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Adultery क्या है? भारत में शादी के बाद किसी और से सेक्स सही?

Adultery पर फैसला देते समय Supreme Court ने कहा कि शादी में पति, पत्नी का मालिक नहीं है.

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पैनल: फैजान अहमद, गरिमा साधवानी, प्रतीक वाघमारे, धनंजय कुमार और श्रव्या एमजी

2018 में भारत में अडल्ट्री या एडल्ट्री (Adultery) के कानून को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court on Adultery) की 5 जजों की बेंच ने एक ऐतिहासिक फैसले में रद्द कर दिया. हालांकि भीरतीय सेना में अभी भी अडल्ट्री का कानून (Adultery Law in India) लागू है. यानी सेना में कोई शादीशुदा मर्द किसी दूसरी शादीशुदा महिला के साथ उसके पति की सहमति के बिना शारीरिक संबंध नहीं बना सकता है. लेकिन सेना के बाद अब ऐसा करना अपराध नहीं है. अडल्ट्री भारत में अब अपराध नहीं (Adultery is Not a Crime) है.

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सुप्रीम कोर्ट ने माना कि यह कानून महिलाओं के साथ भेदभाव करता है इसलिए इसे रद्द किया गया. अडल्ट्री भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 497 का हिस्सा था. जस्टिस मिश्रा ने कहा था कि, "अब यह कहने का वक्त आ गया है कि शादी में पति, पत्नी का मालिक नहीं होता है. स्त्री या पुरुष में से किसी भी एक की दूसरे पर कानूनी संप्रभुता सिरे से गलत है."

बता दें कि ये कानून 1860 में अस्तित्व में आया था. कानून के तहत अगर कोई मर्द किसी दूसरी शादीशुदा महिला के साथ उसकी सहमति से शारीरिक संबंध बनाता है, लेकिन उस शादीशुदा महिला का पति इसकी शिकायत करता है तो इस मामले में शादीशुदा महिला के साथ संबंध बनाने वाले को अडल्ट्री कानून के तहत पांच साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

वहीं अगर कोई शादीशुदा मर्द किसी गैर शादीशुदा महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाता है तो यह अडल्ट्री का मामला नहीं बनता.

साथ ही इस कानून के तहत न तो महिला शिकायत कर सकती है न ही महिला को दोषी माना जाता सकता था. कानून के अनुसार, महिलाएं शादी के बाद किसी संबंध की शुरुआत नहीं करतीं. इसी तर्क को आधार बनाकर यह महिलाओं को अडल्ट्री का दोषी नहीं माना जाता था.

2018 के बाद अडल्ट्री अपराध तो नहीं है लेकिन नैतिकता के आधार पर अडल्ट्री कितना सही है और कितना गलत ये चर्चा का विषय है और किसी की व्यक्तिगत राय हो सकती है? क्या शादीशुदा जिंदगी के बावजूद किसी और के साथ सेक्स संबंध बनाना ठीक है या नहीं, इसी पर देखें ये वीडियो.

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