ADVERTISEMENTREMOVE AD

सेंट्रल विस्टा से बच्चों का पार्क प्रभावित होने के दावे पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

सेंट्रल विस्टा से बच्चों का पार्क प्रभावित होने के दावे पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
ADVERTISEMENTREMOVE AD

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट भूमि उपयोग में बदलाव के लिए एक अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को केंद्र को नोटिस जारी कर तीन दिनों के भीतर जवाब मांगा है. याचिका में यह भी दावा किया गया है कि विस्टा क्षेत्र दिल्ली के निवासियों को मध्य हरित स्थल के एक बड़े हिस्से से वंचित करेगा.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर से कहा कि वह सरकार से निर्देश मांगेंगे. उन्होंने कहा चूंकि वहां प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति का आवास बन रहा है, इसलिए आसपास के क्षेत्र में मनोरंजक गतिविधियां होना संभव नहीं होगा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
पीठ में शामिल न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार ने दलीलें सुनने के बाद कहा कि मामले की आगे की सुनवाई अब शुक्रवार को होगी.

सामाजिक कार्यकर्ता राजीव सूरी द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि केंद्र ने दुर्भावना 28 अक्टूबर, 2020 को एक अधिसूचना जारी की थी. भूमि उपयोग में परिवर्तन को अधिसूचित किए जाने से दिल्ली के निवासियों को सामाजिक और मनोरंजक गतिविधि के लिए उपलब्ध बेशकीमती सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में हरे-भरे स्थान से वंचित करेगा. सूरी ने इससे पहले भूमि उपयोग में अवैध परिवर्तन और पर्यावरण मंजूरी के अभाव का हवाला देते हुए अधिवक्ता शिखिल सूरी के माध्यम से परियोजना को चुनौती दी थी.

इस मामले में दलील दी गई कि यह अधिसूचना अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) के खिलाफ है. याचिका में कहा गया है, चूंकि प्लॉट नंबर 1 बच्चों के मनोरंजन पार्क और बस टर्मिनल की जगह ले लेगा, इसलिए इसे वैधानिक कानूनों का उल्लंघन मानते हुए न्यायिक जांच की जरूरत है.

याचिका में शीर्ष अदालत से आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के माध्यम से केंद्र द्वारा जारी संबंधित अधिसूचना को कॉल रिकॉर्ड और रद्द करने के निर्देश जारी करने और इमारतों को गिराने, पेड़ों को काटने, जमीन की खुदाई से होने वाले नुकसान को रोकने की मांग की गई है.

सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना (Central Vista Project) जो लुटियंस दिल्ली में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की दूरी को कवर करती है, यहां 20,000 करोड़ रुपये की लागत से संसद भवन और मंत्रालय कार्यालयों सहित कई सरकारी भवनों का पुनर्निर्माण किया जाएगा.

पिछले दिनों जनवरी महीने में सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण मंजूरी और भूमि उपयोग में बदलाव की अधिसूचना को बरकरार रखते हुए सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए रास्ता साफ कर दिया था.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×