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आधार: बैंक मैसेज से परेशान लोगों ने ट्विटर पर इस अंदाज में ली राहत

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का मतलब हुआ कि अब आधार को तमाम सेवाओं से जोड़ने वाले मैसेज का कोई मतलब नहीं.

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जिन लोगों ने अब तक अपने बैंक अकाउंट या मोबाइल नंबर को आधार से लिंक नहीं करवाया है, उनके लिए सुप्रीम कोर्ट से राहत की खबर आई है. कोर्ट ने आधार लिंक कराने की डेडलाइन अनिश्चितकाल के लिए बढ़ा दी. पहले ये डेडलाइन 31 मार्च को खत्म हो रही थी. इस खबर को पढ़ते ही हजारों लोगों ने राहत की सांस ली. उन्होंने अपने अंदर के अहसास को सोशल मीडिया पर शेयर किया.

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देश में कुछ ही लोग ऐसे होंगे, जिन्हें अपने मोबाइल फोन पर बैंक, म्यूचुअल फंड या टेलीकॉम कंपनी से आधार लिंक कराने के लिए मैसेज नहीं आया होगा. चाहे किसी ने आधार लिंक कराया हो या नहीं, लेकिन हर किसी के मोबाइल पर आधार लिंक का मैसेज आया है.

‘सुप्रीम कोर्ट का शुक्रिया’

‘आधार लिंक के लिए अब मैसेज करना बंद किया जाए’

सुप्रीम कोर्ट से आधार लिंक कराने की डेडलाइन बढ़ जाने पर लोगों ने ट्वीट कर कंपनियों अब मैसेज न करने की अपील की.

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‘वॉलेट कंपनियां KYC लिंक के लिए अब जोर न दें’

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आधार के फैसले पर लोगों ने इस तरह ली चुटकी

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कंपनियों के मैसेज का अब कोई मतलब नहीं

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का सीधा मतलब ये हुआ कि आपके फोन पर कॉल या मैसेज के तौर पर आधार को तमाम सेवाओं से जोड़ने के जो मैसेज आ रहे थे, फिलहाल अब उनका कोई मतलब नहीं होगा.

कोर्ट ने साफ किया है कि ये आदेश बैंक और मोबाइल कंपनियों पर भी लागू होगा. यहां तक कि सरकार तत्काल पासपोर्ट के केस में भी आधार को अनिवार्य नहीं कर सकती. वैसे अगर फिर भी आप आधार लिंक कराना चाहें तो करा सकते हैं.

वैसे ये कोर्ट का अंतरिम आदेश है. यानी, जब तक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में 5 जजों वाली संवैधानिक पीठ तमाम याचिकाओं को सुनकर अंतिम फैसला नहीं करती, ये व्यवस्था लागू रहेगी.

ये भी पढ़ें- आधार: फोन,बैंक अकाउंट से जोड़ने की जल्दी नहीं,SC ने डेडलाइन बढ़ाई

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