Jyotiba Phule Death Anniversary: महान समाज सुधारक, लेखक, विचारक ज्योतिराव गोविंदराव फुले की आज पुण्यतिथि मनाई जा रही हैं. उन्हें ज्योतिबा फुले के नाम से भी संबोधित किया जाता है. ज्योतिबा के जीवन परिचय की बात करें तो उनका जन्म 11 अप्रैल 1827 को महाराष्ट्र के सतारा जिले के कटगुण में हुआ था. उनका पूरा नाम ज्योतिराव गोविंदराव गोन्हे, ज्योतिराव गोविंदराव फुले था. पिता गोविंदराव तथा माता चिमणा बाई थीं. ज्योतिबा फुले का विवाह साल 1840 में सावित्री बाई फुले से हुआ था. 28 नवंबर 1890 में ज्योतिबा फुले का निधन हो गया.
स्त्रियों की दशा सुधारने और उन्हें शिक्षित करने की दिशा में ज्योतिबा फुले ने साल 1854 में एक कन्या स्कूल खोला. यह देश का यह पहला महिला विद्यालय था. धार्मिक कट्टरता की परंपरा के खिलाफ जाकर ब्राह्मण-पुरोहित के बिना विवाह संस्कार शुरू कराया. समाज के प्रति उनके निस्वार्थ सेवा को देखते हुए साल 1888 में मुंबई की एक विशाल सभा में उन्हें ‘महात्मा’ की उपाधि दी. आज उनकी पुण्यतिथि के मौके पर हम आपके लिए अनमोल विचार लेकर आए हैं.
Mahatma Jyotiba Phule Quotes In Hindi: महात्मा ज्योतिबा फुले के अनमोल विचार
ईश्वर एक है और वही सबका कर्ताधर्ता है.
परमेश्वर एक है और सभी मानव उसकी संतान हैं.
शिक्षा स्त्री और पुरुष की प्राथमिक आवश्यकता है.
भगवान और भक्त के बीच मध्यस्थता की कोई आवश्यकता नहीं है.
अगर कोई किसी प्रकार का सहयोग करता है , तो उससे मुंह मत मोड़िए.
स्वार्थ अलग अलग रुप धारण करता है. कभी जाति का , तो कभी धर्म का.
आर्थिक विषमता के कारण किसानों का जीवन स्तर अस्त व्यस्त हो गया है.
समाज के निम्न वर्ग तब तक बुद्धि, नैतिकता, प्रगति और समृद्धि का विकास नहीं करेंगे जब तक वे शिक्षित नहीं होंगे.
मंदिरों में स्थित देवगण ब्राह्मण पुरोहितों का ढकोसला है.
आपके संघर्ष में शामिल होने वालों से उनकी जाति मत पूछिए.
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