आईपीएल (IPL 2023) में 6 अप्रैल को ईडन गार्डन्स में कोलकाता नाइट राइडर्स और राॅयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम आमने-सामने थी. कोलकाता के कप्तान नीतीश राणा ने टॉस के बाद टीम में बदलाव का ऐलान किया तो एक नया नाम सुनने में आया. ये नाम था सुयश शर्मा (Suyash Sharma) का.
सुयश ने अपने पहले आईपीएल मैच में ही शानदार गेंदबाजी करते हुए 30 रन देकर 3 विकेट झटके, लेकिन यहां तक पहुंचने से पहले उनकी कहानी कितने संघर्षों से भरी रही इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है.
सुयश के पिता को है कैंसर
पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा में रहने वाले सुयश का परिवार आर्थिक रूप से काफी समृद्ध नहीं है, ऊपर से पिछले साल उनके पिता कैंसर जैसी घातक बीमारी की चपेट में आ गए. कोच रणधीर सिंह ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में बताया कि सुयश दिल्ली के पूर्व स्पिनर सुरेश बत्रा के छात्र थे और उन्हीं के क्लब के लिए खेलते थे, लेकिन कोविड से सुरेश का निधन हो गया.
रणधीर बताते हैं कि पिता को कैंसर की बीमारी का पता चलने के बाद दिल्ली के पूर्व स्पिनर और मुंबई इंडियंस के मौजूदा टैलेंट स्काउट मैनेजर राहुल सांघवी ने उनके पिता के इलाज में काफा सहायता की.
प्रोफेशनल क्रिकेट का नहीं है कोई अनुभव
सुयश ने अपने पहले आईपीएल मैच में बैंगलोर के खिलाफ दिनेश कार्तिक, अनुज रावत और कर्ण शर्मा को आउट किया. जाहिर तौर पर तमाम क्रिकेट फैंस के लिए सुयश शर्मा एक अंजान नाम हैं और ऐसा हो भी क्यों न. दरअसल, उनका अब तक क्रिकेट इतिहास ही इसकी सबसे बड़ी वजह है.
ये हैरान की बात है कि सुयश शर्मा की उम्र महज 19 साल है और उनको कोलकाता नाइट राइडर्स ने इतनी बड़ी T20 लीग के दूसरे ही मैच में उतारने का फैसला ले लिया.
इससे ज्यादा हैरानी वाली बात ये है कि सुयश शर्मा को सीनियर लेवल क्रिकेट का कोई भी अनुभव नहीं है और न उन्होंने आज तक कोई प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच खेला है. उन्होंने घरेलू वनडे या टी20 टूर्नामेंट में भी हिस्सा नहीं लिया है.
कौन हैं सुयश शर्मा?
सुयश शर्मा ने दिल्ली में जूनियर लेवल क्रिकेट खेला है. अपनी शानदार गुगली और तेज गति की लेग स्पिन गेंदबाजी के कारण वे कोलकाता नाइट राइडर्स की नजरों में आए. कोलकाता के टैलेंट स्काउट ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और फिर आईपीएल 2023 के मिनी ऑक्शन में उन्हें 20 लाख के बेस प्राइस में खरीद लिया.
सुयश शर्मा दिल्ली के भजनपुरा के रहने वाले हैं. वह तीन भाई बहनों में सबसे छोटे हैं. सुयश के बड़े भाई भी क्रिकेटर रहे थे, लेकिन इस खेल में अपना करियर नहीं बना पाए. ऐसे में उन्होंने यह तय किया कि सुयश हर हाल में अपना सपना पूरा करें. इस वजह से बड़े भाई ने उनकी काफी मदद की. सुयश पहले बल्लेबाज थे, लेकिन बाद में उन्होंने लेग स्पिनर बनने का फैसला किया.
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