विश्व मलेरिया दिवस(World Malaria Day) हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है. मलेरिया एक ऐसा रोग है जो मादा 'एनोफिलीज'('Anopheles') मच्छर के काटने से होता है. यह मच्छर गंदे और दूषित और पानी में पनपते हैं, बाद में उड़कर हम लोगों तक पहुंचते हैं. इस रोग से बचाने और लोगों को सचेत करने के लिए हर साल मलेरिया दिवस मनाया जाता है. यूनिसेफ द्वारा इस दिन को मनाने का उद्देश्य मलेरिया जैसे रोग पर जनता का ध्यान केंद्रित करना था. विश्व मलेरिया दिवस पर चलिए जानते हैं इसके कुछ तत्वों के बारे में.
मलेरिया से जुड़े कुछ फैक्ट्स
मलेरिया केवल मादा मच्छरों द्वारा फैलता है
मलेरिया रोग केवल मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से ही फैलता है, क्योंकि इस मच्छर में मलेरिया फैलाने वाले परजीवी जीवाणु पाये जाते हैं. केवल मादा मच्छर ही इंसान को काटती है जबकि नर मच्छर कभी नहीं काटता, मादा मच्छर को अंडे पैदा करने के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है इसलिए खून चूसती है.
मलेरिया की नकली दवा लेने से हर साल हजारों लोग मर जाते हैं
विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि हर साल मलेरिया से होने वाली दस लाख मौतों में से लगभग 20 प्रतिशत को नकली दवाओं से होती है
बीयर पीने से बढ़ सकती है संक्रमण की संभावना
एमोरी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुसार, मच्छरों को बीयर की गंध पसंद है. 2010 के एक अध्ययन में पाया गया कि एक या दो कैन पीने से आपके शरीर में एक ऐसी गंध पैदा होती है जो मलेरिया वाले मच्छरों को आर्किषत करती है इसलिए, यदि आप मलेरिया से संक्रमित क्षेत्र में यात्रा कर रहे हैं, तो बीयर से दूर रहें.
गर्भवती महिलाओं को खतरा बढ़ जाता है
गर्भावस्था के दौरान महिला की स्वास्थ्य प्रतिरोधक क्षमता स्वाभाविक तौर पर कम होती है, इसलिए इस अवस्था में मलेरिया हो जाने की आशंका ज्यादा रहती है. इसका मतलब यह है कि आपको इन्फेक्शन होने की संभावना उस महिला से ज्यादा है, जो कि गर्भवती नहीं है
विश्व स्तर पर मलेरिया की स्थिति
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में अनुमानित, 24.1 करोड़ मलेरिया के मामले सामने आए और 6,27,000 मलेरिया से मौतें हुई है.यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 1.4 करोड़ मामले अधिक हैं जिसमें 69,000 मौते अधिक हुई.
मलेरिया से अफ्रीका में सबसे ज्यादा मौतें
मलेरिया के कारण सबसे ज्यादा मौत अफ्रीका में होती है. अफ्रीका में हर साल लगभग 85% मौते हो जाती है. अफ्रीका में पांच साल की उम्र तक के हर पांच बच्चों में चार बच्चे मलेरिया के कारण मरते हैं
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