केंद्र सरकार (Central Government) की नीतियों के विरोध में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की ओर से आयोजित दो दिवसीय हड़ताल का सोमवार को आंशिक प्रभाव देखा गया. पहले दिन यानी आज भारत बंद का असर पश्चिम बंगाल से लेकर केरल तक दिखा.
इस भारत बंद (Bharat bandh) में बैंक कर्मियों के यूनियनों का एक वर्ग भी शामिल रहा. ट्रेड यूनियन ने दावा किया है कि इस भारत बंद में बिजली कर्मी और रोडवेज कर्मचारी भी शामिल हैं. बंगाल में भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला. यहां प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक को ब्लॉक करते दिखे. वहीं, केरल में भी कई जगहों पर प्रदर्शनकारी निजी कारों को भी रोकते दिखे. ऐसे में आइए जानते हैं कि भारत बंद का आज मिलाजुला असर कहां कहां देखने को मिला.
पश्चिम बंगाल में प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर आए नजर
पश्चिम बंगाल में भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला. कोलकाता के जादवपुर रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में लेफ्ट समर्थित प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक को जाम करते देखे गए. यहां भारी संख्या में लेफ्ट के कार्यकर्ताओं ने इकट्ठा होकर सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया.
विशाखापट्टनम में भारत बंद का असर
भारत बंद के तहत विशाखापट्टनम में सोमवार को सैकड़ों श्रमिकों ने हिस्सा लिया. इस दौरान विशाखापट्टनम स्टील संयंत्र (वीएसपी) आंदोलन का केन्द्र रहा. संयुक्त कार्रवाई समिति के नेतृत्व में श्रमिकों ने वीएसपी के मुख्य द्वार के बाहर धरना प्रदर्शन किया और इस्पात संयंत्र के रणनीतिक विनिवेश के केन्द्र के प्रयास के खिलाफ नारेबाजी की.
केरल में सभी सरकारी कार्यालय बंद
इस हड़ताल के पहले दिन केरल में सभी सरकारी कार्यालय बंद रहे. कई जगहों पर तो प्रदर्शनकारी निजी कारों को भी रोकते दिखे. ट्रेड यूनियनों ने प्रोविडेंट फंड पर ब्याज दरों में कटौती, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि, सरकारी बैंकों के निजीकरण और चार लेबर कोड्स सहित कई चीजों के विरोध में यह हड़ताल की.
बता दें, सरकार की नीतियों के विरोध में ट्रेड यूनियनों की ओर से सोमवार और मंगलवार को भारत बंद आह्वान किया गया है. इस भारत बंद से देशभर में कई सेवाएं प्रभावित होंगी. ट्रेड यूनियनों की ओर से बुलाए गए इस भारत बंद के चलते 28 और 29 मार्च को बैंक, बीमा, बिजली, रोडवेज और रेलवे सहित कई सारे कार्य और सेवाएं बाधित रहने का अनुमान है.
यूनियनों के दावे के अनुसार इस हड़ताल में बिजली कर्मी और रोड़वेज भी शामिल हैं. साथ ही आज और कल बैंकिंग कार्य भी बाधित रह सकते हैं, क्योंकि ट्रेड यूनियनों की इस हड़ताल में बैंक कर्मियों की यूनियनों का एक वर्ग भी शामिल है.
दरअसल, ट्रेड यूनियन अपनी 12 मांगों को लेकर और सरकार की कथित रूप से जनविरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल कर रहे हैं. ट्रेड यूनियन लेबर कोड को हटाने, सरकारी क्षेत्र के निजीकरण, ठेका कर्मचारियों को नियमित करने, मनरेगा के तहत अधिक दिहाड़ी देने आदि की मांग कर रहे हैं.
वहीं, बीजेपी और उसके सहयोगी दल इस हड़ताल का विरोध कर रहे हैं. बीजेपी समर्थित भारतीय मजदूर संघ ने हड़ताल के विरोध में अभियान चलाया है और लोगों से अपील की है कि वे हड़ताल में शामिल न हों.
वहीं, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा समर्थित इंडियन ट्रेड यूनियन के नेता माणिक डे ने अगरतला में कहा कि हड़ताल का पहला दिन बहुत सफल रहा और लोग इसे समर्थन दे रहे हैं.
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