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अहमदाबाद के ऐतिहासिक मीनार के पास रेलवे का गैरकानूनी कंस्ट्रक्शन

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के मुताबिक अहमदाबाद के ‘ब्रिक मीनार’ राष्ट्रीय महत्व के स्मारक हैं.

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वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) के मुताबिक अहमदाबाद के 'ब्रिक मीनार’ राष्ट्रीय महत्व के स्मारक हैं. 2018 में कालूपुर रेलवे स्टेशन के बाहर मौजूद इन ऐतिहासिक और विरासत स्तंभों को अवैध रूप से नुकसान पहुंचाने के लिए डीआरएम अहमदाबाद और एएसआई के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई थी. रेलवे की ओर से फरवरी 2018 में इसके नजदीक कंस्ट्रक्शन का काम शुरू किया गया था.

आपको पूरी कहानी बताते हैं. पिछले साल अप्रैल से फरवरी तक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने पश्चिम रेलवे के डिविजनल रेलवे मैनेजर को तीन कारण बताओ नोटिस जारी किए. नोटिस में कहा गया है कि निर्माण एक राष्ट्रीय स्मारक के 100 मीटर के दायरे में हो रहा है, जो कि वर्जित सीमा के अंदर आता है. इसलिए इसे रोकने की जरूरत है, क्योंकि यह अवैध है.

इस बारे में मैंने कंस्ट्रक्शन में शामिल सभी पक्षों को कई बार खत लिखा, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. इसके बाद मैंने अहमदाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां इस मामले पर सुनवाई होनी है.

इसे देखते हुए कि अहमदाबाद भारत का पहला ‘विश्व धरोहर शहर’ है, जहां 50 से ज्यादा ‘ग्रेड 1’ स्मारक मौजूद हैं, यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके बावजूद, सरकारी अधिकारी उनकी सुरक्षा और देखरेख करने में नाकामयाब रहे.

साल 2017 में यूनेस्को ने अहमदाबाद को 'वर्ल्ड हेरिटेज सिटी' का खिताब इस शर्त पर दिया था कि ऐतिहासिक धरोहरों के 100 मीटर के दायरे में होने वाले अवैध निर्माण को नियंत्रित किया जायेगा और उनकी जांच की जाएगी.

अहमदाबाद नगर निगम और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण दोनों इस मामले में विफल रहे हैं. यहां के सरकारी विभाग भी विफल रहे हैं. यह निराशाजनक है लेकिन हैरानी की बात नहीं है. अहमदाबाद में ऐतिहासिक स्थलों के पास अवैध निर्माण और अतिक्रमण की समस्या आम है.

इस तरह के मशहूर ऐतिहासिक स्मारकों के पास लगातार हो रहे अनियोजित शहरी विकास से, यह जरूरी है कि अहमदाबाद के प्रत्येक नागरिक शहर की समृद्ध विरासत की हिफाजत करने में अपनी भागीदारी निभाएं.

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