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हमें वोट देने का अधिकार है, तो हमें सवाल पूछने का भी अधिकार है

आखिर सरकार लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए ये कर रही है या उन्हें मुश्किल में डालने के लिए?

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मैं आदित्य शर्मा सिंगमपल्ली, आंध्र प्रदेश के विगनान फाउंडेशन फॉर साइंस टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बीटेक फाइनल ईयर का स्टूडेंट हूं. मैं TEDxVFSTR के लिए लाइसेंसधारी क्यूरेटर और ऑर्गेनाइजर भी हूं. गुंटूर में मैंने पहली बार TED टॉक भी आर्गेनाइज करवाया है.

मेरा मानना है कि इस दुनिया में अच्छे से जीने के लिए शिक्षा, सम्मान और जिम्मेदारी का अधिकार होना बेहद जरूरी है. मैंने इस काम के लिए प्लान भी तैयार किया है. अपनी योजना को सही रूप से लोगों तक पहुंचाने के लिए दो अन्य लोगों के साथ जल्द ही मैं एक एनजीओ शुरू करने जा रहा हूं.

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वोट की अहमियत मैं अच्छे से समझता हूं. इतिहास हमें बताता है कि क्यों एक इंसान को अपना वोट देना चाहिए. वोटिंग के जरिए मैं बदलाव के लिए लोगों आगे आने के लिए प्रेरित करना चाहता हूं.

TEDx टीम का हिस्सा बनकर मैंने देखा है कि नेता बनना कितना मुश्किल काम होता है. और उस नेता को चुनना उससे भी बड़े सम्मान और जिम्मेदारी की बात होती है. हम सब की यह जिम्मेदारी होनी चाहिए कि सही ढंग से अपने वोट का इस्तेमाल कर अच्छे लीडर को चुनें. मैं इस समाज का हिस्सा हूं और मैं एक जिम्मेदार नागरिक बनने की चाहत रखता हूं. ऐसे में मैं तो अपने वोट का इस्तेमाल तो करूंगा ही, बाकी लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करता हूं.

एक नागरिक होने के नाते मैं सरकार से सवाल पूछना चाहता हूं. मेरा मानना है कि सरकार की हरेक गलती का आम लोगों पर काफी प्रभाव पड़ता है. उदाहरण के रूप में हैदराबाद में मेरे घर के पास एक रोड को बेहतर बनाने के लिए वहां पर बस सेवा को रोक दिया गया. रोड को इस तरह से जाम कर दिया गया है कि वहां से किसी टू-व्हीलर का निकलना भी काफी मुश्किल है. पिछले ढाई सालों से ऐसा चलता आ रहा है. आम लोगों को इस वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

आखिर सरकार लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए ये कर रही है या उन्हें मुश्किल में डालने के लिए?
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सरकार के साथ-साथ आम लोगों का भी यह दायित्व होना चाहिए कि वे अपने जिम्मेदारियों को सही से समझें. क्योंकि सरकार और आम लोग एक सिक्के के दो पहलू की तरह हैं. दोनों एक-दूसरे के बगैर किसी काम के नहीं है. अक्सर ये देखने को मिलता है कि सप्लाई वॉटर वाले पाइप या नल से पानी निकलता रहता है और हर दिन हर शहर में सैकड़ों लीटर पानी बर्बाद होता है.

संबंधित अधिकारियों की यह जिम्मेदारी होनी चाहिए कि इस तरह की परेशानी को तुरंत ठीक किया जाए. साथ ही आम लोग भी अगर ऐसा देखते हैं, तो उन्हें इसे रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए. हमें वोट देने का अधिकार है, इसलिए हमें सवाल पूछने का भी अधिकार है.

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लेखक आदित्य शर्मा सिंगमपल्ली, आंध्र प्रदेश के विगनान फाउंडेशन फॉर साइंस टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च में कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में बीटेक फाइनल ईयर के स्टूडेंट हैं.

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