जैसे-जैसे 2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, चुनावी सरगर्मी बढ़ती जा रही है. एक ओर बीजेपी नेतृत्व वाली 38 पार्टियों की गठबंधन एनडीए तीसरी बार सरकार बनाने की तैयारी कर रही है. वहीं आम चुनाव से पहले विपक्षी दलों (Opposition Parties) द्वारा बनाए गए गठबंधन ‘I.N.D.I.A’ में मौजूद तकरार सामने आ रहा है.
कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने दावा करते हुए कहा है कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी में हुई दिल्ली कांग्रेस की बैठक में राजधानी की सभी 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला हुआ है.
इस दावे के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में सियासी घमासान मच गया.
अलका लांबा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी ने 'इंडिया' गठबंधन छोड़ने की धमकी दे डाली.
आप (AAP) प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, मैंने अलका लांबा का बयान सुना, अगर वे (कांग्रेस) दिल्ली में गठबंधन नहीं करते, तो INDIA गठबंधन में जाने का कोई मतलब नहीं है, यह समय की बर्बादी है. हमारी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा कि INDIA गठबंधन की अगली बैठक में शामिल होना है या नहीं."
चुनावी मैदान में कौन किसपर भारी?
लोकसभा चुनाव (दिल्ली)
2014 के लोकसभा चुनावों में जहां आम आदमी पार्टी को 33.08% वोट मिले थे वहीं कांग्रेस को 15.22% वोट से संतोष करना पड़ा. 2019 में बाजी पलटी और कांग्रेस ने 22.63% हासिल किए वहीं आप के खाते में 18.2% वोट आये. हालांकि इन दोनों ही लोकसभा चुनावों में दोनों पार्टियों ने दिल्ली में के भी सीट नहीं जीती. दोनों ही बार सातों सीट बीजेपी के खाते में गयी.
दिल्ली विधानसभा चुनाव
अगर 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो सीएम अरविंद केजरीवाल का जादू एकदम साफ नजर आया. कांग्रेस कहीं आस पास भी नहीं दिखी. यह नीचे दिए गए आंकड़ों में भी नजर आता है.
दिल्ली MCD चुनाव
दिल्ली नगर निगम चुनाव, 2022 में आम आदमी पार्टी ने बाजी मारी. AAP ने 134 सीटों पर जीत हासिल की और AAP पहली बार MCD की सत्ता में काबिज हो गयी. वहीं बीजेपी के खाते में 104 सीटें आई. दूसरी तरफ कांग्रेस को 12% वोट और 9 सीटों से संतोष करना पड़ा.
गौरतलब है कि अलका लांबा के बयान पर विवाद होने के बाद कांग्रेस डिफेंस मोड़ में दिखी. दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि अलका लांबा का बयान उनका खुद का विचार था और कांग्रेस की बैठक में सीट बंटवारे पर कोई चर्चा नहीं हुई. चर्चा इस बात पर थी कि दिल्ली में पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)