उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में पिछले दिनों पिटबुल (Pitbull) ब्रीड के एक कुत्ते ने 80 साल की महिला की हत्या कर दी. कुत्ते ने जिस तरह से अपनी मालकिन पर हमला किया उसे सुनकर हर कोई हैरान और दहशत में है. सवाल उठ रहे हैं कि क्या इतने खूंखार कुत्ते को पालना सही है? इसके साथ ही लोग पूछ रहे हैं कौन से ब्रीड के कुत्तों को पालना चाहिए? इन सब सवालों के बीच हम आपको बताएंगे दुनिया के सबसे खतरनाक कुत्तों के बारे में जिनपर कई देशों में प्रतिबंध लगा है.
पिटबुल
पिटबुल (Pitbull) एक इंग्लिश कुत्ता है. इस प्रजाति को 19वीं सदी के अंत के दशकों में बुल एंड टेरियर डॉग के साथ अमेरिकन बुली टाइप डॉग की मेटिंग से विकसित किया गया था. पिटबुल डॉग चार नस्ल के होते हैं- अमेरिकन पिटबुल टेरियर, अमेरिकन स्टैनफोर्डशायर टेरियर, अमेरिकन बुली और स्टैफोर्डशायर बुल टेरियर.
पिटबुल दुनिया के सबसे खूंखार कुत्तों में से एक है. ये खतरनाक, गुस्सैल और आक्रामक होते हैं. पिटबुल का एनर्जी लेवल काफी ज्यादा होता है. जिसके कारण इन्हें खेलना, दौड़ना-भागना काफी पसंद है. ये बेहद बुद्धिमान भी होते हैं.
पिटबुल पर अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, चीन, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, न्यूजीलैंड सहित 41 देशों में बैन लगा है. इन देशों में इसको पालने और प्रजनन पर रोक है. इसके साथ ही इसके आयत पर भी बैन है.
डोगो अर्जेंटीनो
डोगो अर्जेंटीनो (Dogo Argentino) को अर्जेंटीना के मास्टिफ के रूप में भी जाना जाता है. ये उतने सामान्य नहीं हैं जितने बड़े नस्ल के कुत्ते रखवाली के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. हालांकि, ये वफादार, प्यार करने वाले और निडर होते हैं. इसके साथ ही इन्हें आक्रामक कुत्तों के तौर भी देखा जाता है.
दुनिया के करीब 18 देशों में डोगो अर्जेंटीनो को पालने पर बैन लगा है. इस लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, हांगकांग, इजराइल, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, UAE, और यूके के नाम शामिल हैं. इनके अलावा, बरमूडा में इसके आयात पर रोक है.
जापानी टोसाफोटो:
जापानी टोसा (Japanese Tosa) को टोसा इनु ( Tosa Inu) के नाम से भी जाना जाता है. डॉग फाइट के लिए इस ब्रीड को विकसित किया गया था. जापान में आज भी इन कुत्तों का इस्तेमाल डॉग फाइट के लिए किया जाता है. इन्हें सूमो डॉग्स भी कहा जाता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि ये कमजोर और बुजुर्ग लोगों के लिए कुत्ते की सही नस्ल नहीं हैं. उन घरों में भी इनकी अनुशंसा नहीं की जाती है जहां पहले से कुत्ते हैं या फिर छोटे अपार्टमेंट हैं.
इस जापानी कुत्ते को 18 देशों में खतरनाक माना जाता है. त्रिनिदाद-टोबैगो और आयरलैंड में इनको लेकर कानून बने हैं. डबलिन सिटी काउंसिल ने इनपर प्रतिबंध लगा रखा है. इसके अलावा इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, साइप्रस, डेनमार्क, हॉन्गकॉन्ग, इजराइल, मलेशिया, न्यूजीलैंड सहित कई देशों में प्रतिबंध है.
ब्राजीलियन मास्टिफ
फिला ब्रासीलीरो (Fila Brasileiro) या ब्राजीलियाई मास्टिफ (Brazilian Mastiff), ब्राजील में विकसित कामकाजी कुत्ते की एक नस्ल है. यह अपनी शानदार ट्रैकिंग क्षमता, आक्रामकता, तेज स्वभाव के लिए जाना जाता है. इन कुत्तों का इस्तेमाल रखवाली और डॉग फाइट के लिए किया जाता है.
