केंद्र सरकार ने मंगलवार को हज यात्रा में हजारों मुस्लिमों को दी जाने वाली हज सब्सिडी को वापस लेने का फैसला किया है. अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि ये सरकार के अल्पसंख्यकों के बिना तुष्टिकरण किए उन्हें सशक्त बनाने के एजेंडे जैसा है.
नकवी ने कहा, "ये हमारी नीति का हिस्सा है कि अल्पसंख्यकों का गरिमा के साथ और बिना तुष्टिकरण के सशक्तिकरण हो."
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उन्होंने कहा कि सरकार वापस ली गई सब्सिडी रकम का इस्तेमाल अल्पसंख्यकों, खास तौर से लड़कियों की शिक्षा के लिए करेगी.
सब्सिडी का इस्तेमाल शिक्षा में करेंगे : नकवी
सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में धीरे-धीरे 2022 तक सब्सिडी वापस लेने की सलाह दी थी. नकवी ने कहा सब्सिडी से बचने वाली रकम का इस्तेमाल अल्पसंख्यकों की शिक्षा खासतौर पर लड़कियों की शिक्षा के लिए किया जाएगा.
बता दें कि सऊदी अरब ने भारत का कोटा पांच हजार बढ़ाया है. नकवी ने कहा है कि इस साल भारत से रिकॉर्ड पौने दो लाख लोग हज करने जाएंगे. उन्होंने कहा जब बीजेपी सरकार सत्ता में आई थी तो हज के लिए 700 करोड़ रुपए सब्सिडी दी जाती थी. उन्होंने कहा कि हज सब्सिडी का सबसे ज्यादा फायदा एयर इंडिया को होता था.
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