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मुस्लिम करते हैं इस हिंदू को प्यार, बेचता है अचार संग समाचार

मटिया महल बाजार में मौजूद KR अचार और मुरब्बा स्टोर स्वाद के दीवानों का पसंदीदा पड़ाव है.

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पुरानी दिल्ली (Old Delhi) की संकरी गलियां खजानों से भरी पड़ी हैं. तरह-तरह के सामान, जरूरत की चीजें और खाने यहां आपको आसानी से मिल जाएंगे. क्वालिटी भी बढ़िया और दाम भी उचित. इन्हीं संकरी गलियों में मौजूद है KR अचार एंड मुरब्बा स्टोर. पुरानी दिल्ली की जामा मस्जिद (Jama Masjid) के पास ये दुकान भारत की आजादी से भी पहले से है. यहां अचार और पत्रिकाएं बेचीं जा रही हैं. मटिया महल बाजार में मौजूद KR अचार और मुरब्बा स्टोर स्वाद के दीवानों का पसंदीदा पड़ाव है. सिटिजन जर्नलिस्ट श्रिया त्रिसाल इस दुकान पर पहुंची हैं और हमें इसके स्वादिष्ट इतिहास से रूबरू करा रही हैं.

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गौरव बताते हैं कि उनके दादा लाला देवी साहू ने इस दुकान की शुरुआत की थी. उन्हें खुद पढ़ने का बहुत शौक था. आज भी जो लोग दुकान का पता जानते हैं वो दूर दूर से पत्रिकाएं लेने आते हैं.

गौरव बताते हैं कि उनके दादा लाला देवी साहू ने इस दुकान की शुरुआत की थी. उन्हें खुद पढ़ने का बहुत शौक था. आज भी जो लोग दुकान का पता जानते हैं वो दूर दूर से पत्रिकाएं लेने आते हैं.

“हमारी दुकान पर मौजूद सभी अचार और मुरब्बे नेचुरल तरीकों से बनते हैं. इनमें अच्छी गुणवत्ता वाला तेल और मसाले इस्तेमाल करते हैं. उसी चीज का कमाल है कि ये स्वाद बनता है.”
गौरव (KR अचार और मुरब्बा)

स्वाद की इस विरासत को आगे बढ़ा रहे रामावतार साहू का दावा है कि जो उनका अचार एक बार चख लेता है वो फिर बड़े ब्रांड्स की तरफ देखना बंद कर देता है

“घरेलू उद्योग के अनुसार ही हम उत्पादन करते हैं. सीजन के समय परिवार और पड़ोस के बच्चों की मदद से आम के और दूसरे अचार बनाते हैं. हमारी गारंटी है कि एक बार आप हमारे यहाँ का अचार टेस्ट कर लेंगे तो ये स्वाद आपको कहीं नहीं मिलेगा, किसी बड़े से बड़े ब्रांड में भी नहीं मिलेगा.”
रामावतार साहू (KR अचार और मुरब्बा)

ग्राहक इस स्वाद के दीवाने हैं

KR अचार और मुरब्बा पुरानी दिल्ली में स्वाद के दीवानों का पसंदीदा पड़ाव है. कई परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी इनका अचार खरीदते आ रहे हैं.

“मेरा बचपन यहां गुजर गया. मेरी उम्र 48 साल है. जब भी जरूरत होती है यहीं से खरीदते हैं. बहुत अच्छे स्वाद और क्वालिटी के आइटम इनके पास हैं जो भी आप चखेंगे लेकर ही जाएंगे.”
सलीमुद्दीन (ग्राहक)

गौरव से हमने पूछा कि क्या कभी उन्हें यहां से नई जगह जाने या नया कारोबार शुरू करने का ख्याल नहीं आया? तो गौरव ने कहा “यहां लोगों ने हमें बेहद प्यार दिया है. पूरा इलाका मुस्लिम बाहुल्य है. हिन्दुओं की कुछ ही दुकानें है लेकिन सभी लोग इतना प्यार देते हैं कि हमारा भी मन करता है इनकी सेवा करें और बेहतर से बेहतर स्वाद दें.”

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