फिजी, यूके, नॉर्वे, माल्टा और साइप्रस में अदालत से विशेष छूट के बिना इसका मालिक होना अवैध है. तुर्की में फिला ब्रासीलीरो का स्वामित्व और प्रजनन अवैध है. ऑस्ट्रेलिया के कई राज्यों में फिला एक प्रतिबंधित नस्ल है. इसके आयात पर भी प्रतिबंध है. वहीं न्यूजीलैंड और त्रिनिदाद और टोबैगो में इसे एक खतरनाक कुत्ते के रूप में वर्गीकृत किया गया है.
अमेरिकन बुलडॉग
अमेरिकन बुलडॉग (American Bulldog) एक एथलेटिक कुत्ता है, जो अपनी ताकत और फुर्ती के लिए जाना जाता है. यह इंग्लिश बुलडॉग का सबसे करीबी वंशज है. इनमें बड़ी ताकत, धीरज, चपलता होती है. अमेरिकन बुलडॉग दोस्ताना नेचर के भी होते हैं. बावजूद इसके इनपर कई देशों में प्रतिबंध है.
अमेरिकन बुलडॉग को लंबे समय तक अकेला छोड़ने पर ये खूंखार और गुस्सैल हो जाते हैं. अमेरिका के कुछ राज्यों के अलावा, अमेरिकन बुलडॉग डेनमार्क, मलेशिया, सेंट किट्स एंड नेविस और सिंगापुर में प्रतिबंधित हैं. बरमूडा में इनके भी आयात पर प्रतिबंध है.
रॉटवीलर
रॉटवीलर (Rottweiler) प्रजाति के कुत्ते जर्मनी में पाए जाते हैं. ये बेहद ताकतवर होते हैं. इनके जबड़े बहुत ही मजबूत होते हैं. इनको अजनबी और दूसरे कुत्ते पसंद नहीं हैं. इस नस्ल के कुत्तों का इस्तेमाल चौकीदारी के लिए होता है. अगर इनको सही तरीके से ट्रेनिंग नहीं दी जाए तो ये खतरनाक हो सकते हैं.
दुनिया के करीब 10 देशों में कुत्ते की इस प्रजाती को खतरनाक माना जाता है और इसके पालन-पोषण पर प्रतिबंध है. इक्वाडोर और बरमूडा ने रॉटवीलर पर प्रतिबंध लगा रखा है. आयरलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया और सिंगापुर जैसे अन्य देशों ने भी इस नस्ल के स्वामित्व पर प्रतिबंध लगा दिया है.
बोअरबेल
बोअरबेल (Boerboel) मास्टिफ प्रकार के बड़े कुत्ते की एक दक्षिण अफ्रीकी नस्ल है. जिसका इस्तेमाल गार्ड डॉग के रूप में किया जाता है. यह एक शक्तिशाली कुत्ता है, जिसकी हड्डी संरचना मजबूत है और मांसपेशियां अच्छी तरह से विकसित है. यह डेनमार्क, सिंगापुर और कतर में प्रतिबंधित है.
केन कॉर्सो
केन कॉर्सो (Cane Corso) इटालियन मास्टिफ है. यह बड़ी हड्डियों के साथ एक मांसल कुत्ते की नस्ल है. अंग्रेजी मास्टिफ की तुलना में ये अधिक फुर्तीला है. अपने चचेरे भाई नियपोलिटन मास्टिफ की तुलना में ये बहुत हल्का भी है. इन्हें कुत्तों की दुनिया का 'माइक टायसन' भी कहा जाता है. बरमूडा के अलावा अमेरिका के कुछ राज्यों में इन कुत्तों पर प्रतिबंध है.
इस इटालियन मास्टिफ पर जर्मनी, कनाडा, फ्रांस, आयरलैंड, इंग्लैंड और के कुछ हिस्सों में प्रतिबंध लगा है.
भारत में किन कुत्तों पर है बैन?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में कुत्तों के किसी भी नस्ल पर प्रतिबंध नहीं है. लोग अपनी पसंद के नस्ल के कुत्ते पाल सकते हैं और इसके लिए न ही किसी रजिस्ट्रेशन की जरूरत है. हालांकि, भारत ने विदेशी नस्ल के कुत्तों की आयात पर प्रतिबंध लगा रखा है. लेकिन, अगर आप पहले से ही किसी विदेशी नस्ल के कुत्ते के मालिक हैं, तो कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा.
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