ADVERTISEMENTREMOVE AD

गुजरात, हिमाचल Exit Poll: BJP, कांग्रेस, AAP को 2024 के लिए क्या संदेश?

Gujarat-Himachal Pradesh Exit poll: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर है.

छोटा
मध्यम
बड़ा

कहा जाता है कि पिछले 8 सालों से सत्ता का रास्ता गुजरात से होते हुए दिल्ली पहुंचता है. लेकिन क्या गुजरात चुनाव के नतीजे देशभर के चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं? इस बात का जवाब आगे मिलेगा. लेकिन उससे पहले बता दें कि गुजरात (Gujarat) और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Election) के नतीजों से पहले एग्जिट पोल जारी हो चुके हैं. करीब-करीब सभी एग्जिट पोल गुजरात में बीजेपी की बड़ी जीत का दावा कर रहे हैं, वहीं हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को फायदा और बीजेपी को नुकसान होता दिख रहा है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

ऐसे में सबसे अहम सवाल है कि गुजरात, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली नगर निगम में हुए चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल 2024 लोकसभा चुनाव के लिए क्या संदेश दे रहे हैं? अगर ये एग्जिट पोल सही साबित हो जाते हैं तो 2024 में इसका क्या असर हो सकता है?

इन सवालों के जवाब से पहले ये जानना होगा कि इन एग्जिट पोल में क्या है.

कौन जीत रहा है?

5 दिसंबर को गुजरात विधानसभा चुनाव के आखिरी फेज के मतदान के खत्म होते ही एजेंसियों ने अपना एग्जिट पोल जारी कर दिया. सभी एग्जिट पोल ने अनुमान लगाया है कि 27 साल सत्ता में रहने के बाद भी बीजेपी गुजरात के लोगों की पहली पसंद है. और अगर सभी पोल्स का औसत देखें तो बीजेपी 132-145 सीटें लाती नजर आ रही है. वहीं इन एग्जिट पोल में कांग्रेस पिछले चुनाव (2017) के मुकाबले इस चुनाव में काफी पिछड़ती दिख रही है. कांग्रेस को औसत 27-36 सीट मिलती दिख रही है. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी गुजरात में अपने पांव जमाती दिख रही है. इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के अनुसार, आप 9-21 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है.

Gujarat-Himachal Pradesh Exit poll: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर है.

वहीं, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर है. हालांकि करीब-करीब हर सर्वे में कांग्रेस को सीटों का फायदा होता दिख रहा है और बीजेपी को झटका लगता. हिमाचल में आम आदमी पार्टी अपने प्रचार की तरह ही लगभग हर सीटों पर गायब दिख रही है. लेकिन AAP के लिए राहत की बात ये है कि दिल्ली नगर निगम चुनाव के एग्जिट पोल में 15 साल से राज कर रही बीजेपी का बैग पैक करती दिख रही है.

Gujarat-Himachal Pradesh Exit poll: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर है.

अब आते हैं उस सवाल पर जो हमने पहले पूछा था कि इन एग्जिट पोल के नतीजे अगर हकीकत बन जाते हैं तो ये 2024 लोकसभा चुनाव के लिए क्या संदेश दे रहे हैं? दरअसल, अगर एग्जिट पोल सही साबित होते हैं और इसमें बीजेपी, विपक्षी पार्टियां और जनता तीनों के लिए कई अहम संदेश हैं.

बीजेपी का फायदा, बीजेपी का घाटा

2002 गुजरात दंगे के बाद हुए चुनाव में बीजेपी ने अबतक का अपना सबसे बेस्ट परफॉर्मेंस दिया था. लेकिन उसके बाद भले ही बीजेपी गुजरात में सरकार बनाती रही हो फिर भी उसकी सीटों में कमी आती रही. इस बार बीजेपी ने 150 पार का नारा दिया था, और 3 सर्वे में बीजेपी 150 के पार जाती दिख भी रही है. ऐसे में अगर बीजेपी 140 सीटों से ऊपर जीत जाती है तो बीजेपी के पास कहने का मौका होगा कि उसके टक्कर में कोई नहीं है.

लेकिन अगर थोड़ा आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो भले ही बीजेपी की सीट बढ़ती दिख रही हो लेकिन वोट शेयर यानी वोटों का प्रतिशत कम या कहें बढ़ता हुआ नहीं दिख रहा है. इंडिया टुडे एक्सिस माय इंडिया के मुताबिक गुजरात विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 46 फीसदी, कांग्रेस को 26 फीसदी, तो आम आदमी पार्टी को 20 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है. मतलब जो बीजेपी 2017 के चुनाव में 49 फीसदी के करीब वोट लाई थी उसके वोट शेयर कम हो रहे हैं.

