दिसंबर में पूरा उत्तर भारत ठंड से ठिठुर रहा है. लोग सोच रहे हैं कि विराट कोहली ने एकदम सही वक्त पर शादी की छुट्टी की अर्जी डाली. उधर विराट की हालत पतली है. रोम में पसीने-पसीने हुए जा रहे हैं.
शादी के बाद विराट की हालत भी दूसरे नवविवाहित पतियों से ज्यादा अलग नहीं है. अनुष्का की अजब-गजब डिमांड के आगे हैरान-परेशान. हों भी क्यों नहीं? आधी आबादी की पूरी हकीकत से पहली बार ही वाकिफ हो रहे होंगे.
गपोड़शंखियों की बातों पर यकीन करें, तो अनुष्का ने मांग भरने की रस्म होते ही उसने कई मांगें रख दी हैं, जो कुछ इस तरह हैं:
तुम विराट 'शर्मा' क्यों नहीं हो जाते?
आपको पता चला होगा कि मोहाली वनडे में डबल सेंचुरी ठोकने वाले रोहित शर्मा ने अनुष्का शर्मा को नसीहत दी है वे अपना टाइटल चेंज न करें. अनुष्का ने पलटकर रोहित को 'थैंक्स' भी कहा. इतना तो ट्वीट से एकदम साफ है, लेकिन अंदर की कहानी इससे आगे की है.
रोहित के सुझाव से एक्साइटेड अनुष्का ने विराट से ही अपना टाइटल कोहली से बदलकर शर्मा करने को कह दिया. विराट ने लगे हाथों अनुष्का से पूछ लिया कि टाइटल के पीछे का सियासी दांव-पेच उसने कहां से सीखा.
अनुष्का ने टका-सा जवाब दिया, ''जानते नहीं हो जानू, मेरा बर्थ प्लेस अयोध्या है. पानी में पैदा होने वाले को भला कोई तैरना सिखाता है क्या?''
फॉर्म भर दो, अभी तो एज है
अनुष्का की एक डिमांड के आगे तो विराट के हाथ-पांव फूलने लगे. अनुष्का ने विराट को समझाया कि फिल्म हो या क्रिकेट, दोनों में हर किसी का करियर बहुत लंबा नहीं टिकता.
अनुष्का ने गूगल किया. कुछ देखा, फिर विराट को ये नसीहत दी कि वे SCC, बैंकिंग जैसी जॉब की तैयारी करें और वैकेंसी आते ही अप्लाई कर दें. एज भी अभी बाकी है.
अब जरा सोचिए. देश में कंपिटीशन का लेवल दिनोंदिन जितना हाई होता जा रहा है, उसमें पढ़ने-लिखने वाले छोटे बच्चे तक को किसी और चीज के लिए फुरसत नहीं मिलती. पढ़ाई से कभी-कभार निकले भी, तो फिर स्मार्टफोन में चले गए. खेलने-कूदने की सोचें भी तो कैसे?
सच पूछिए, तो जिन बच्चों का पढ़ाई में एकदम जी नहीं लगता, वे ही क्रिकेट में देश का नाम रोशन करते हैं. विराट की कहानी भी इससे जुदा नहीं रही होगी. पढ़ने में मन लगता, तो बल्ला ही क्यों उठाते? अब आप ये न सोचें कि कोहली की कहानी में मैं जबरन द ग्रेट सचिन तेंदुलकर को घसीट रहा हूं.
गेंदबाज के हाथ से बॉल छूटने से पहले ही मूवमेंट का पता लगाने में माहिर विराट ने इस बार कोई जोखिम नहीं उठाया. मौके की नजाकत को भांपते हुए अनुष्का की बॉल को पैडअप कर लिया. कह दिया, ठीक है, देखते हैं.
टीम में सबको बराबर रन बनाने दो
स्टेडियम में बैठकर विराट की बैटिंग देखते-देखते अनुष्का को क्रिकेट के बारे में काफी कुछ पता चल चुका है. शादी के बाद अब वे हक से अपने पति को टिप्स देने लगी हैं. अनुष्का के सुझाव कुछ इस तरह हैं:
रन बनाने का टारगेट टीम के सभी 10 बल्लेबाजों पर बराबर-बराबर बांट दो, अकेले किसी को 100 या 200 बनाने की कोई जरूरत नहीं है. अगर विपक्षी टीम ने 350 रन का भी टारगेट दिया, तो हर खिलाड़ी को जीत के लिए महज 35-35 रन ही बनाने होंगे, जो कि कोई बड़ा टास्क नहीं है. इस तरह हर मैच अपनी मुट्ठी में.
अनुष्का ने बाकी समझदार महिलाओं की तरह अपने पति के कान में कह दिया कि जब टीम के खिलाड़ियों की सैलरी में ज्यादा फर्क नहीं है, तो फिर रन के बीच ज्यादा फर्क पैदा करने का कोई मतलब नहीं है. समान काम, समान वेतन के बारे में अदालतें भी कह चुकी हैं.
एक सलाह ये थी कि टॉस जीतने के बाद विराट हमेशा बैटिंग ही लिया करें. अनुष्का का कहना है कि उन्होंने गली-मोहल्ले में होने वाले क्रिकेट में आजतक किसी को भी टॉस जीतकर बॉलिंग लेते नहीं देखा. आपने देखा है क्या?
और इन छोटी-छोटी मांगों का क्या?
शादी के बारे में सुहाने सपने देखने वाले विराट ऊपर की बातों पर अभी कुछ सोचते, तभी अनुष्का ने दनादन कुछ और फरमाइश कर दी. कुछ तो सोशल मीडिया में भी लीक हो गई हैं. जरा इन्हें भी देखिए:
जिस दिन मम्मी-पापा घर आने वाले हों, उस दिन मैच से छुट्टी ले लिया करो. मेरी फिल्म के प्रोमो के दिन अगर कोई मैच हो, तो दूसरे कैप्टन से बात करके मैच कैंसिल कर लो. जिस दिन तुम्हारा मैच नहीं हुआ और मैं शूटिंग में बिजी रहूं, उस दिन किचन तुम संभालो. जब तक आगे की शर्तें तय नहीं हो जातीं, तब तक कम से कम मुझे सुबह-सुबह बेड पर चाय पहुंचाना तो शुरू कर ही दो.
अनुष्का ने इशारों-इशारों में विराट को सुखमय दांपत्य जीवन का रहस्य भी समझा दिया. उन्होंने कहा: अब बाघ-बिल्ली नाम से मिलती-जुलती कोई चाय पीना शुरू कर दो. और हां, अगर जिंदगीभर का साथ चाहिए, तो किसी कन्फ्यूजन में मत पड़ना. रोज चाय पीते वक्त याद रखना कि अब मैं बाघ हूं, तुम ही बिल्ली हो. बाकी बातें इंडिया चलकर...
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