Signs Of Vitamin D Deficiency: हड्डियों को मजबूत बनाए रखने से लेकर इम्यून सिस्टम को सहारा देने तक, विटामिन डी (Vitamin D) व्यक्ति के शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. हेल्थ के लिए बेहद जरुरी होने के बावजूद, दुनिया भर में कई लोगों को विटामिन डी की कमी रहती है, जिससे कई हेल्थ प्रॉब्लम्स होती हैं.
कई स्टडीज में ये पाया गया है कि बहुत से लोग विटामिन डी की कमी के लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं. फिट हिंदी ने एक्सपर्ट्स से बात कर यहां उन लक्षणों के बारे में बताया है, जो तब दिखाई देते हैं, जब शरीर में विटामिन डी की कमी होती है.
1. थकान और कमजोरी
विटामिन डी की कमी के शुरुआती लक्षणों में से एक लगातार थकान और कमजोरी बने रहना है. एनर्जी मेटाबॉलिज्म, में विटामिन डी अहम भूमिका निभाता है और अगर बॉडी में इसकी कमी हो तो शरीर में एनर्जी लेवल बहुत कम हो जाता है, जिसके कारण थकान और कमजोरी महसूस होते रहती है. इसके अलावा, विटामिन डी मसल फंक्शन को सपोर्ट करता है और इसकी कमी से मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं, जो आगे चलकर थकान का कारण बनती हैं. अगर आप अच्छी तरह से आराम करने के बावजूद अक्सर थकान महसूस करते हैं, तो अपने शरीर में विटामिन डी के लेवल की जांच एक जरुर बार करा लें.
2. घाव का धीरे-धीरे ठीक होना
विटामिन डी, इम्यून सिस्टम को बेहतर रखने और टिश्यू रिपेयर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसकी कमी होने पर घाव भरने में काफी समय लग जाता है. विटामिन सेल ग्रोथ और डिविजन को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है, जो हीलिंग की प्रक्रिया में जरुरी होते हैं. विटामिन डी की कमी इन्फेक्शन से लड़ने और नए, हेल्दी टिश्यू बनाने की शरीर की क्षमता को खराब कर सकता है, जिसके कारण घाव भरने में देरी हो सकती है. अगर आप देखते हैं कि आपके घावों को ठीक होने में सामान्य से अधिक समय लगता है, तो यह विटामिन डी की कमी का संकेत हो सकता है.
"विटामिन डी की कमी के कारण शरीर कैल्शियम को सही तरीके से सोख नहीं पाता जिससे मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं. साथ ही, इसका असर व्यक्ति की इम्युनिटी पर भी पड़ता है."शालिनी गर्विन ब्लिस, एग्जीक्यूटिव डायटीशियन, मणिपाल हॉस्पिटल, गुरुग्राम
3. बालों का झड़ना
कुछ रिसर्च बताते हैं कि विटामिन डी की कमी से बाल अधिक झड़ते हैं. अगर आप देखते हैं कि आपके बाल काफी पतले हो रहे हैं या लगातार झड़ रहे हैं, तो यह आपके न्यूट्रीशन और विटामिन डी के लेवल पर विचार करने लायक हो सकता है.
4. डिप्रेशन और मूड डिसऑर्डर
विटामिन डी की कमी को डिप्रेशन और मूड डिसऑर्डर से जोड़ा गया है, हालांकि यह बात कॉम्प्लेक्स और मल्टीफैक्टोरियल (multifactorial) है. विटामिन, ब्रेन फंक्शन और न्यूरोट्रांसमीटर सिंथेसिस में खास भूमिका निभाता है. विटामिन का लो लेवल मूड में गड़बड़ी के बढ़ते जोखिम का कारण हो सकता है. बच्चों में विटामिन डी की कमी के कारण चिड़चिड़ापन, आलस, विकास में देरी, हड्डियों में बदलाव या फ्रैक्चर्स जैसे लक्षण दिख सकते हैं.
5. बार-बार इन्फेक्शन और बीमारी का शिकार बनना
विटामिन डी इम्यून सिस्टम को सपोर्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. अगर आप खुद को बार-बार बीमार पड़ते हुए पाते हैं या इन्फेक्शन होने पर ठीक होने में लंबा समय लग रहा है, तो यह विटामिन डी के लेवल में कमी का संकेत हो सकता है.
6. हड्डियों का नुकसान
विटामिन डी हड्डियों के बेहतर हेल्थ के लिए बेहद जरुरी है क्योंकि यह हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक कैल्शियम के अब्सॉर्प्शन में हेल्प करता है. लो विटामिन डी लेवल से हड्डियों को नुकसान हो सकता है, स्केलेटल स्ट्रक्चर कमजोर हो सकती है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्थितियों का खतरा बढ़ सकता है. विटामिन डी के सही लेवल के बिना, शरीर कैल्शियम का प्रभावी ढंग से उपयोग करने में मुश्किल का सामना करता है, जिसके कारण बोन डेंसिटी कम हो जाती है. समय के साथ, इससे हड्डियां नाजुक हो सकती हैं और फ्रैक्चर की आशंका बढ़ सकती है.
"अधिक गंभीर मामलों में, विटामिन डी की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी हो सकती है. यह स्थिति हड्डियों को नाजुक बना देती है और फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है."डॉ. विनीश माथुर, डायरेक्टर- डिवीजन ऑफ स्पाइन, मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर एंड ऑर्थोपेडिक्स संस्थान, मेदांता हॉस्पिटल, गुरुग्राम
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