बीजेपी अजय नहीं है

वहीं हिमाचल की बात करें तो 2017 में 44 सीटों पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी को इस बार के एग्जिट पोल में बड़ा नुकसान होता दिख रहा है. कांग्रेस ने 2017 के चुनाव में सिर्फ 21 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार अनुमान के हिसाब से कांग्रेस 30-40 सीटें जीत सकती हैं.

ऐसे में हिमाचल का ये एग्जिट पोल संदेश दे रहा है कि जिस हिमाचल प्रदेश से बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा आते हैं, जहां से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर आते हैं, जहां पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर वोट मांगा गया, जहां राहुल गांधी प्रचार करने नहीं आए वहां भी बीजेपी को कांग्रेस ने टक्कर दी है. मतलब बीजेपी अजय पार्टी नहीं है, हार का मजा उसे भी चखना पड़ सकता है.

कांग्रेस की हार, AAP जिम्मेदार

गुजरात में कांग्रेस की हार के पीछे कांग्रेस का ढीला प्रचार, संगठन में दरार, पाटीदार आंदोलन से निकले हार्दिक पटेल जैसे नेताओं का पार्टी को छोड़कर जाना भी माना जा सकता है. लेकिन इन सबके बीच अगर एग्जिट पोल देखेंगे तो पता चलता है कि कांग्रेस के पिछड़ने के पीछे आम आदमी पार्टी का भी बड़ा अहम रोल रहा है. एग्जिट पोल की माने तो गुजरात में AAP को औसत 7-13 सीट मिल सकते हैं. तो साफ है कि आप ने कांग्रेस के वोटों में सेंध लगाई है.

शायद यही वजह है कि गुजरात चुनाव के दौरान आम आदमी हाइपर एक्टिव मोड में थी, यहां तक कि जिस मीडिया पर कांग्रेस को न दिखाए जाने का आरोप लगता है वहां आम आदमी पार्टी को काफी स्पेस मिल रहा था.

तो क्या बीजेपी कांग्रेस को कमजोर करने के लिए छोटी पार्टियों को मजबूत कर रही है? अगर यही ट्रेंड 2024 में भी जारी कहा तो कांग्रेस के लिए चिंता की बात है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दिल्ली का रास्ता दिल्ली में ही रोक लिया

अब बात दिल्ली की. दिल्ली में बीजेपी के 7 सांसद हैं, मोदी सरकार दिल्ली से चलती है, 15 साल से एमसीडी पर बीजेपी का कब्जा, कई सांसद, मंत्री पार्षद के चुनाव में मैदान में उतर गए लेकिन एग्जिट पोल कह रहे हैं कि सत्ता छिनने वाली है.

गुजरात की जीत पर हेडलाइन मैनेज तो हो सकता है लेकिन गुजरात में वोट शेयर का गिरना, हिमाचल में नुकसान और दिल्ली नगर निगम में हार बीजेपी के लिए तो अच्छा संदेश नहीं दे रहा. वहीं दूसरी ओर इन एग्जिट पोल को देखें तो कांग्रेस के लिए गुजरात में महाघाटा, हिमाचल में बड़ा फायदा, दिल्ली में टांय-टांय फिस वाला मामला दिख रहा है. कांग्रेस के लिए संदेश साफ है, भारत जोड़ो यात्रा लॉन्ग टर्म गेन दे सकता है लेकिन राज्यों के चुनाव पांच साल में एक बार आते हैं उसमें भी पार्टी का कमजोर प्रचारतंत्र कहीं 2024 से पहले और 2024 में उलटा नुकसान ज्यादा न कर दे.

एग्जिट पोल और AAP के लिए संदेश

इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के पास फिलहाल खोने को कुछ खास नहीं था, और हां पाने को बहुत कुछ. गुजरात की राजनीति में एंट्री का मौका, एमसीडी को बीजेपी के कब्जे से निकाल लेना. इसका फायदा आम आदमी पार्टी को 2024 के चुनाव में हो सकता है. आम आदमी पार्टी दो राज्यों में सरकार और एमसीडी चुनाव में जीत के जरिए यही संदेश देना चाहेगी कि बीजेपी के खिलाफ वो सबसे मजबूत विपक्षी पार्टी है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×