मध्य प्रदेश में कर्ज माफी और फसल के वाजिब दाम की मांग को लेकर किसानों की हड़ताल ने उग्र रूप ले लिया है. मंदसौर में धरने पर बैठे किसानों पर पुलिस ने फायरिंग की. फायरिंग में 5 किसान की मौत हो गई है. हालात को देखते हुए कई इलाकों में कर्फ्यू भी लगा दिया गया है.
इससे पहले मंदसौर जिले में किसानों ने रेलवे क्रॉसिंग गेट को तोड़ने के बाद पटरी उखाड़ने की कोशिश की थी. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिले में इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है.
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले को लेकर न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं. साथ ही शिवराज ने मृतक के परिजनों के मुआवजे को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख कर दिया है. एमपी के मुख्यमंत्री ने कहा उनकी सरकार इस मामले को लेकर बेहद गंभीर है और वो किसानों के साथ खड़े हैं लेकिन कांग्रेस प्रदेश में हिंसा फैलाने का काम कर रही है.
किसानों ने कुछ स्थानों पर पथराव भी किया, जिसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज कर उन्हें खदेड़ दिया. कुछ किसानों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें हिरासत में लिया गया है.
इसके अलावा इंदौर की चौइथराम मंडी क्षेत्र में भी किसान विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए. वहीं प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल की तैनाती की है. राज्य के अन्य हिस्सों से भी किसानों ने अपनी हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है.
1 जून से जारी है हड़ताल
राज्य के किसान एक जून से 10 जून तक हड़ताल पर हैं. उनकी मांग कर्ज माफी और फसल का उचित दाम है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से आठ रुपये प्रति किलो प्याज खरीदने के साथ एक हजार करोड़ का मूल्य स्थिरीकरण कोष बनाने का ऐलान किया है.
भारतीय किसान संघ ने मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद आंदोलन को रविवार को स्थगित कर दिया था, लेकिन भारतीय किसान यूनियन, आम किसान यूनियन ने हड़ताल जारी रखने का ऐलान किया है. इस हड़ताल को राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ का भी समर्थन मिल गया है.
किसानों की हड़ताल के चलते राजधानी में दूध और दूसरी चीजों की आपूर्ति प्रभावित हो रही है.
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