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गुजरात के साथ बारिश थी, चेन्नई के पास धोनी और जीत धोनी की हुई

IPL 2023 Final: धोनी को आप किस्मत वाला खिलाड़ी कह सकते हैं, लेकिन उनके दिमाग को भी उतना ही श्रेय देना होगा.

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IPL 2023 की शुरुआत जिन दो टीमों से हुई थी, खत्म भी उन्हीं दो टीमों से हुआ. फर्क ये है कि पहला मैच गुजरात ने जीता था और आखिरी चेन्नई के नाम रहा. इस आखिरी मैच में गुजरात ने IPL फाइनल के इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर (215 रन) बना दिया. साई सुदर्शन फाइनल में सबसे बड़ा स्कोर (96 रन) बनाने वाले अनकैप्ड खिलाड़ी बन गए.

ऑरेंज और पर्पल कैप वाले दोनों खिलाड़ी गुजरात के ही पास थे. गुजरात का घरेलू मैदान था. ऊपर से परिस्थितियां ऐसी कि अगर बारिश के चलते दूसरी पारी का एक भी ओवर नहीं डलता तो गुजरात की टीम विजेता हो जाती. ये सब गुजरात के पक्ष में था, लेकिन चेन्नई के पास सिर्फ धोनी थे और जीत धोनी की हुई.

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आप पहली नजर में देखें तो कहेंगे कि धोनी तो पहली ही गेंद पर आउट हो गए, फिर उन्होंने ऐसा किया क्या? उनके साथ यही मजेदार चीज है कि वे जो करते हैं वो दिखता नहीं, लेकिन होता है.

धोनी को आप किस्मत वाला खिलाड़ी कह सकते हैं, लेकिन उनके दिमाग को भी उतना ही श्रेय देना होगा. मैच के दौरान बारिश की संभावना थी, इसलिए टॉस जीतना जरूरी था. धोनी टॉस जीत गए ये उनकी किस्मत थी, लेकिन इसके बाद उन्होंने कहा कि बारिश की संभावना को देखते हुए हम पहले गेंदबाजी करेंगे, ये उनका दिमाग था.

पारी की शुरुआत हुई. रन बरस रहे थे और इतिहास बनना शुरु हो चुका था. पावरप्ले में ही बिना विकेट खोए गुजरात ने 62 रन ठोक दिए. ये IPL फाइनल के पावरप्ले में अब तक के सबसे ज्यादा रन थे.

गुजरात पूरी तरह से हावी हो रही थी, लेकिन धोनी ने अपना कमाल दिखाया. इस टूर्नामेंट में 3 शतक लगाने वाले ऑरेंज कैप होल्डर शुभमन गिल को 0.1 सेकंड के रिएक्शन टाइम में स्टंप कर दिया. इतनी जल्दी शायद आप अपनी पलकें भी नहीं झपका सकते.

इससे पहले कि साहा और आक्रामक हो पाते, धोनी ने विकेट के पीछे उनका भी कैच पकड़ लिया. लेकिन इसके बावजूद साई सुदर्शन का बल्ला चला और उन्होंने 96 रन ठोक दिए. पहली पारी के बाद चेन्नई सुपर किंग्स को 215 रनों का लक्ष्य मिला.

बिना तनाव ड्रेसिंग रूम में बैठे रहे

धोनी की टीम बैटिंग करने आई तो सिर्फ 3 गेंदें ही डल पाई थी कि बारिश शुरू हो गई और मैच रोकना पड़ा. 10.45 और 11.30 पर दो बार ग्राउंड इंस्पेक्शन किया. इस बीच हार्दिक पांडया और उनकी टीम के कई खिलाड़ी मैदान पर बार-बार दिखाई दे रहे थे. अंपायर को मनाने की कोशिश कर रहे थे कि पूरी तरह से ग्राउंड सूखने के बाद ही मैच शुरू हो.

दूसरी तरफ धोनी आराम से ड्रेसिंग रुम में बैठे थे. चेहरे पर कोई तनाव नहीं. ये जानते हुए कि अगर मैच जल्दी शुरू नहीं हुआ, फिर से बारिश होने लगी और 5 ओवर पूरे नहीं हो पाए तो गुजरात मैच जीत जाती. क्योंकि नियमों के अनुसार रिजर्व डे पर भी मैच रद्द होने की स्थिती में टेबल में ऊपर रहने वाली टीम को विजेता घोषित किया जाता.

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जडेजा पर से दबाव हटा दिया

धोनी ने जडेजा पर से फाइनल मुकाबले में बड़ा दबाव दूर किया, जो शायद बहुत कम लोगों को महसूस हुआ. इस पूरे टूर्नामेंट में धोनी जडेजा के बाद बैटिंग करने आए, लेकिन फाइनल जैसे बड़े मुकाबले में धोनी पहले आ गए.

भले ही वो पहली गेंद पर आउट हो गए, लेकिन वे पहले नहीं आते तो जडेजा पर ये दबाव रहता कि माही को अभी आना है और मुझसे रन नहीं लगे तो क्या होगा. वही दबाव जो पूरे टूर्नामेंट में दिखा. आखिरी 2 गेंदों में 10 रन चाहिए थे. जड्डू ने पहले छक्का फिर चौका मारकर जीत चेन्नई की झोली में डाल दी.

सबको सुकून दे गए धोनी

ट्रॉफी लेने की बारी आई तो धोनी अकेले नहीं गए. मैच जिताने वाले जडेजा और संन्यास का ऐलान कर चुके अंबाती रायडू को भी साथ ले गए.

उनके लिए भी इस पल को यादगार बना दिया. और अंत में पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में धोनी ने सबको सुकून दे दिया. धोनी के कदम पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन के लिए बढ़ रहे थे, सबके चेहरे पर एक अजीब सा डर था. लोगों के मन में ये बात कौंद रही थी कि कहीं ऐसा तो नहीं कि चेन्नई को पांचवी बार चैंपियन बनाने के साथ ही धोनी अब संन्यास का ऐलान कर देंगे.

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धोनी ने पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में एंकर के सवाल को सुना और फिर जो जवाब दिया उससे पूरा स्टेडियम दर्शकों के शोर से गूंज उठा. लोगों को चेन्नई के जीतने पर जितनी खुशी हुई उतनी ही खुशी धोनी का जवाब सुनकर भी हुई.

"परिस्थिति के हिसाब से अगर आप देखें तो यह मेरे संन्यास की घोषणा करने का सबसे सही समय है, लेकिन इस साल मैं जहां भी रहा हूं, जितना प्यार और स्नेह मिला है, मेरे लिए इस वक्त शुक्रिया कहना आसान होगा, लेकिन मेरे लिए सबसे कठिन बात ये है कि अगले 9 महीनों तक कड़ी मेहनत करूं और वापस आकर आईपीएल का कम से कम एक और सीजन खेलूं."

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