प्यार के परवानों को हर साल 14 फरवरी का बेसब्री से इंतजार रहता है. वजह तो आप जानते ही हैं- वैलेंटाइन डे. लेकिन इस बार इसी दिन महाशिवरात्रि का पर्व भी है. कपल्स बड़ी उहापोह में हैं. वैलेंटाइन डे भी मनाना है और शिव-भक्ति में भी कोई कमी नहीं आनी चाहिए. ऐसे में प्रेमी जोड़ों की दुविधा भी अजीब है. दो उत्सवों के इस दुर्लभ संगम को कुछ लोग फायदे के तौर पर देख रहे हैं, तो कुछ लोग नुकसान के तौर पर.
'मैं तुझसे मिलने आई, मंदिर जाने के बहाने'
घर के बड़े-बुजुर्ग भले ही वैलेंटाइन डे में कोई खास दिलचस्पी न रखते हों, लेकिन इस दिन घर के बच्चों की गतिविधियों पर नजर जरूर रखते हैं. कई परिवारों में तो बच्चों को इस दिन सिर्फ इसलिए घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता कि उनके बच्चे कहीं अपने प्रेमी या प्रेमिका से मिलकर वैलेंटाइन डे न मना लें. लखनऊ यूनिवर्सिटी को तो वैलेंटाइन डे से इतना डर लग गया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अपने स्टूडेंट्स को इस दिन कैम्पस में आने से ही मना कर दिया.
अब घरवाले वैलेंटाइन डे मनाने से तो रोक सकते हैं, लेकिन भगवान शिव की पूजा करने से कैसे रोक सकते हैं? तो प्यार पर पाबंदी लगाने वाले वाले घरों की लड़कियों के लिए मौका होगा कि वो मंदिर जाने के बहाने अपने प्रेमी से मिलने चली जाएंगी. और मिलते ही 'हीरा' फिल्म का ये गाना गुनगुनाएंगी, 'मैं तुझसे मिलने आई, मंदिर जाने के बहाने'
लड़कों की जेब को होगा फायदा
कई कंजूस बॉयफ्रेंड को इस बात की चिंता सताती है कि कहीं वैलेंटाइन डे के दिन अपनी गर्लफ्रेंड की खर्चीली डिमांड को पूरा करने के चक्कर में उनकी जेब न कट जाए. किसी महंगे होटल या रेस्त्रां में गर्लफ्रेंड को लंच या डिनर करवाना है, तो जेब थोड़ी ज्यादा ही ढीली करनी पड़ेगी.
लेकिन चूंकि इस बार गर्लफ्रेंड शिवरात्रि का व्रत रखेगी, लिहाजा कंजूस बॉयफ्रेंड के कलेजे को ठंडक मिलनी तय है. ज्यादा से ज्यादा उन्हें अपनी गर्लफ्रेंड को कुछ फल या मिठाई ही खिलाना होगा. गर्लफ्रेंड भी खुश और जेब भी खुश.
नॉनवेज? ना बाबा ना...
खाने के शौकीन कुछ कपल्स के लिए जब तक प्लेट में नॉन वेज डिश न हो, तब तक उनका कोई भी जश्न पूरा नहीं होता. ऐसे कपल्स चिकन-मटन या तरह-तरह के सी-फूड खाकर जब तक एक लम्बी सी डकार न मार लें, उनका वैलेंटाइन डे सेलिब्रेशन अधूरा ही रहता है.
लेकिन इस बार क्या करें? शिवरात्रि को नॉन वेज खाना तो दूर, उसके बारे में सोचने से भी पाप लग जाएगा. अब भगवान भोलेनाथ को भला कौन नाराज करना चाहेगा, वो भी स्वाद के लिए? तो ऐसे कपल्स को वैलेंटाइन डे वाले दिन शुद्ध शाकाहारी (जिसे वो घास-फूस बोलते हैं) खाने से ही तसल्ली करनी पड़ेगी. लेकिन कुछ भी कहिए, मन में एक टीस जरूर रह जाएगी. काश ! ये दोनों दिन एक साथ न आते...
'आज दूर रहो मुझसे'
वैलेंटाइन डे के 'बाजारवाद' ने इसे आजकल दूर-दराज के गांव-कस्बों तक भी पहुंचा दिया है. वहां के कितने ही 'मजनुओं' को वैलेंटाइन डे का इंतजार सिर्फ इसलिए रहता है कि इस दिन उनकी 'लैला' उन पर मेहरबान होकर उन्हें अपने थोड़ा करीब आने देगी.
अब कल्पना कीजिए, ऐसा ही कोई मजनू इस साल वैलेंटाइन डे पर नहा-धोकर, नए कपड़े पहनकर, बालों में शैम्पू और बढ़िया परफ्यूम लगाकर अपनी लैला से मिलने जाता है. उसे अपनी बगिया से तोड़ा हुआ एक लाल गुलाब, और साथ में कोई तोहफा भेंट करते हुए बड़े अरमानों से कहता है, "जानेमन ! आज एक चुम्मा तो दे दो !"
मगर उम्मीद के उलट, ये लफ्ज सुनते ही उसकी लैला आग-बबूला हो जाती है, और डराते हुए कहती है, "धत्त ! शर्म नहीं आती, आज के दिन ऐसी बातें बोलते हो? मैंने व्रत रखा है, शिवजी नाराज हो जाएंगे...अरे पाप पड़ेगा पाप ! आज तो दूर ही रहो मुझसे"
ये सुनते ही मजनू के दिल के अरमान आंसुओं में बह जाते हैं, और वो वहां से सीधे मंदिर पहुंचकर भक्तों की भीड़ के साथ भजन-कीर्तन करने लगता है.
तो इस साल 14 फरवरी को आप क्या मना रहे हैं? महाशिवरात्रि या वैलेंटाइन डे? या फिर दोनों एकसाथ? वैसे आपको दोनों के लिए शुभकामनाएं...
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