक तापमान- संक्रमण न होने पर भी ज्यादा तापमान होना

  • मेंटल डिसऑर्डर- चिंता, बेचैनी, नींद न आना

किसे हो सकता है थायरॉइड स्टॉर्म?

यह किसी भी व्यक्ति को हो सकता है, जो

  • हाईपरथायरॉइड से ग्रसित हो और जिसका थायरॉइड नियंत्रण में न हो

  • जिसका कंठ बड़ा हो

  • बुजुर्ग जिन्हें कार्डियक और सिस्टेमिक समस्याएं हों

  • जिन लोगों ने ऐसी दवाइयां ली हों, जिनसे थायरॉइड हार्मोन लेवल बढ़ता हो या इसके सिस्टेमिक प्रभाव बढ़ते हों

थायरॉइड स्टॉर्म मेडिकल इमरजेंसी क्यों है?

"यह एक मेडिकल इमरजेंसी है, जिसका समय पर इलाज न होना जानलेवा साबित हो सकता है."
डॉ. सुनील कुमार मिश्रा, सीनियर डायरेक्टर, डिवीज़न ऑफ एंडोक्राईनोलॉजी एंड डायबिटीज, एंडोक्राईनोलॉजी एंड डायबेटोलॉजी, मेदांता, गुरुग्राम

इसमें अलग-अलग अंगों को स्थायी क्षति पहुंच सकती है. इसके लिए इंटेंसिव केयर यूनिट(ICU) में भर्ती कराना पड़ सकता है और एंडोक्राईनोलॉजी टीम और आईसीयू टीम की निगरानी में रहना पड़ सकता है. करीब से निगरानी कर और समय पर इलाज कर इसकी जटिलताओं को समय पर नियंत्रित करने और जान के खतरे को रोकने में मदद मिलती है.

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थायराइड स्टॉर्म को कैसे पहचानें और यह होने पर क्या करें?

"यहां बताए हुए लक्षण किसी को हैं, तो उसका थायरायड स्टॉर्म के लिए डायग्नोस कराया जाना चाहिए."
डॉ. सुनील कुमार मिश्रा, सीनियर डायरेक्टर, डिवीज़न ऑफ एंडोक्राईनोलॉजी एंड डायबिटीज, एंडोक्राईनोलॉजी एंड डायबेटोलॉजी, मेदांता, गुरुग्राम

थायरॉइड प्रोफाईल के साथ क्लिनिकल डेटेल्स और दूसरी लैबोरेटरी जांच से इसको डायग्नोस करने में मदद मिलती है. इसका इलाज तुरंत शुरू करने के लिए एंडोक्राईनोलॉजी टीम और अनुभवी आईसीयू टीम के मार्गदर्शन में आईसीयू में भर्ती कराया जा सकता है.

डॉ. सुनील कुमार मिश्रा ने फिट हिंदी को इमरजेंसी की स्थिति में इलाज के विकल्पों के बारे में बताया. वो इस प्रकार हैं, इंट्रावेनस फ्लूड, एंटी थायरॉइड दवाइयों की उच्च खुराक वाली इंजेक्शन या खाने की दवा दी जाती है. कार्डियक गतिविधि को कंट्रोल करके दूसरे अंगों के लिए सपोर्टिव इलाज और इन्फेक्शन या किसी दूसरी बीमारी का इलाज किया जाता है. इसमें किसी भी कार्डियक या न्यूरोलॉजिकल एक्यूट इमरजेंसी या दूसरी दवाई की ओवरडोज का इलाज शामिल है.

इससे कैसे बचा जा सकता है?

एक्सपर्ट के अनुसार अगर किसी को हाईपरथायरॉइड है, तो वह हाईपरथायरॉइड अवस्था पर सही कंट्रोल करें, एंटीथायरॉइड दवाओं का पालन करें, एंडोक्राईनोलॉजिस्ट के साथ समय पर फॉलोअप करें और बिना डॉक्टर परामर्श कोई भी दवाई न लेने जैसी सावधानियां रखकर इसकी रोकथाम कर सकता है.

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