बांग्लादेश (Bangladesh) में जारी हिंसा के बीच पीएम शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया, वह किस देश में शरण लेंगी ये तो बहुत जल्द साफ हो जाएगा. बांग्लादेश की घटना को दुनिया किस नजर से देख रही है? अमेरिका (US), यूके (UK) जैसे बड़े देशों का क्या कहना है? चलिए आपको बताते हैं.
आगे और हिंसा से बचे बांग्लादेश: US
संयुक्त राज्य अमेरिका ने बांग्लादेश में सभी पक्षों से "आगे और हिंसा से बचने" का आह्वान किया है क्योंकि राजधानी ढाका में लूटपाट की खबरें भी आ रही हैं. मीडिया से बातचीत में, विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, "पिछले कई हफ्तों के दौरान बहुत से लोगों की जान चली गई है और हम आने वाले दिनों में शांति और संयम बरतने का आग्रह करते हैं."
जब उनसे पूछा गया कि क्या सेना को अगले नेतृत्व पर फैसला लेना चाहिए? इस पर उन्होंने कहा कि, "हम बांग्लादेशी लोगों को भविष्य की बांग्लादेशी सरकार का फैसला करते देखना चाहते हैं."
अलजजीरा न्यूज वेबसाइट के मुताबिक व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने कहा कि, "हमारा आग्रह है कि अंतरिम सरकार का गठन लोकतांत्रिक तरीके हो. आज सेना ने जो संयम दिखाया है, उसके लिए हम उसकी सराहना करते हैं."
अमेरिकी सीनेट के मेज्योरिटी लीडर चक शूमर ने एक्स पर कहा, "वैध विरोध प्रदर्शनों पर पीएम हसीना की हिंसक प्रतिक्रिया ने उनके निरंतर शासन को अस्थिर बना दिया. मैं बहादुर प्रदर्शनकारियों की सराहना करता हूं और मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग करता हूं. एक संतुलित अंतरिम सरकार स्थापित करना महत्वपूर्ण है जो सभी के अधिकारों का सम्मान करें और तेजी से लोकतांत्रिक चुनाव कराए."
बांग्लादेश में हिंसा की स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी जांच हो: UN
संयुक्त राष्ट्र (UN) महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि, "गुटेरेस ने 'शांतिपूर्ण, व्यवस्थित और लोकतांत्रिक परिवर्तन' के साथ-साथ 'हिंसा की पूरी तरह से, स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी जांच' का आह्वान किया है."
उन्होंने कहा कि, “महासचिव बांग्लादेश के लोगों के साथ पूरी एकजुटता से खड़े हैं और उनके मानवाधिकारों के पूर्ण सम्मान का आह्वान करते हैं. उन्होंने हिंसा की पूरी तरह से, स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की आवश्यकता पर जोर दिया है."
मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा किया जाना चाहिए: EU
यूरोपियन यूनियन एक्सटर्नल एक्शन के मुताबिक, यूरोपीय संघ (EU) बांग्लादेश में हो रही घटनाओं पर कड़ी नजर रख रहा है.
यूरोपीय संघ शांति और संयम का आह्वान करता है. यह महत्वपूर्ण है कि मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पूरा सम्मान करते हुए लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार की ओर एक व्यवस्थित और शांतिपूर्ण परिवर्तन सुनिश्चित किया जाए.
हाल के दिनों में विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों की जान जाने से यूरोपीय संघ दुखी है. हम जनरल वकार-उज-जमान के दिए गए आश्वासन पर ध्यान देते हैं कि स्थिति को शांतिपूर्ण तरीके से संभाला जाएगा, और सभी गैरकानूनी हत्याओं की निष्पक्ष जांच की जाएगी. मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए जवाबदेही महत्वपूर्ण है. जिन लोगों को मनमाने ढंग से हिरासत में लिया गया है, उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए
शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार की रक्षा की जानी चाहिए: UK
अलजजीरा न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, एक बयान में, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के प्रवक्ता ने कहा कि यूके हिंसा और छात्रों, बच्चों और कानून प्रवर्तन अधिकारियों सहित बाकी लोगों के जीवन के नुकसान" से चिंतित है, यह "पूरी तरह से अस्वीकार्य" है.
उन्होंने आगे कहा कि, "शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार की रक्षा की जानी चाहिए और कभी भी हिंसा नहीं होनी चाहिए और हम अधिकारियों से सभी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को रिहा करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि जिन लोगों पर आरोप लगाए गए हैं और जिन पर मुकदमा चलाया गया है, उनके लिए उचित प्रक्रिया का पालन किया जाए."
रूस ने क्या कहा?
अलजजीरा ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि रूस ने भी बांग्लादेश में हो रही घटना पर आधिकारिक टिप्पणी की है. रूस के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि “मॉस्को … उस देश की संवैधानिक आधार पर आंतरिक राजनीतिक प्रक्रियाओं की जल्द से जल्द वापसी की आशा करता है जो हमारा दोस्त है.”
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