वीडियो एडिटर: दीप्ति रामदास
वीडियो प्रोड्यूसर: आस्था गुलाटी
हम होमबॉयर्स का एक ग्रुप हैं, जिन्होंने गुरुग्राम के सेक्टर-37 में स्थित बीपीटीपी के 'पार्क स्पेसियो' प्रोजेक्ट की मौजूदा स्थिति के बारे में द क्विंट की 'माय रिपोर्ट' में बताया था. 10 साल की देरी और कई झूठे वादों और गुजारिशों के बाद, बीपीटीपी ने हमें भरोसा दिया कि हमें दिसंबर 2019 में अपने फ्लैटों पर पजेशन दे दिया जाएगा.
दुर्भाग्य से, 'पार्क स्पेसियो' की कंस्ट्रकशन साइट पर एक बार जाना ही हमारे लिए यह जानने के लिए काफी है कि कहीं से भी ये कंस्ट्रक्शन पूरा होने के करीब नहीं है. केवल एक महीने की समय सीमा बची है, और हम एक बार फिर निराश हो रहे हैं.
2010 में, फ्लैट की बुकिंग के समय, हमें भरोसा दिया गया था कि ये प्रोजेक्ट 6 महीने की ग्रेस पीरियड के साथ 36 महीनों के अंदर पूरा हो जायेगा और मार्च 2014 तक इनकी डिलीवरी दी जाएगी.
पार्क स्पेसियो के आसपास अन्य प्रोजेक्ट्स में कंस्ट्रक्शन जारी है, लेकिन हम अभी भी बेबस हैं. कंस्ट्रक्शन अभी रुका हुआ है. बिल्डर के साथ जुलाई के बाद की हमारी बैठकों से कोई फायदा नहीं हुआ.
“वे (BPTP) हर छह महीने के बाद पजेशन देने में देरी करते हैं. यहां तक कि कंस्ट्रक्शन भी रुक गया है.”अजीत, घर खरीदार
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हमने बीपीटीपी निदेशक त्रिपाठी से बात की और उन्होंने दिसंबर 2019 तक फ्लैटों की डिलीवरी का भरोसा दिया. सेल्स एंड मार्केटिंग के वीपी रोहित मोहन ने भी हमें यही बताया. हालांकि, अगर आप साइट की स्थिति को देखते हैं, तो यह न ही खत्म होने और न ही डिलीवर होने की स्थिति में है. साइट की ये हालत पिछले दो साल से ऐसी ही है. कोई बदलाव नहीं हुआ है. एक घर खरीदार सौरभ शर्मा को भी ऐसा ही लगता है.
“पिछले डेढ साल से हम यही देख रहे हैं. काम हो रहा है पर कुछ भी प्रगति नहीं हुई है. जगह-जगह पर सामान पड़ा है, कोई लेबर नहीं दिखाई दे रहा है. ऐसी हालत देखकर मुझे नहीं लगता गुरुग्राम में अपने घर में रहने का सपना पूरा हो पाएगा. मैं कभी यहां आकर रह पाउंगा.”
अपने घर में शिफ्ट होना वाकई हमारे लिए एक सपना बनकर रह गया है. हम में से कई ने इन फ्लैटों को अपने परिवारों के लिए घर बनाने की सोची थी. मैंने अपनी बेटी को पास के एक स्कूल में दाखिला लेने के बारे में सोचा था लेकिन पिछले तीन सालों से हमें केवल झूठे वादे दिए जा रहे हैं. "पजेशन 6 महीने में दिया जाएगा, 2 महीने में, 3 महीने में" ऐसी बातें सुनकर हम थक गए हैं. जहां एक कॉमन एरिया, किचेन या एक लॉबी होनी चाहिए थी, इसकी बजाय वहां मलबा है.
मुझे लगता है बीपीटीपी में घर लेकर मैंने सबसे बड़ी गलती की. प्रोजेक्ट की हालत देखता हूं, तो वो इतनी खराब है. बीपीटीपी के जो मार्केटिंग हेड हैं, वो लोग सिर्फ इसे डिले कर रहे हैं. पहले इनके पास फंड नहीं थे, लेकिन अब फंड है, तो उनकी नीयत खराब हो गई है.”सौरभ शर्मा, घर खरीदार
दिसंबर की डेडलाइन पर कायम है BPTP
द क्विंट ने प्रोजेक्ट की स्थिति के बारे में BPTP में सेल्स एंड मार्केटिंग के वाइस प्रेजिडेंट रोहित मोहन से बात की. उन्होंने कहा, "प्रोजेक्ट बिलकुल ट्रैक पर है और हमें विश्वास है कि हम सभी कस्टमर को बताई गई समय सीमा का पालन करने में सक्षम होंगे"
(सभी 'माई रिपोर्ट' ब्रांडेड स्टोरिज सिटिजन रिपोर्टर द्वारा की जाती है जिसे क्विंट प्रस्तुत करता है. हालांकि, क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों / आरोपों की जांच करता है. रिपोर्ट और ऊपर व्यक्त विचार सिटिजन रिपोर्टर के निजी विचार हैं. इसमें क्विंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)
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