बिहार (Bihar) में नीतीश कुमार (Nitish Kumar Cabinet) की कैबिनेट का विस्तार हो चुका है. कैबिनेट में सबसे ज्यादा आरजेडी (RJD) पार्टी के 17 नेता हैं जबकि जेडीयू के 12, कांग्रेस के 2, हम (HAM) के एक और एक निर्दलीय विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. इस संख्या में नीतीश कुमार और तेजस्वी भी शामिल हैं.
कैबिनेट में महिला प्रतिनिधत्व की बात करें तो कुल तीन महिला विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है. इसमें जेडीयू की दो- लेशी सिंह और शीला मंडल जबकि आरजेडी की एक विधायक अनीता देवी का नाम शामिल है.
लेशी सिंह: पति की हत्या के बाद राजनीति में उतरी थीं
जेडीयू की लेशी सिंह पूर्णिया के सरसी से आती हैं. लेशी ने बारहवीं तक पढ़ाई की और खुद का ट्रांसपोर्ट का बिजनेस शुरू किया. समाज में सक्रिय रहने वाली लेशी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष भी रह चुकीं हैं.
लेशी सिंह तब सुर्खियों में आईं जब उनके पिता मधुसूदन सिंह उर्फ बूटन सिंह की साल 2000 में पूर्णिया कोर्ट परिसर में हत्या हो गई थी. इसी के बाद से लेशी सक्रिय राजनीति में उतरीं. उन्होंने 2000 में चुनाव भी लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद से लगातार धमदाहा से लेशी चुनाव जीत रहीं हैं.
लेशी पहले भी नीतीश कैबिनेट में रह चुकी हैं
लेशी पहले भी नीतीश कुमार की कैबिनेट में शामिल हो चुकी हैं. इससे पहले वो खाद्य-उपभोक्ता मंत्री रहीं और 2014 में वह आपदा प्रबंधन और समाज कल्याण मंत्री भी बनीं थीं.
लेशी पर दो लोगों की हत्या की साजिश में शामिल होने का भी आरोप है. पूर्णिया के सरसी में साल 2021 को सरेराह पूर्व जिला परिषद अनुलिका सिंह के पति रिंटू सिंह की हत्या कर दी गई थी, उस समय सिंह के परिजनों ने लेशी सिंह पर साजिश का आरोप लगाया था. यही नहीं साल 2020 में भी विधानसभा के दौरान आरजेडी नेता बिन्नी सिंह की हत्या के बाद परिजनों ने लेशी सिंह पर आरोप लगाए थे.
शीला मंडल: पहली बार 2020 में विधायक बनीं थीं
जेडीयू की शीला मंडल नीतीश कुमार की कैबिनेट में दूसरी बार मंत्री बनी हैं. शीला मंडल साल 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार चुनाव लड़ीं और जीत गईं. इसके बाद नीतीश कुमार ने पहली बार उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था.
खास बात यह है कि नीतीश कुमार ने 2 बार की सीटिंग विधायक गुलजार देवी का टिकट काट कर शीला कुमारी मंडल को मौका दिया था. शीला के परिवार से कई सदस्य सक्रिय राजनीति में रहे हैं.
शीला के पति शैलेंद्र कुमार पेशे से इंजीनियर हैं और उनके चचेरे ससुर धनिक लाल मंडल भी फुलपरास से विधायक रह चुके हैं. वह बिहार विधानसभा के स्पीकर भी रहे हैं. साल 1977 में जब आम चुनाव हुए तो धनिक लाल मंडल झंझारपुर से सांसद बने और मोरारजी देसाई की सरकार में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बनाए गए थे. धनिक लाल मंडल 1990 से 1995 तक हरियाणा के राज्यपाल भी रह चुके हैं.
इसके अलावा शीला मंडल के जेठ और धनिक लाल मंडल के बेटे भारत भूषण मंडल लौकहा से आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़कर विधायक बन चुके हैं.
अनीता देवी: नोखा से आरजेडी विधायक
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की अनीता देवी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में नोखा सीट से चुनाव लड़ा था. 44 फीसदी से ज्यादा वोटों के साथ जीत दर्ज की थी. अनीता देवी बाहरवीं पास हैं और उनकी उम्र 50 साल है.
अनीता देवी की घोषित संपत्ति एक करोड़ से ज्यादा है और उन पर कोई आपराधिक केस दर्ज नही है. अनीता देवी इससे पहले भी साल 2015 में विधानसभा के चुनाव में 22 हजार से ज्यादा वोटों से जीती थीं.
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