होली यानी रंगों के इस त्योहार पर बुरा न मानो होली है कहकर रंग फेंकने वाले बाजार में बिकने बाले जिन रंगों का इस्तेमाल करते हैं उनमें माइका, लेड जैसे हानिकारक रसायनिक मिले होते हैं, जिससे बाल और स्किन रूखी और बेजान हो जाती है. बाल झड़ने लगते हैं. कैसे रंगों से खेले होली बता रही हैं मशबूर ब्यूटी एक्सपर्ट शहनाज हुसैन-
कैसे रंगों से खेले होली
होली में उपयोग किये जाने बाले रंगों से त्वचा में एलर्जी, आखों में जलन और पेट की अनेक समस्याएं खड़ी हो जाती हैं. सबसे पहले आप यह कोशिश करें कि आप आर्गेनिक/हर्बल रंगों से ही होली खेलें. लेकिन इन रंगों की पहचान भी जरूरी है.
होली के दौरान बाजार में इको फ्रैंडली रंगों की भरमार आ जाती है, लेकिन अगर इन रंगों से किसी केमिकल या पेट्रोल की गंध आये या रंग पानी में आसानी से न घुलें तो आप इन्हें कतई न खरीदें.
घर में ऐसे बनाएं हर्बल रंग
नामी-गिरामी कंपनियों के बाजार में बिकने बाले महंगे हर्बल रंगों को ही चुने, बल्कि बेहतर रहेगा अगर आप घर में ही हर्बल रंगों को बनायें. आप बेसन में हल्दी मिलाकर पीला हर्बल रंग पा सकते हैं.
गेंदे के फूलों के पत्तों को पानी में उबालकर पिचकारी के लिए पीला रंग बना सकते हैं, जबकि गुड़हल फूलों के पत्तों के पाउडर को आटे के साथ मिलाने से लाल रंग बन जाता हैं. पानी में केसर या मेहंदी मिलकर नारंगी रंग बन जाता है. इसी तरह अनार के दाने पानी में मिलाकर गुलाबी रंग का पानी बन जाता है.
अगर आप कॉलोनी के पार्क में खुशनुमा माहौल में दिल खोलकर होली खेलना चाहती हैं तो जमकर रंग खेलने के बाद चुटकियों में रंग छुड़ाने के ये हैं तरीके-
होली खेलने से 20 मिनट पहले त्वचा पर 20 एसपीएफ का सनस्क्रीन लेप लगाएं. अगर आपकी त्वचा पर फोडे़, फुंसिया हैं, तो 20 एससपीएफ से ज्यादा की सनस्क्रीन का उपयोग करना चाहिए. ज्यादातर सनस्क्रीन में माइस्चराईजर होता है.
अगर आपकी त्वचा शुष्क हैं तो पहले सनस्क्रीन लगाने के बाद कुछ समय इंतजार करने के बाद ही त्वचा पर माइस्चराईजर का लेप करें. आप अपनी बाजू और सभी खुले अंगों पर माईस्चराइजर लोशन या क्रीम का उपयोग करें.
होली खेलने से पहले सिर में बालों पर हेयर सीरम या कंडीशनर का उपयोग करें. इससे बालों को गुलाल के रंगों की वजह से पहुंचने वाले सुखेपन से सुरक्षा मिलेगी और सूर्य की किरणों से होने वाले नुकसान से भी बचाव मिलेगा.
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होली के रंगों से नाखूनों को बचाने के लिए नाखूनों पर नेल वार्निश की मालिश करनी चाहिए. होली खेलने के बाद त्वचा और बालों पर जमें रंगों को हटाना काफी मुश्किल काम है, उसके लिए सबसे पहले चेहरे को बार-बार साफ पानी से धोएं और इसके बाद क्लीजिंग क्रीम या लोशन का लेप कर लें कुछ समय बाद इसे गीले कॉटन वूल से धो डालें.
आंखों के इर्द गिर्द के क्षेत्र को हल्के-हल्के साफ करना न भूलें. क्लीजिंग जैल से चेहरे पर जमे रंगों को धुलने और हटाने में काफी मदद मिलती है. अपना घरेलू क्लीनजर बनाने के लिए आधा कप ठंडे दूध में तिल, जैतून, सूर्यमुखी या कोई भी वनस्पति तेल मिला लीजिए. कॉटन वूल पैड को इस मिश्रण में डूबोकर त्वचा को साफ करने के लिए उपयोग में लाएं. शरीर से रसायनिक रंगों को हटाने में तिल के तेल की मालिश महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है, इससे न केवल रसायनिक रंग हट जाएंगे ,बल्कि त्वचा को अतिरिक्त सुरक्षा भी मिलेगी.
होली के अगले दिन दो चम्मच शहद को आधा कप दही में थोड़ी सी हल्दी में मिलाएं और इस मिश्रण को चेहरे और सभी खुले अंगों पर लगा लें. इसे 20 मिनट लगा रहने दें उसके बाद साफ ताजे पानी से धो डालें. इससे त्वचा से कालापन हट जाएगा और त्वचा मुलायम हो जाएगी.
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