संगीन लापरवाही के आरोप में मैक्स अस्पताल का लाइसेंस दिल्ली सरकार ने रद्द कर दिया है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि नवजात बच्चे की मौत के मामले में लापरवाही स्वीकार नहीं है, इसलिए हम शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर रहे हैं.
इस मामले पर मैक्स अस्पताल की ओर से भी प्रतिक्रिया आ गई है.
हमें मिले नोटिस में कहा गया है कि मैक्स शालीमार बाग का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. ये बेहद कड़ा फैसला है. हमें अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया. हमारा मानना है कि इलाज के दौरान फैसला लेने में किसी एक व्यक्ति से गलती हुई. इसके लिए पूरे अस्पताल को जिम्मेदार ठहराना गलत है. इसका असर मरीजों पर पड़ेगा. इस फैसले से उनका इलाज बाधित होगा. इससे राष्ट्रीय राजधानी में अस्पताल सुविधाओं में और भी कमी आएगी. हम अपने लिए मौजूद सभी विकल्प तलाशेंगे. हम अपने मरीजों की देखभाल और अच्छी सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं.मैक्स अस्पताल
जिंदा बच्चे को मृत बता दिया
मामला 30 नवंबर का है. दिल्ली में शालीमार बाग के मैक्स हॉस्पिटल में सुबह दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. लेकिन कुछ देर बाद ही हॉस्पिटल ने एक बच्चे को मृत घोषित कर दिया. लेकिन अंतिम संस्कार के ऐन पहले परिवार के लोगों को महसूस हुआ कि बच्चा जीवित है.
परिवार के मुताबिक वो पूरी घटना के बारे में हॉस्पिटल की लापरवाही के बारे में याद करके हैरान हैं. परिवार को बच्चा एक प्लास्टिक बैग में दिया गया था. परिवार को जैसे ही अहसास हुआ कि बच्चा जिंदा है वो उसे फौरन पास के हॉस्पिटल में ले गए जहां बच्चे की हालत स्थिर बताई जा रही है.
मैक्स हॉस्पिटल ने अपनी सफाई में कहा था...
“हमें बताया गया है कि 22 हफ्ते के प्री-मैच्योर जुड़वा बच्चों ने हॉस्पिटल में जन्म लिया. हमें बताया गया है कि एक बच्चा लाइफ सपोर्ट पर था और मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग में जब जीवित होने के संकेत नहीं दिखे तो उन्हें परिवार को सौंप दिया गया. 30 नवंबर की सुबह इन जुड़वा बच्चों ने जन्म लिया था. दूसरा बच्चा मृत ही जन्मा था.''
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