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जनहित में जारी | आधार अंकल के नाम ‘निर-आधार’ देशवासी का खुला खत 

आधार को लेकर एक निर-आधार देशवासी ने लिखा खुला खत

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सेवा में,

आधार अंकल

कुर्सी पुरुष उर्फ चेयरमैन

इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी संत्रालय

मेरा भारत महान

विषयः आधार ने निर-आधार बनाया

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मान’नीय आधार अंकल,

चेहरा, 10 उंगलियों और दोनों आंखों से बायोमेट्रिक प्रणाम स्वीकर करें!

आशा करता हूं कि देश भर की जनता को लाइन में खड़ा देख के आपको आपकी कुर्सी पे आराम मिल रहा होगा. मैं और मेरे जानने वाले जितने इंसान हैं वो पिछले साल भर से आधार यात्रा पर निकले हुए हैं. लेकिन ये यात्रा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. इसी विषय पे आज मैं आपसे अपने मन की बात कहना चाहता हूं.

सबसे पहले तो भारतीय होने के कितने सबूत चाहिए इसपे कृपया रोशनी डालें! पैदा होते ही बर्थ सर्टिफिकेट बनवाओ वर्ना बच्चा गैर कानूनी हो जाएगा. उसके बाद स्कूल में 10वीं और 12वीं के सर्टिफिकेट संभाल कर रखो वर्ना अनपढ़ कहलाओगे. 18 साल तक पहुंचे तो वोटर आई-कार्ड बनवाओ वर्ना हमें वोट दे के परेशान होने का हक नहीं मिलेगा. बिना वोट दिए ही परेशान होना पड़ेगा.
आधार को लेकर एक निर-आधार देशवासी ने लिखा खुला खत
आधार लिंक कराना अनिवार्य
(फोटो: The Quint)
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भारतीय होने की कहानी यहीं खत्म नहीं होती. फिर अगर गलती से नौकरी लग गई तो टैक्स वाले चाचा को अपनी मेहनत की कमाई की मलाई चटवाने के लिए पैन कार्ड बनवाओ तभी उन काल्पनिक सुविधाओं के हकदार होंगे.

रोड पर चालान कटवाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस बनवाओ, पर्मानेंट एड्रेस वाला, बाकी चोर उचक्के बिना लाइसेंस के गाड़ी चोरी कर ले जा सकते हैं. फिर अगर विदेश जाना है, तो पासपोर्ट बनवाओ वर्ना तुम मंगल ग्रह के निवासी कहलाओगे.

इनमें से हर डॉक्यूमेंट जब बन रहा होता है तो कहा जाता है कि यही वो अहम चीज है, जिस से आप भारतीय कहलाओगे, नागरिक कहलाओगे.

हम पूरी जिंदगी एक के बाद एक अपने होने के कार्ड और सर्टिफिकेट ही बनवाते रह जाते हैं. लेकिन इतने से आपकी इच्छाओं का घड़ा कहां भरना था. जिंदगी भर के जोड़े हुए कार्ड्स आपने एक साइड में किया और ऐलान कर दिया कि मेरा आधार मेरी पहचान...आधार कार्ड के बिना कुछ नहीं होगा, ना मोबाइल, ना बैंक, ना पेंशन ना गैस का सिलिंडर
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क्या मैं ये जान सकता हूं कि आधार से पहले जो दो किलो सर्टिफिकेट और कार्ड मुझे भारतीय होने की फीलिंग देते थे उनका अब मैं क्या करूं? फेंक दूं या फिर इंतजार करूं कि किस दिन किस अधिकारी का मूड बदले और वो जो भी प्रूफ मांगे वो ले के मैं दुम हिलाता हुआ हाजिर हो जाऊं.

एक और बात बताइए आधार वाले अंकल, आप कहते हैं कि आधार को पैन से लिंक करो. आधार को पेंशन से लिंक करो, गैस कनेक्शन से लिंक करो...आधार भी सरकारी विभाग है, पैन कार्ड वाले भी सरकारी विभाग है और आप दोनों के पास मेरे पिछले जन्म के डिटेल्स भी हैं...तो फिर आप दोनों एक दूसरे से बात कर के जानकारी लिंक कर लीजिए...मुझे लाइन में खड़ा रखने से आपको क्या मजा आता है...

अच्छा अगर ऐसा होता कि आधार कार्ड में सब कुछ सही हो तो भी समझ में आए की यही फाइनल कार्ड है, लेकिन ऐसा भी नहीं है...
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अगर मेरे आधार नाम में आपने स्पेलिंग मिस्टेक की हो तो भी आप मुझे लाइन में लगवा देंगे, मेरी आधार वाली फोटो चंबल के डाकू से मिलती है, हर कोई शक की निगाह से देखता है. आपके आधार लिंकिंग की भूख ने ना जाने कितने देशवासियों का आम पापड़ बना रखा है...

वो दिन दूर नहीं जब बच्चा पैदा के लिए आधार जरूरी होगा...कल्पना से अंजाम तक...नो आधार नो डिलिवरी...

अच्छा एक बात बताइए कि आधार कार्ड बनवाने के लिए आप पैन और वोटर आईडी मांगते हैं और फिर अगर पैन या वोटर आईडी बनवाना है तो आधार मांगते हैं....तो ये चक्रव्यूह कब खत्म होगा?

आपका निर-आधार देशवासी

अनंत

पी.एसः अगर सही मायने में सबका आधार बनवाना है तो टॉयलेट इस्तेमाल करने के लिए आधार कंपल्सरी कर दीजिए....फिर देखिए...कुछ लोग मुंह पर आधार टैटू करवा लेंगे.

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