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विदेशी होटल में भारतीयों को सही बर्ताव करने की हिदायत, छिड़ी बहस

क्या भारतीय पर्यटक विदेश जाकर बहुत जोर से बोलते हैं या अक्खड़पन दिखाते हैं?

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क्या भारतीय पर्यटक विदेश जाकर बहुत जोर से बोलते हैं या अक्खड़पन दिखाते हैं? आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोयनका के एक ट्वीट से सोशल मीडिया पर इस सवाल को लेकर बहस छिड़ गई है. दरअसल इस ट्वीट में उन्होंने स्विट्जरलैंड के एक होटल से मिले ऐसे नोटिस को शेयर किया है, जिसमें भारतीयों के लिए कुछ नियमों का जिक्र किया गया है. सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों का कहना है कि इन नियमों से भारतीयों के लिए पूर्वाग्रह झलक रहा है.

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गोयनका ने अपने ट्वीट में लिखी यह बात

गोयनका ने नोटिस को शेयर करते हुए लिखा, ''इस नोटिस को पढ़कर मुझे गुस्सा आया और मैंने अपमानित महसूस किया. मैं इसे लेकर विरोध-प्रदर्शन करना चाहता था. मगर मुझे अहसास हुआ कि एक पर्यटक के तौर पर हम जोर से बोलने वाले और अक्खड़ होते हैं. हम सांस्कृतिक तौर पर संवेदनशील भी नहीं होते. जैसे-जैसे भारत अंतरराष्ट्रीय शक्ति बन रहा है, हमारे पर्यटक दुनिया में हमारे सबसे अच्छे दूत हैं. आओ अपनी छवि बदलने पर काम करें.''

होटल के नोटिस में है इन बातों का जिक्र

हर्ष गोयनका ने स्विस होटल के जिस नोटिस को शेयर किया है, उसमें भारतीय मेहमानों से इस तरह के नियमों का पालन करने को कहा गया है:

  • कृपया अपने साथ कुछ ना ले जाएं, खाना सिर्फ नाश्ते के लिए है.
  • अगर आप लंच करना चाहते हैं तो इसके लिए (अलग से) भुगतान कर सर्विस स्टाफ के जरिए इसे ऑर्डर कर सकते हैं
  • अगर आप एक डिश को 2 या उससे ज्यादा लोगों के लिए साझा करना चाहते हैं, तो हम सर्विस और प्लेट के लिए अलग से चार्ज करेंगे.
  • इस होटल में आपके अलावा दुनियाभर से और भी मेहमान हैं. वे यहां शांति चाहेंगे, ऐसे में आप कॉरिडोर में शांत रहें और बालकनी में जोर से ना बोलें.
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गोयनका के ट्वीट पर क्या हैं लोगों की प्रतिक्रियाएं

भारतीय पर्यटकों को लेकर हर्ष गोयनका के ट्वीट पर सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.

कुछ लोग होटल के नोटिस को नस्लवाद और भारतीयों के प्रति पूर्वाग्रह का मामला बता रहे हैं, कुछ इसे लेकर मजाक करते भी दिख रहे हैं, वहीं कुछ लोग भारतीय पर्यटकों को ही नसीहत देते नजर आ रहे हैं.

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