पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव (Sharad Yadav) की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) का आज राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में विलय कर दिया. इससे साफ नजर आ रहा है कि शरद यादव ने अपनी राजनीतिक विरासत को तेजस्वी यादव के हाथों में सौंपने की तैयारी कर ली है. इसके लिए दिल्ली में शरद यादव के आवास पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जहां RJD और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी पहुंचे हैं.
बता दें कभी जनता दल के बैनर तले शरद यादव और लालू प्रसाद यादव एकसाथ राजनीति किया करते थे. लेकिन जनता दल के बिखरने के बाद लालू और शरद ने अपनी अलग-अलग रहा बना ली थी. अब 25 साल बाद दोनों एक बार फिर साथ आ रहे हैं.
कुछ दिन पहले शरद यादव ने ट्वीट कर बताया था कि देश में मजबूत लोकतंत्र स्थापित करना समय की मांग है. मैं इस दिशा में ना केवल बिखरी हुई तत्कालीन जनता दल बल्कि अन्य समान विचारधारा वाली पार्टियों को एकजुट करने के लिए लंबे समय से प्रयास कर रहा हूं और इसलिए अपनी पार्टी LJD का राजद में विलय करने का फैसला किया है.
शरद यादव ने कहा कि अगर बीजेपी को हराना है तो पूरे विपक्ष को एक होना पड़े. ये किसी एक पार्टी से संभव नहीं है कि वो बीजेपी को हरा सके. इसके लिए हमने पहल कर दी है. एक सवाल के जवाब में शरद यादव ने कहा कि पहले विपक्षी पार्टियां एक हो जाएं, उसके बाद तय किया जाएगा कि प्रधानमंत्री के चेहरे के रूप में विपक्ष का चेहरा कौन होगा.
बता दें, शरद यादव ने लोकतांत्रिक जनता दल का गठन मई 2018 में किया था. हालांकि, स्थापना के बाद से ही इस दल ने कोई चुनाव नहीं लड़ा है. साल 2019 का लोकसभा चुनाव भी खुद शरद यादव ने RJD के टिकट पर मधेपुरा से लड़ा था और हार गए थे.
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