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CDS के साथ शहीद जितेंद्र जीते जी न देख पाए गांव तक पक्की सड़क,अब बना रहा प्रशासन

1 महीने पहले खुद जितेंद्र कुमार भी अपने घर से ड्यूटी पर वापस खराब सड़क पर चलकर ही लौटे थे

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CDS बिपिन रावत (Bipin Rawat) 8 दिसंबर को तमिलनाडु में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश में शहीद हो गए. इस दौरान रावत के साथ शहीद 12 अन्य लोगों में मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के रहने वाले नायक जितेंद्र कुमार भी शामिल थे. भोपाल-इंदौर हाइवे से 2 किलोमीटर अंदर है जितेंद्र का गांव धामन्दा.

उनका शव अभी घर नहीं लाया गया है, लेकिन जिस रास्ते से शव लाया जाएगा उस सड़क की रिपेयरिंग प्रशासन ने शुरू कर दी है. गांव में चर्चा है कि क्या इससे पहले देश के लिए अपनी सेवाएं दे रहे जितेंद्र के गांव वालों और खुद जितेंद्र को अच्छी सड़क पर चलने का अधिकार नहीं था?

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सीएम शिवराज का गृह जिला है सीहोर

सीहोर सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गृह जिला है, ऐसे में अगर वे शहीद के परिवार से मिलने पहुंचे और ऊबड़-खाबड़ रास्ता मिला, तो जाहिर है प्रशासन की किरकिरी होगी. इसलिए प्रशासन ने सूझबूझ से तुरंत सड़क की रिपेयरिंग का काम शुरू कर दिया. 9 नवंबर (गुरुवार) की सुबह जब पत्रकार जितेंद्र के गांव पहुंचे, तो सड़क की रिपेयरिंग का काम शुरू हो चुका था.

1 महीना पहले इसी सड़क से चलकर ड्यूटी पर गए थे जितेंद्र 

ग्रामीणों के मुताबिक, ठीक एक महीने पहले 9 नवंबर को जितेंद्र कुमार अपनी ड्यूटी के लिए घर से वापस लौटे थे. जाहिर है जितेंद्र को जीते जी उस खराब सड़क से चलकर जाना पड़ा था, जिसे उनकी शहादत के बाद प्रशासनिक अमला रिपेयर करने में जुट गया है. जितेंद्र 2011 में सेना में भर्ती हुए थे.

(Input - इजहार हसन खान)

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