समाजवादी पार्टी में मची रार को थामने के लिए पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने शुक्रवार को पार्लियामेंट्री बोर्ड की मीटिंग बुलाई है. कयास लगाए जा रहे हैं इस मीटिंग में मुलायम सिंह यादव कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. इस बीच शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि सब कुछ ठीक है, चुनाव का वक्त है, बड़ी जिम्मेदारी मिली है. सपा फिर से 2017 में जीतेगी.
मैं अभी भी मिनिस्टर हूं, इसके साथ बड़ी जिम्मेदारी है. मुलायम सिंह हमारे नेता हैं, हम सब उनकी बात मानते हैं.शिवपाल सिंह यादव
वहीं सूत्रों का कहना है कि शिवपाल इस्तीफा देने पर अड़े हैं और अखिलेश की कैबिनेट में काम नहीं करना चाहते हैं. हालांकि मीडिया से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा था कि नेता जी जो भी फैसला लेंगे, उन्हें मंजूर होगा. नेता जी की बात टालने की हैसियत किसी की नहीं है.
क्या होगा अखिलेश यादव का इस्तीफा?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सूत्रों के हवाले से खबर है कि शिवपाल सिंह यादव अखिलेश यादव के इस्तीफे पर भी अड़े हैं. उनका कहना है कि या तो उनके मंत्रालय उन्हें वापिस दिए जाएं या फिर अखिलेश की जगह मुलायम सिंह खुद सीएम की कुर्सी संभालें.
राजनीतिक परिवारों का झगड़ा पहले भी कई बार देखा गया है, लेकिन समाजवादी पार्टी में यह इसलिए दिलचस्प है क्योंकि कहीं न कहीं सपा सुप्रीमों के जल्दबाजी में लिए गए फैसले उनके खुद के बेटे के लिए परेशानी बन रहे हैं.
अखिलेश किस बाहरी की बात कर रहे हैं?
पूरे मामले पर बात करते हुए सीएम अखिलेश यादव ने कहा था कि यह मामला परिवार का नहीं बल्कि सरकार का है, लेकिन बाहरी लोग परिवार में दखल देंगे तो कैसे काम चलेगा? ऐसे में यह सवाल उठना भी लाजमी है कि अखिलेश किस बाहरी व्यक्ति की बात कर रहे हैं. इस बारे में जब अमर सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वे परिवार के लिए बाहरी नहीं बल्कि बेहद नजदीकी हैं.
शिवपाल ये भूल जाते हैं कि अखिलेश बच्चा नहीं रहा. वह एक संवैधानिक पद पर हैं और करोड़ों का प्रतिनिधित्व कर रहा है. अब अखिलेश जी को भी ये समझना चाहिए. उनको कल और आज में समन्वय बनाकर चलना होगा.अमर सिंह
अब ये देखना दिलचस्प होगा कि बयानबाजी और छींटाकशी के दौर के बाद शुक्रवार को नेताजी समाजवादी पार्टी के लिए कौन सा नया फॉर्मूला ढंढ लाते हैं.
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